जब Naresh Kumar, वैज्ञानिक Indian Meteorological Department ने ANI को बताया कि 2 अक्टूबर को हल्की बारिश की संभावना है, तब दिल्ली के कई नागरिकों का दिमाग खींचा‑खींचा हो गया। एक ही दिन, Times of India का हवाला देते हुए दिल्ली में साफ‑सुथरा आसमान, तापमान 26.4°‑33.9°C और कोई बारिश नहीं की पूर्वसूचना दी गई थी। इस दो‑धारीय पूर्वानुमान ने न केवल दुषहेरा‑उत्सव की योजना बनाते लोगों को उलझन में डाल दिया, बल्कि वायु‑गुणवत्ता (AQI) की स्थिति को भी सवालों के घेर में ला दिया।
सप्ताह के पहले दो दिनों में दिल्ली‑NCR ने हल्की‑हल्की बूंदों और तेज हवाओं का सामना किया। पिछले मंगलवार की तेज़ बारिश ने अस्थायी तौर पर नमी‑भरी हवा को राहत दी, पर साथ ही कई जगहों पर जलजमाव और ट्रैफ़िक जाम भी पड़ा। आज सुबह मौसम साफ‑साफ था; धूप के साथ तापमान लगभग 34°सी रहे, हवा 14.8 km/h की हल्की गति से चल रही थी। परंतु शाम को बादल‑छाया की स्थिति फिर से गाँव‑गाँव में घर-घर तक फैलने की संभावना है।
१. Times of India (AQI.in के डेटा के आधार पर) ने बताया कि 2 अक्टूबर को साफ‑सफाई वाला आकाश और कोई बारिश नहीं होगी। तापमान 26.4‑33.9°C, आर्द्रता 55 % और हवा की गति 14.8 km/h रहने की उम्मीद है।
२. India TV News ने 64 % बरसात की संभावना, अधिकतम 37°C और न्यूनतम 25°C बताई।
३. Weather25.com ने कहा कि पूरे अक्टूबर में कोई बारिश नहीं होगी, लेकिन तापमान 26‑36°C के बीच रहेगा।
इन सब डेटा में अंतर का कारण है – कुछ मॉडल सिर्फ यूरो‑प्रकाश‑उत्तरी भारत के स्थिर‑डाटा को देख रहे हैं, जबकि IMD जैसे सरकारी एजेंसियाँ लगातार बदलते मौसमी पैटर्न को ध्यान में रखती हैं।
इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने पूरे दिल्ली‑NCR के लिए पीला अलर्ट जारी किया है, जिसका मतलब है “हल्की‑हल्की बारिश और संभावित तूफ़ान”। दुषहेरादिल्ली के दौरान यदि हल्की सी बूँदें भी पड़ती हैं तो पूजा‑स्थल के बेकरी‑स्टाल्स और भीड़‑भाड़ वाले परेड‑मार्गों में जलजमाव की समस्या बढ़ सकती है। IMD ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से हल्की‑हल्की बारिश की उम्मीद थी, और आज के अलर्ट से हमें सतर्क रहने की जरूरत है।”
कल का AQI 100 पर था, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। PM2.5 45 µg/m³ और PM10 93 µg/m³ दोनों ही सीमा के भीतर रहे, पर CO का स्तर 1125 µg/m³ तक पहुँच गया था। यह स्तर अस्थायी रूप से संवेदनशील व्यक्तियों, विशेषकर श्वास‑रोगियों को प्रभावित कर सकता है। आम जनता को सलाह दी जा रही है कि यात्रा के दौरान मास्क पहनें और हल्की‑फ़िजिकल एक्टिविटी में कमी रखें।
दुषहेरा का प्रमुख आकर्षण जल‑संकल्पना, थाप‑झंकार और मिठाई‑स्टाल्स है। अगर बारिश‑बूँदें इन स्थानों पर गिरें तो:
अधिकांश आयोजक यह कहते हैं कि वे भीड़‑भाड़ वाले क्षेत्रों में जलरोधक तंबू लगाकर तैयार हैं, परन्तु अचानक तेज़‑बजरी वाली बारिश के मामले में प्रतिक्रिया दे पाना मुश्किल हो सकता है।
IMD ने 3‑5 अक्टूबर के लिए अधिकतर धूप‑छाया वाले मौसम की भविष्यवाणी की है, परन्तु 6 अक्टूबर को भारी बारिश के संभावित संकेत भी दिए हैं। इस तरह का उथल‑पुथल वाला पैटर्न, विशेषकर भारत के उत्तर‑पश्चिम भाग में, संक्रमण काल (मॉनसून‑पोस्ट‑मॉनसून) में सामान्य माना जाता है। इसलिए, दिल्ली‑NCR के नागरिकों को हल्के‑विषयक कपड़े साथ रखना, घर में छोटे‑छोटे छत्र (छतरी) रखना और मौसम‑ऐप पर लगातार नज़र रखना उचित रहेगा।
बूँदें पड़ने से मंदिर‑बाहरी जलधाराओं में पानी जमा हो सकता है, जिससे जलेबी‑स्टॉल और अन्य पकवान‑केंद्रित स्टालों में जल‑रोधी व्यवस्था ज़रूरी हो जाएगी। सफ़ाई‑कर्मियों को अतिरिक्त समय देना पड़ेगा, और भीड़‑भाड़ वाले प्रवेश द्वार में सुरक्षा‑बाधा बढ़ सकती है।
नहीं। IMD ने उत्तर‑दिल्ली और उत्तर‑पूर्वी दिल्ली को विशेष रूप से बेवियर‑क्लाउड और हल्की‑बारिश की चेतावनी दी है, जबकि दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में बारिश की संभावना थोड़ी कम बताई गई है। इसलिए जिले‑दर‑जिला अलग‑अलग तैयारी जरूरी है।
AQI 100 मध्यम श्रेणी में आता है, इसलिए सामान्यतः फेफड़े‑संकट वाले लोग ही सावधानी बरतें। लेकिन CO का स्तर 1125 µg/m³ थोड़ा‑बहुत अधिक है, इसलिए ट्रैफ़िक‑भरे क्षेत्रों में संवेदनशील लोगों को मास्क और अल्प‑अवकाश लेना बेहतर रहेगा।
IMD की विस्तारित भविष्यवाणी के अनुसार, 6 अक्टूबर तक फिर से बड़े‑बादलों का असर दिल्ली‑NCR में देखा जा सकता है। इसलिए अगले आठ‑नौ दिनों में मौसम‑केंद्रीत घटनाओं की योजना बनाते समय इस संभावना को ध्यान में रखें।
स्थानीय प्रशासन को जलरोधक तंबू, तेज़‑गति वाले निकास मार्ग और रीयल‑टाइम मौसम‑सेंसर स्थापित करने चाहिए। साथ ही, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली (SMS/एपीएस) के माध्यम से नागरिकों को त्वरित अपडेट देना प्रभावी रहेगा।
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