1995 में Stanford University में दो पीएचडी छात्र, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन, पहली बार मिले। पेज ग्रेजुएट स्कूल जान की सोच रहा था, और ब्रिन, जो पहले से वहीं पढ़ रहा था, उसे कैंपस दिखाने के लिए नियुक्त हुआ। शुरुआती सत्र में दोनों के विचारों में काफी टकराव था, फिर भी 1996 तक उन्होंने मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया, जो बाद में दुनिया को बदल देगा।
डॉर्म रूम के छोटे कंप्यूटर पर उन्होंने एक ऐसा सर्च इंजन बनाया जो वेब पेजों की "बैक लिंक" देख कर उनकी महत्ता तय करता था। इस तकनीक का नाम "Backrub" रखा गया, क्योंकि यह बैक लिंक को रब (रबड़) की तरह खींच कर रैंक तय करता था। यह तरीका उस समय के मौजूदा सर्च टूल्स से बहुत बेहतर साबित हुआ।
1997 में उन्होंने इस प्रोजेक्ट को "Google" नाम दे दिया। यह नाम गणितीय शब्द "googol" (1 के बाद 100 शून्य) से आया था, जो उनकी विशाल आकांक्षा को दर्शाता था – "दुनिया की सारी जानकारी को व्यवस्थित करना और सभी के लिए उपयोगी बनाना"। 15 सितम्बर 1997 को Google.com डोमेन रजिस्टर हुआ, और यही वह दिन था जब "google" शब्द शब्दकोश में नया अर्थ लेकर आया।
अगले साल अगस्त 1998 में, Sun Microsystems के सह-संस्थापक एंडी बेक्टोल्शेम ने एक डेमो देख कर लैरी और सर्गेई को तुरंत $100,000 का चेक लिख दिया। इस फंडिंग ने Google को आधिकारिक तौर पर कंपनी बनाते हुए 4 सितम्बर 1998 को Google Inc. के रूप में पंजीकृत किया।
पहला ऑफिस एक गैरेज था, जो मेनलो पार्क के एक पड़ोस में सुसन वोयजिकी की थी। वह बाद में YouTube की CEO बनीं। इस गैरेज में पुरानी डेस्कटॉप, पिंग पोंग टेबल और नीला कार्पेट था – वही माहौल जहाँ से आज के Googleplex की चमक शुरू हुई।
1999 तक कंपनी ने $25 मिलियन वेंचर कैपिटल हासिल कर ली, और रोजाना लगभग पाँच लाख सर्च क्वेरी प्रोसेस कर रही थी। 2000 में Yahoo! ने अपने सर्च बैकएंड को Google को सौंपा, जिससे Google की पहुंच में तेज़ी आई। 2004 में Gmail के लॉन्च ने ईमेल सर्विस की दुनिया में नया मानक स्थापित किया, जबकि वही साल Android का पहला संस्करण एप्पल के सामने आया, जो मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को पुनः परिभाषित कर दिया।
Google ने 2000 में AdWords (अब Google Ads) शुरू किया, जो ऑनलाइन विज्ञापन को क्लिक-आधारित मॉडल में बदल दिया। इस कदम ने कंपनी को बड़े पैमाने पर राजस्व प्रदान किया और उसे सर्च के अलावा विज्ञापन का भी दिग्गज बना दिया। 2006 में YouTube की खरीददारी ने Google को वीडियो स्ट्रीमिंग के शिखर पर पहुंचा दिया, और इसके बाद कंपनी ने क्लाउड कंप्यूटिंग (Google Cloud), हार्डवेयर (Pixel फोन, Nest) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Google Brain, DeepMind) में बड़े निवेश किए।
सर्च की बात करें तो 2004 में Google ने प्रतिदिन 200 मिलियन खोजें संभाली थीं। 2011 तक यह आंकड़ा 3 बिलियन तक पहुंच गया और 2023 में रोज़ाना 8.5 बिलियन खोजें होने का आँकड़ा आया। जुलाई 2023 तक Google ने डेस्कटॉप सर्च मार्केट का लगभग 83% हिस्सा कब्जा कर रखा था – यह प्रतिशत किसी भी उद्योग में दिग्गज कंपनी को देखते हुए आश्चर्यजनक है।
इनके अलावा, Android OS ने दुनिया के अधिकांश स्मार्टफोन को चलाया, Chrome ब्राउज़र ने वेब एक्सपीरियंस को तेज़ और सुरक्षित बनाया, और Google Maps ने यात्रा को आसान बना दिया। कंपनी का डेटा सेंटर नेटवर्क अब क्वांटम कंप्यूटिंग और AI मॉडल प्रशिक्षण जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में भी काम कर रहा है।
एक रोचक बात यह है कि Google ने अपना असली संस्थापन 4 सितम्बर 1998 को किया, फिर भी वह अपना "जन्मदिन" 27 सितम्बर को मनाता है। यह परम्परा 2000 के मध्य में शुरू हुई, पर कोई ठोस कारण सार्वजनिक नहीं किया गया है।
आज Google केवल एक सर्च इंजन नहीं रहा; यह एक पूर्ण टेक इकोसिस्टम बन चुका है, जहाँ हर साल नई प्रोडक्ट और सेवाएँ लॉन्च होती हैं। कंपनी की मिशन स्टेटमेंट – "दुनिया की जानकारी को व्यवस्थित करना और सभी के लिए उपयोगी बनाना" – अब बस एक स्लोगन नहीं रह गया; यह हर उत्पाद में झलकता है, चाहे वह Gmail की एन्हान्स्ड सर्च हो या AI-संचालित सर्च रिजल्ट।
Google की कहानी हमें यह सिखाती है कि छोटे विचार, सही तकनीक और धूर्त फंडिंग कैसे एक गैरेज को विश्व की सबसे बड़ी टेक कंपनी में बदल सकती है। भविष्य में AI, क्वांटम और ऑटोनॉमस ड्राइविंग जैसे क्षेत्रों में उनके निवेश को देखते हुए, यह कंपनी अभी भी कई नई पहलों के साथ आगे बढ़ रही है।
एक टिप्पणी लिखें
आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी