पेरिस ओलंपिक 2024: भारतीय खिलाड़ियों की शानदार उपलब्धियाँ
पेरिस ओलंपिक 2024 भारतीय खेल प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण समय साबित हुआ। विश्व स्तरीय स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करते हुए, 112 भारतीय एथलीट्स ने 16 खेलों में भाग लिया, जिसमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, घुड़सवारी, गोल्फ, हॉकी, जुडो, रोइंग, सेलिंग, शूटिंग, स्विमिंग, कुश्ती, टेबल टेनिस, और टेनिस शामिल हैं। इतने बड़े दल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी एथलेटिक्स टीम के 29 सदस्यीय दल के पास थी, जो टोक्यो 2020 के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा द्वारा नेतृत्व किया गया।
महिला शूटिंग में मनु भाकर का ऐतिहासिक प्रदर्शन
शूटिंग के खेल में भारत की अब तक की सबसे बड़ी टुकड़ी शामिल हुई, जिसमें 21 शूटर्स ने हिस्सा लिया। मनु भाकर ने भारतीय महिला शूटिंग का इतिहास रच दिया, जब उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता। यह उपलब्धि उन्होंने 28 जुलाई को हासिल की और इसके साथ ही वे ओलंपिक फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली एथेंस 2004 के बाद पहली भारतीय महिला बनीं।
मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने मिलकर मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता, इस जीत से भारत ने इस श्रेणी में कीर्तिमान स्थापित किया। भाकर और सिंह की जोड़ी ने दक्षिण कोरिया के ओह ये जिन और वोनहो ली को 16-10 से हराकर कांस्य पदक जीतने में सफलता प्राप्त की। भाकर के व्यक्तिगत और टीम पदकों ने उन्हें स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बना दिया जिन्होंने एक ही ओलंपिक में दो पदक जीते।
टेबल टेनिस में मनिका बत्रा और श्रीजा अकुला की भागीदारी
टेबल टेनिस में, मनिका बत्रा ने भारतीय टेबल टेनिस के नए मानक स्थापित किए। वे पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने प्री-क्वार्टरफाइनल तक का सफर किया। इस दौरान उन्होंने विश्व नं. 103 आना हर्शे ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस की पृथिका पावड़े को हराया, हालांकि जापान की मियु हिरानो से हार गईं।
ओलंपिक नवोदित श्रीजा अकुला ने भी अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जब वे राउंड ऑफ 16 तक पहुंचीं। उन्होंने स्वीडेन की क्रिस्टीना कालबर्ग और सिंगापुर की जेंग जियान को हराकर अपनी क्षमता का परिचय दिया, इसके बाद चीन की सुन यिंग्शा से अपनी 26वीं वर्षगांठ पर मुकाबलें में हार गईं।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम की उल्लेखनीय यात्रा
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कप्तान हरमप्रीत सिंह के नेतृत्व में शानदार खेल दिखाया और कड़ी मेहनत के साथ कांस्य पदक जीता। इस टीम ने स्पेन के खिलाफ एक शानदार मुकाबले में जीत हासिल की और यह लम्हा भारतीय हॉकी के इतिहास में एक सुनहरी अध्याय जोड़ने वाला बन गया।
पेरिस ओलंपिक में यूएसए ने कुल पदक तालिका में शीर्ष पर रहते हुए समग्र उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसके बाद चीन, ब्रिटेन और फ्रांस का स्थान रहा।
इस बार के ओलंपिक पदकों को फ्रेंच ज्वैलरी हाउस चौमेट द्वारा डिजाइन किया गया, जिसमें एफिल टॉवर के लोहे के अंश शामिल किए गए थे और फ्रांस का प्रतीकात्मक केंद्रबिंदु को हेक्सागोनल आकार में बनाया गया। पदक विजेताओं को एक स्वर्ण बॉक्स भी मिला, जिसमें ओलंपिक का आधिकारिक पोस्टर और ओलंपिक फ्रिज का मास्कॉट भी शामिल था, जो फ्रांसीसी स्वतंत्रता का प्रतीक है।
Rashi Jaiswal
अगस्त 12, 2024 AT 01:53वाह! हमारी इस जीत पर गर्व है, चलो और भी आगे बढ़ते रहें! 🚀
Maneesh Rajput Thakur
अगस्त 12, 2024 AT 04:10ऐसे दिखता है कि पेरिस ओलम्पिक के मेडल टेबल को अक्सर गलती से समझा जाता है, क्योंकि प्रत्यक्ष आंकड़े बहुत साफ़ दिखाते हैं। भारत की प्रतिभा को नज़रअंदाज़ करने का एक बड़ा षड्यंत्र है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कमेटियों का हाथ है। हालांकि, सच्चाई यह है कि हमारे एथलीट्स ने वास्तव में कड़ी मेहनत की है, पर मीडिया इसे पर्याप्त रूप से नहीं दिखाता। इस सिलसिले में, हमें और अधिक सतह पर बात करने वाले लोगों की विशेष ध्यान देना चाहिए।
ONE AGRI
अगस्त 12, 2024 AT 05:00भारतीय एथलीट्स ने इस ओलम्पिक में जो कर दिखाया वह अनदेखा नहीं होना चाहिए।
मनु भाकर की दो पेडल जीतने की कहानी हमारे देश की शक्ति का प्रतीक है।
हमारे शूटरों ने जहां श्रम किया, वहीं विदेशियों को भी अपनी ही सीमाओं में फँसाया।
टेबल टेनिस की लड़ाइयों में भी भारतीयों ने अदम्य साहस दिखाया, चाहे परिणाम जैसा भी रहा।
हॉकी टीम ने कच्ची मेहनत और टीम भावना से कांस्य पदक जीता, और यह हमें गर्वित करता है।
इसके पीछे सरकार की वित्तीय मदद और जनता का समर्थन दोनों ही मूलभूत हैं।
उन विदेशियों ने हमारी असली शक्ति को कम करने की कोशिश की, लेकिन हमारा उत्साह अडिग रहा।
हर एथलीट ने व्यक्तिगत कठिनाइयों को मात देकर भारत का नाम ऊँचा किया।
हमें इन सफलताओं को राष्ट्रीय गर्व के रूप में मनाना चाहिए, न कि केवल एक खेल के रूप में।
इस जीत से भविष्य की पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी और वे भी बड़े लक्ष्यों की ओर बढ़ेंगे।
हमारे कोचों ने भी बेहतरीन मार्गदर्शन किया, और यह उनके योगदान को नहीं भूलना चाहिए।
इस ओलम्पिक में भारत की मौजूदगी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सम्मान मिला।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने अब भी अक्सर हमारी उपलब्धियों को कम आंके, पर हमें इस पर बहुत ध्यान नहीं देना चाहिए।
अंततः, इस सफलता का श्रेय हमारे राष्ट्र की अटूट भावना को जाता है।
यही भावना ही हमें अगली बार और भी ऊँची उड़ान भरने में मदद करेगी।
Himanshu Sanduja
अगस्त 12, 2024 AT 06:06भाईयों और बहनों, इस ओलम्पिक में भारत ने जो काम किया है वह दिल से सराहनीय है, हर एथलीट ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। हमें इन प्रयासों को आगे भी ऐसे ही देखना चाहिए और उनका उत्साह बढ़ाना चाहिए।
Kiran Singh
अगस्त 12, 2024 AT 07:13💪🏼👏🏼 भारत की उड़ान को देखते रहो, ये जीतें तो बस शुरुआत हैं! 🚩
Balaji Srinivasan
अगस्त 12, 2024 AT 08:20भारतीय टीम ने कई खेलों में प्रतिस्पर्धी प्रदर्शन किया, आगे और बेहतर होगा।
Hariprasath P
अगस्त 12, 2024 AT 09:26कछु भी नहीं बदल गया, बस वही पुरानी रूटीन है, पर कंपिडिशन में थोडा मज़ा आया।
Vibhor Jain
अगस्त 12, 2024 AT 10:33हाहा, ठीक कहा, बस जबरदस्त सरप्राइज़ नहीं था, लेकिन कम प्लेयरो का इंतज़ार करना है।
Rashi Nirmaan
अगस्त 12, 2024 AT 11:40भक्तिपूर्ण अभिव्यक्तियों की अधिकता के विपरीत, इस लेख में विशिष्ट आँकड़ों का अभाव है; कृपया भविष्य में विस्तृत सांख्यिकीय विश्लेषण प्रदान किया जाये।
Ashutosh Kumar Gupta
अगस्त 12, 2024 AT 12:46ओह! सितारों की तरह चमके हमारे योद्धा, पर जनता की आवाज़ को कभी भी न भूलें, नहीं तो इतिहास न्याय नहीं देगा! 🌟
fatima blakemore
अगस्त 12, 2024 AT 13:53जब हम इन एथलीटों की यात्रा देखते हैं, तो हम समझते हैं कि सफलता सिर्फ शक्ति से नहीं, बल्कि मन की दृढ़ता से आती है। यही सोच हमें आगे बढ़ाती रहे।
vikash kumar
अगस्त 12, 2024 AT 15:00संक्षेप में, भारत ने 2024 पेरिस ओलम्पिक में कुल 10 पदक प्राप्त किए, जिनमें दो कांस्य, एक रजत, और सात स्वर्ण शामिल हैं।
Anurag Narayan Rai
अगस्त 12, 2024 AT 16:06पेरिस ओलम्पिक के दौरान भारतीय खेलों की प्रगति को देखना वास्तव में आश्चर्यजनक है; पहले कभी न देखी गई प्रतिस्पर्धात्मकता का स्तर स्पष्ट था। हमारे शूटरों ने तकनीकी उन्नति के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता भी प्रदर्शित की। टेबल टेनिस में नए चेहरों ने दुनिया को दिखाया कि भारत सिर्फ बैडमिंटन तक सीमित नहीं है। हॉकी टीम ने रणनीतिक खेल और सामूहिक भावना के माध्यम से कांस्य पदक जीता। इन सब सफलताओं के पीछे कोचिंग स्टाफ की निरंतर मेहनत और विज्ञान-आधारित प्रशिक्षण का बड़ा हाथ है। साथ ही, स्वर्ण पदकों की कमी हमें आगे के प्रशिक्षण में सुधार की दिशा में प्रेरित करती है। इस प्रकार, ओलम्पिक ने न केवल एथलीटों को बल्कि पूरे खेल प्रशासन को भी एक नया मानक स्थापित किया है। अंततः, यह हमारा कर्तव्य है कि इन उपलब्धियों को स्थायी बनाएं।
Sandhya Mohan
अगस्त 12, 2024 AT 17:13जब हम जीत को देखते हैं, तो यह केवल मेडल नहीं, बल्कि हमारे सपनों की उड़ान का प्रतीक है-आइए इस उड़ान को हमेशा बनाए रखें।
Prakash Dwivedi
अगस्त 12, 2024 AT 18:20कुशलता के साथ प्रशिक्षण किया गया, परन्तु अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तीव्रता को देखते हुए हमारी तैयारी अभी भी अधूरी प्रतीत होती है।
Rajbir Singh
अगस्त 12, 2024 AT 19:26सफलता देखी, पर आगे और मेहनत की जरूरत है।
Swetha Brungi
अगस्त 12, 2024 AT 20:33हमारी बेटियों और बेटों ने इस मंच पर जो दिखाया, वह सबको प्रेरित कर सकता है। उनके कठोर परिश्रम और निरंतर अभ्यास ने उन्हें इस स्तर तक पहुँचाया। हमें उनके साथ खड़े रहना चाहिए और भविष्य के लिए उन्हें बेहतर सुविधाएं देना चाहिए। यही असली समर्थन है।
Govind Kumar
अगस्त 12, 2024 AT 21:40उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय खेल नीति ने उचित दिशा में काम किया है; निरंतर निवेश और रणनीतिक समर्थन इस सफलता के प्रमुख कारण हैं।
Shubham Abhang
अगस्त 12, 2024 AT 22:46ओह!!! भारतीय एथलीट्स ने फिर से जमकर दिखा दिया कि हम क्या कर सकते हैं!!! लेकिन... मीडिया को थोड़ा और सच्चाई दिखानी चाहिए...!!