जब Shubman Gill, कप्तान ने शॉट मारते हुए भारत का झंडा लहराया, तभी KL Rahul, बल्लेबाज ने ठीक 100 रन बनाए, और Dhruv Jurel, विकेट‑कीपर बैट्समन ने अपना पहला टेस्ट शतक 125 पर खेला। साथ ही Ravindra Jadeja, ऑल‑राउंडर ने 104* बनाकर टीम को अडिग बना दिया। Washington Sundar, स्पिनर और Kuldeep Yadav, व्रिस्ट‑स्पिनर ने पिच को अपनी शैली से रंगा, जबकि तेज गेंदबाज़ Jasprit Bumrah और Mohammed Siraj ने प्रेशर दिया। ये सभी नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए पहला टेस्ट, वेस्ट इंडीज टूर ऑफ इंडिया 2025नरेंद्र मोदी स्टेडियम के महत्त्वपूर्ण क्षण थे, जहाँ भारत ने केवल तीन दिन में "इनिंग्स और 140 रन" से जीत हासिल की।
डेज़ 1 की शुरुआती पिच धीरे‑धीरे अपनी गति दिखाने लगी, और भारत ने 121/2 पर तालिका रोक दी। शुबमन गिल (50) और केएल राहुल (100) ने मिलकर मसलों को लुभाया, लेकिन लोहे की जंजीरें तोड़ने में वे चुप नहीं रहे। वेस्ट इंडीज के कप्तान Roston Chase, कप्तान‑बॉलर की तेज़ी पर भारत ने सावधानी बरती, जिससे आधी पारी में ही उन्हें लेगे बना ली गई।
डेज़ 2 ने उम्मीदों को परे कर दिया। केएल राहुल ने अपना शतक ठीक 100 पर समाप्त किया, जबकि शुबमन गिल ने 50 की तेज़ी से पारी को आगे बढ़ाया। लेकिन असली मैजिक जडेजा‑ज्यूरल के बीच आया। Ravindra Jadeja ने 104* बनाए, और 24‑वर्षीय Dhruv Jurel ने 125 बनाकर अपना पहला टेस्ट शतक हासिल किया। उनका 206‑रन का पाँचवाँ विकेट साझेदारी ने भारत को 448/5 पर खड़ा कर दिया।
ऐसे में टीम ने तीन स्पिनर्स का चुनाव किया – जडेजा, Axar Patel और Kuldeep Yadav – क्योंकि अहमदाबाद की पिच अक्सर घुमावदार लहरें देती है। इस रणनीति ने वेस्ट इंडीज के तेज़ गेंदबाज़ी को बाधित किया और बैट्समैन को निरंतर घुमावदार बॉलों पर खेलने का मौका मिला।
तेज़ गेंदबाज़ी में Jasprit Bumrah की यॉंकी और Mohammed Siraj की लाइनिंग वेस्ट इंडीज को लगातार ख़तरे में डाल रही थी, परन्तु पहले ही दिन उनका प्रयोग सीमित रहा, क्योंकि स्पिनर्स ने पहले पारी में ही खेल को काबू में ले लिया।
वेस्ट इंडीज को 162 का पहली पारी स्कोर मिला, जिससे उनके सामने 286‑रन का अंतर खुल गया। उनके कप्तान रॉस्टन चेज़ ने बाद में कहा, "हमारी बॉलिंग प्लान सही थी, पर बल्लेबाज़ों ने हमें बहुत जल्दी बहुत बड़े स्कोर पर पहुंचा दिया।" उन्होंने यह भी जोड़ते हुए बताया कि पिच पर स्पिन की मदद से हमने दो‑तीन मोमेंट उठाने की कोशिश की, लेकिन भारत की बैटिंग लाइन‑अप ने इसे बख़ूबी संभाल लिया।
ट्रेडिशनल वेस्ट इंडीज ख़िलाड़ी Shane Dowrich ने अपनी व्यक्तिगत पारी में 45 रन बनाए, लेकिन अन्य बल्लेबाज़ों के गिरते ही टीम का भरोसा टूट गया। कोच Stuart Law ने कहा, "हमें इस धूप वाले स्टेडियम में अपने स्पिनर्स को ज्यादा समय देना चाहिए था, क्योंकि भारत ने हमारे तेज़ गेंदबाज़ी को कम किया।"
अब भारत को केवल एक और टेस्ट जीतनी है, जबकि वेस्ट इंडीज को इस बड़े अंतर को कम करने के लिए पूरी टीम को फिर से संगठित होना पड़ेगा। अगला मैच दुर्गा के एएनआई स्टेडियम में खेला जाएगा, जहाँ पिच की गति तेज़ हो सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि टीम को तेज़ गेंदबाज़ी को अधिक प्रभावी बनाना पड़ेगा, क्योंकि दुर्गा की पिच पर स्पिनर कम असर डालते हैं।
अगर भारत इस लहर को जारी रखता है, तो वे 2025‑26 बंधुना ICC टेस्ट चैम्पियनशिप में एक मजबूत दावेदार बन जाएंगे। वहीं, वेस्ट इंडीज को अपनी बॉलिंग स्ट्रैटेजी को पुनः परखना होगा, नहीं तो सीरीज़ 1‑1 समाप्त होगी और दोनों टीमों के बीच का संतुलन बिगड़ सकता है।
अहमदाबाद में भारत ने पहले भी कई बड़े शतक देखे हैं – 2011 में सेह्तोहार के 254 और 2016 में टीम के 400‑plus स्कोर। इस बार का 448/5, 2025 के दौरान, भारत के घरेलू रिकॉर्ड में पांचवां सबसे बड़ा स्कोर बन गया। वेस्ट इंडीज के खिलाफ 2016‑17 में भारत ने 13‑वाँ टेस्ट जीत हासिल किया था, पर उस बार स्कोर अंतर केवल 140‑रन था। अब 286‑रन के अंतर से यह जीत इतिहास में सबसे बड़ी दुरी वाली जीत बन गई।
स्पिन‑पर‑ध्यान देने वाली टीम चयन रणनीति ने पिछले दो साल में भारत को कई सफलताएँ दिलाई हैं – भारत‑अंग्रेज़ी सीरीज़ (2023) और भारत‑ऑस्ट्रेलिया (2024) में भी यही फ़ॉर्मूला काम आया था। इस बार भी, तीन स्पिनर्स (जडेजा, अक्सर, कुर्ली) ने मैच को फिर मोड़ दिया, जिससे दिखता है कि पिच का अध्ययन और सही संयोजन कितनी अहमियत रखता है।
तीन शतक – केएल राहुल, ध्रुव जुरेल और रविंदर जडेजा – ने भारत को भारी स्कोर दिलाया। साथ ही तीन स्पिनर की चुस्ती ने वेस्ट इंडीज को दबाव में रखने में मदद की।
दुर्गा के एएनआई स्टेडियम में 13‑14 अक्टूबर को दो‑दिवसीय टेस्ट खेला जाएगा, जहाँ उन्हें कम से कम 286‑रन अंतर कम करना होगा।
ICC टेस्ट रैंकिंग में भारत पहले ही नंबर‑एक पर है। ये जीत उनका ग्राउंड‑एडवांटेज मजबूत करेगी और दूसरे बड़े दौर में उनसे आगे बढ़ने की संभावना बढ़ाएगी।
केएल राहुल का सटीक शतक, ध्रुव जुरेल का आत्मविश्वासी 125, और जडेजा की निडर अडिगता को विशेषज्ञों ने सर्वाधिक सराहा।
जैसे दुर्गा या चेन्नई की तेज़ पिचें, जहाँ स्पिन की मदद कम है। ऐसी परिस्थितियों में भारत को तेज़ बाउलर जयबट, सिराज इत्यादि पर निर्भर करना पड़ेगा।
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