जब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अक्टूबर 2025 का बैंकिंग कैलेंडर जारी किया, तो ग्राहकों को एक‑एक दिन की योजना बनानी पड़ी। आधे‑साल की खाता बंदी 1 अक्टूबर को, महात्मा गांधी जयंती‑दुर्गा के दोहरा जश्न 2 अक्टूबर को, और दीवाली तक के विविध त्यौहारों के कारण पूरे देश में बैंक बंद रहेंगे। इस विस्तृत सूची में राष्ट्रीय स्तर के गैज़ेटेड छुट्टियों के साथ‑साथ प्रत्येक राज्य की राज्यीय छुट्टियों को भी शामिल किया गया है, जिससे जनता के लिए वित्तीय लेन‑देनों की टाइम‑लाइन बनाना आसान हो सके।
कैलेंडर के अनुसार, बैंक नियमित रूप से हर रविवार और महीने के दूसरे तथा चौथे शनिवार (11 और 25 अक्टूबर) बंद रहेंगे। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय और राजकीय त्यौहारी कार्यक्रमों के कारण अतिरिक्त बंदी लगती है:
बहु‑राष्ट्रीय बैंकों में एचडीएफसी बैंक ने अपनी कैलेंडर में दीवाली‑पर्यंत (22 अक्टूबर) अतिरिक्त रोक जोड़ दी है, जिससे बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई शाखाएँ दो अतिरिक्त दिनों तक बंद रहेंगी। इसका कारण है कि स्थानीय ग्राहकों की दीवाली‑शॉपिंग की फेफरें बहुत अधिक होती हैं, और बैंक चाहते हैं कि लेन‑देन के अड़चनें न हों।
सामान्य तौर पर, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (जैसे राज्य बैंक ऑफ़ इंडिया, पोस्ट ऑफिस) ने भी समान रूप से सभी नियत गैज़ेटेड और रोक छुट्टियों को अपनाया है। यह नियमन रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की आधिकारिक परिपत्र के तहत है, जिसमें सभी क्षेत्रीय शाखाओं को समान निर्देश दिए गए हैं।
अगर आप बिल भुगतान, ऋण चुकौती, या फंड ट्रांसफर की योजना बना रहे हैं, तो इन छुट्टियों को नजरअंदाज न करें। यहाँ कुछ व्यावहारिक टिप्स हैं:
इन उपायों से आप अनावश्यक जुर्माने या सेवा‑विलंब से बच सकते हैं।
भारत में बैंक छुट्टियों का ढाँचा द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से विकसित हुआ है, जब वित्तीय संस्थानों को राष्ट्रीय त्यौहारों के दौरान बंद रखने की आवश्यकता महसूस हुई। दुर्गा‑विजय दशमी, जो मुख्यतः उत्तर भारत में बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है, हमेशा से ही गैज़ेटेड रहे हैं। इसी तरह, दीवाली को राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ा गैज़ेटेड दिन माना जाता है, क्योंकि यह व्यापार‑वित्तीय चक्र को भी प्रभावित करता है। छठ पूजा, जो बिहार और झारखंड में विशेष महत्व रखती है, मुख्यतः सूर्य को अर्घ्य करने के लिए कई दिन की अवकाश घोषणा करती है। इन सभी त्यौहारों की विविधता ही भारत के बैंकिंग कैलेंडर को इतना रंगीन बनाती है।
जब महात्मा गांधी जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया, तब से इस दिन को सभी सरकारी और निजी संस्थानों में अवकाश माना जाता है। यही कारण है कि 2 अक्टूबर को दुर्गा के साथ इसका दोहरा असर देखी गयी।
रिज़र्व बैंक इस कैलेंडर को हर साल समीक्षा करता है, और अगर कोई नया राष्ट्रीय या राज्य‑स्तरीय त्योहार घोषित होता है, तो वह अगली वर्ष की सूची में शामिल किया जाता है। इस साल की विशेष बात यह है कि कई राज्य‑विशिष्ट छुट्टियों (जैसे लक्ष्मी पूजा, निंगोल चक्कोबा) को भी राष्ट्रीय स्तर के परिपत्र में दर्शाया गया है, जिससे ग्राहकों को एक जगह पर सारी जानकारी मिलती है। वित्तीय संस्थानों को अब डिजिटल लेन‑देन को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होगी, ताकि छुट्टियों के दौरान भी “ऑनलाइन‑बैंकिंग‑एक्सेस” सहज रहे।
छुट्टियों के दौरान कई शाखाएँ बंद रहती हैं, इसलिए बड़े राशि वाले क्लियरेंस में बैक‑ऑफिस प्रोसेसिंग समय बढ़ जाता है। ऑनलाइन रीयल‑टाइम ट्रांसफर अभी भी संभव है, पर स्वैप‑इंटर‑बैंक (SWIFT) या NEFT‑आधारित ट्रांसफर में 1‑2 कार्य दिवस की अतिरिक्त देरी हो सकती है।
ज्यादातर निजी बैंकों ने RBI के निर्देशों का पालन किया है, पर कुछ बड़े बैंकों (जैसे एचडीएफसी) ने अपने ग्राहकों की स्थानीय जरूरतों के हिसाब से अतिरिक्त रोक जोड़ दी हैं। इसलिए शाखा‑वाइज़ छुट्टी का अंतर हो सकता है, ग्राहक को अपने नजदीकी शाखा से पुष्टि करनी चाहिए।
रिज़र्व बैंक ने अभी तक अक्टूबर के महीना के लिए कोई मौद्रिक नीति बदलाव घोषित नहीं किया है। ब्याज दर में परिवर्तन आमतौर पर क्वार्टर‑अंत में देखा जाता है, इसलिए तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा, पर ग्राहक को RBI की भविष्य की बैठकों पर नजर रखनी चाहिए।
रोक छुट्टी वही है जो केवल कुछ राज्यों में लागू होती है। इससे उन राज्यों की शाखाएँ बंद रहती हैं, जबकि बाकी देश में बैंक सामान्य रूप से काम करते हैं। ग्राहक को अपने राज्य‑विशिष्ट कैलेंडर देखना चाहिए।
दीवाली के तुरंत बाद, 23‑24 अक्टूबर को भाई‑धाई और खरीद‑फरोख्त की भीड़ बढ़ती है। इस अवधि में कई लोग अपने बकाया ऋण चुका देते हैं, इसलिए बैंकों में लेन‑देन की मात्रा में उल्लेखनीय उछाल देखा जाता है।
एक टिप्पणी लिखें
आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी