23 मई 2025 का दिन शेयर बाजार के निवेशकों के लिए चौंकाने वाला रहा, जब BSE लिमिटेड के शेयरों में ताबड़तोड़ तेजी दिखी। बोनस शेयर के लिए एक्स-डेट होने के बावजूद शेयर दिन में 6.67% तक चढ़ा और 2,488 रुपये तक पहुंच गया। बाजार खुलने के साथ ही शेयर 2,358 रुपये पर खुला, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 7,015 रुपये बंद हुआ था। बोनस शेयर के चलते कीमतों में समायोजन हुआ, लेकिन इसके बावजूद बंद होते-होते शेयर 2.29% की बढ़त के साथ 2,386 रुपये पर आ गया।
BSE के इस कॉरपोरेट एक्शन के अनुसार, हर एक शेयरधारक को दो बोनस शेयर के बदले एक अतिरिक्त शेयर दिया गया यानी हर मौजूद शेयर तीन हिस्सों में बंट गया। इस फैसले का मकसद था बाजार में तरलता बढ़ाना और ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करना। ये प्रस्ताव कंपनी के बोर्ड ने 30 मार्च को ही पास कर दिया था, और 23 मई को रिकॉर्ड डेट तय की गई। निवेशकों को उनके बोनस शेयर 26 मई तक अलॉट किए जाएंगे और नए कीमत के हिसाब से लिस्टिंग 27 मई से प्रभावी होगी।
शेयर की कीमतों में इस गिरावट का तकनीकी कारण साफ है। बोनस के बाद हर शेयरधारक के पास तीन गुना हिस्सेदारी हो गई है, तो कीमत भी उसी अनुपात में एडजस्ट हुई। कई ऑनलाइन ट्रेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर अचानक BSE के शेयर में 66% का गिरावट दर्ज हुई, जो केवल सिस्टम के प्राइस एडजस्टमेंट की वजह से थी। असल में निवेशकों के पास शेयर ज्यादा हो गए और उनकी कुल वैल्यू में कोई नुकसान नहीं हुआ।
दिन भर के ट्रेडिंग में BSE के शेयरों में 13.91 लाख का भारी वॉल्यूम देखने को मिला और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 95,007 करोड़ रुपये के पार जा पहुंचा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इतनी तेज उठापटक के बावजूद निवेशकों ने कंपनी में जबर्दस्त भरोसा दिखाया है। BSE के इस कॉर्पोरेट एक्शन को बाजार ने सकारात्मक रूप से लिया है, खासकर ऐसे वक्त में जब ग्लोबल मार्केट में भू-राजनीतिक तनाव और रेगुलेटरी बदलावों का असर दिख रहा है। निवेशकों को बोनस के बाद भी कंपनी के भविष्य और उसकी ग्रोथ को लेकर उम्मीदें कायम हैं।
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