सोचिए, बाजार खुलते ही अचानक 529 करोड़ शेयर बिकने-खरीदने के लिए उपलब्ध हो जाएं—ऐसा ही कुछ Bajaj Housing Finance (Bajaj Housing Finance) के साथ 15 अप्रैल 2025 को हुआ. एक साल की लॉक-इन अवधि इस तारीख को खत्म हुई और कंपनी की कुल इक्विटी का करीब 64% हिस्सा अब पब्लिक ट्रेडिंग के लिए फ्री हो गया. इस कदम के साथ शेयर में 3-4% की तेजी देखने को मिली. वैसे, लॉक-इन खत्म होने का मतलब है कि शुरुआती निवेशक अब अपने शेयर बेच सकते हैं. अक्सर ऐसे मौकों पर सप्लाई बढ़ने से शेयर में उतार-चढ़ाव तेज हो जाता है.
लेकिन यहां नज़ारा थोड़ा अलग था. निगाहों में घाटा जरूर है—जुलाई 2024 में लिस्टिंग के बाद शेयर ने ₹188 तक की ऊँचाई छू ली थी. आज का भाव अब भी उस हाई से करीब 33% नीचे है, फिर भी बाजार में आज हुई हलचल के पीछे कुछ ठोस वजहें हैं.
Bajaj Housing Finance की ताजा तिमाही रिपोर्ट बहुत दमदार दिख रही है. मार्च 2025 तिमाही में कंपनी ने 1.14 लाख करोड़ रुपए का AUM यानी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट दिखाया, जो एक साल पहले के मुकाबले 26% ज्यादा है. लोन एसेट्स की बात करें तो आंकड़ा 99,500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया—पिछले साल मार्च में यह 79,301 करोड़ था. चौथी तिमाही के दौरान कंपनी ने 14,250 करोड़ रुपए के ग्रॉस डिस्बर्समेंट किए, जिसमें भी 26% की जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई.
मार्केट में यह भी चर्चा है कि Bajaj Housing Finance को हाल ही में निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स में जगह मिली है. इसका असर यह होता है कि बहुत सी म्यूचुअल फंड और बड़ी फर्मों को अपने पोर्टफोलियो में इसे शामिल करना जरूरी हो जाता है. यही वजह है कि बीते कुछ हफ्तों में कारोबार में हलचल बढ़ी है.
एनालिस्ट मानते हैं कि लॉक-इन की सप्लाई भले ही बिकवाली का दबाव ला सकती है, पर कंपनी की ग्रोथ और भारत में हाउसिंग डिमांड जैसे पॉजिटिव फैक्टर संतुलन बना सकते हैं. अब सबकी नजरें 23 अप्रैल 2025 पर हैं, जब कंपनी अपनी वित्तीय नतीजे घोषित करेगी. मौजूदा माहौल में जितनी रोचकता इस शेयर में देखने को मिल रही है, वो भारतीय बाजार में FAANG स्टॉक्स जैसा रोमांच भरने लगी है.
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