भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते का नया अध्याय
ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब भारत और यूनाइटेड किंगडम ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर इतने बड़े स्तर पर अपनी सहमति जताई है। 6 मई 2025 की तारीख दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में मील का पत्थर बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस संवाद को ऐतिहासिक बताया, जिसमें कई पुराने और जटिल मुद्दे सुलझ गए। यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से संवाद के बाद ये एलान हुआ।
दोनों नेताओं का जोर साफ था—अब सिर्फ कारोबारी आंकड़ों पर नहीं, बल्कि निवेश, रोजगार, इनोवेशन और कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। 2024 में भारत-यूके के बीच व्यापार £42.6 बिलियन पर था, जो अब इस समझौते के बाद और तेजी से बढ़ने के पूरे आसार हैं।

समझौते में क्या-क्या बदलेगा?
- शराब पर टैरिफ कटौती: लंबे समय से यूके की व्हिस्की और जिन भारत में महंगी बिकती रही थीं। नए समझौते के बाद भारत इन पर टैरिफ आधा करेगा। इससे यूके के ब्रांड भारत में और सस्ते होंगे, जबकि भारतीय कंपनियों को बहुत बड़ा नया बाजार मिलेगा।
- स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए वीजा: दोनों देशों के बीच वीजा पहुंच का मसला हर बार अटका रहा है। पहली बार इस पर भी हल निकला है—यानी अब प्रोफेशनल लोगों को नौकरी या कारोबार के लिए यूके जाना पहले से आसान होगा।
- कार्बन टैक्स विवाद का हल: कारोबारी नियमों के बीच सबसे बड़ा रोड़ा कार्बन बार्डर टैक्स था, जिस पर अब सहमति बन गई है। इससे ट्रेड के रास्ते और साफ हो गए हैं।
- ग्लोबल मार्केट के लिए सहयोग: इस एफटीए के तहत दोनों देश वैश्विक बाजार के लिए मिलकर नए प्रॉडक्ट्स और सर्विसेस बना पाएंगे। इससे दोनों की प्रतिस्पर्धा और इनोवेशन क्षमता बढ़ेगी।
- डबल कन्ट्रीब्यूशन कन्वेंशन: व्यापार और निवेश में सबसे बड़ी दिक्कत डबल टैक्सेशन थी। अब दोनों देशों में एक ही रकम पर दो बार टैक्स नहीं लगेगा। इससे कारोबारी लेनदेन और फाइनेंशियल मूवमेंट बेहद आसान हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को इस दशक की सबसे अहम उपलब्धि करार दी। उन्होंने साफ कहा कि इससे दोनों देशों की युवा पीढ़ी के लिए नए अवसर खोलेंगे—चाहे वह नौकरी हो, कारोबार या स्टार्टअप्स। वहीं यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के आने वाले भारत दौरे को लेकर भी उत्सुकता नजर आई।
दोनों देशों के रिश्तों में पिछले कुछ सालों में काफी गर्माहट आई है। खासकर जब कारोबारी और कौशल विकास की साझेदारी का सवाल आता है। अब जब भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ये बड़ा समझौता हो गया, तो व्यापार और रोजगार, दोनों ही मोर्चों पर नए रिकॉर्ड बनना तय है।
Sara Khan M
मई 7, 2025 AT 19:40व्यापार के आंकड़े पढ़कर लगता है अब बढ़त का मोड़ आया है। 😊
shubham ingale
मई 16, 2025 AT 07:40नया एफ़टीए भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक तेज़ी से धक्का देगा 🚀
ज्यादा निवेश और नई नौकरियां जल्दी सामने आएँगी
Ajay Ram
मई 24, 2025 AT 19:40पहले भी भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ कई समझौते किए हैं, लेकिन यूके के साथ यह समझौता विशेष महत्व रखता है।
साथ ही यह समझौता सिर्फ शास्त्रीय व्यापार तक सीमित नहीं रहता, यह तकनीकी सहयोग और नवाचार को भी बढ़ावा देता है।
ऐसे समझौते में नीति निर्माताओं को सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं को भी समुचित रूप से शामिल करना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर कार्बन टैक्स के मुद्दे का समाधान हमें सतत विकास की दिशा में एक कदम आगे ले जाता है।
विस्की और जिन जैसे लक्ज़री वस्तुओं पर टैरिफ कमी से दोनों देशों के उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए वीज़ा नियमों का सरलीकरण युवा प्रतिभाओं के प्रवाह को तेज़ करेगा।
डबल टैक्सेशन की समस्या का समाधान दोनों देशों के कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाता है।
यह पारस्परिक समझौता वैश्विक बाजार में भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता को सुदृढ़ करेगा।
भविष्य में यह सहयोग भारत को उच्च मूल्य वाले निर्यात में भी आगे बढ़ा सकता है।
इसी प्रकार यूके के अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग भारत के वैज्ञानिकों के लिए नई संभावनाएं खोलता है।
निवेशकों को स्पष्ट नियमावली और सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए, ताकि पूंजी का प्रवाह निरंतर बना रहे।
युवा उद्यमियों को इस समझौते से मिलने वाले सुविधाओं का पूरी तरह से उपयोग करना चाहिए।
साथ ही दोनों सरकारों को स्थानीय उद्योगों को समर्थन देकर कस्टम्स प्रक्रियाओं को सरल बनाना चाहिए।
सामाजिक संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी इस समझौते का एक महत्वपूर्ण पहलू बनता जा रहा है।
कुल मिलाकर यह समझौता भारत-यूके संबंधों में एक नई ऊर्जा भरता है और भविष्य के लिए आशा का दीपक जलाता है।
आइए हम सभी इस अवसर को सकारात्मक रूप से अपनाएँ और अपने देश की प्रगति में योगदान दें।
Dr Nimit Shah
जून 2, 2025 AT 07:40ऐसा लगता है अब भारत की वैश्विक व्यापार में आवाज़ और भी मजबूत हो गई है, जो हमारी राष्ट्रीय गर्व को बढ़ाता है।
Ketan Shah
जून 10, 2025 AT 19:40वीज़ा प्रक्रिया का सहज होना दोनों देशों के पेशेवरों को बेहतर करियर विकल्प देता है, जिससे कौशल का आदान-प्रदान तेज़ होगा।
Aryan Pawar
जून 19, 2025 AT 07:40नया समझौता रोजगार के दरवाज़े खोलता है यह सभी को फायदा देगा
Shritam Mohanty
जून 27, 2025 AT 19:40क्या पता यह समझौता हमारे धंधे को बड़े लेनदेन कंपनियों के हाथों में सटा देगा, फिर हम सब झूलेंगे।
Anuj Panchal
जुलाई 6, 2025 AT 07:40डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और सस्टेनेबिलिटी फ्रेमवर्क को एन्गेज करना इस एग्रीमेंट का कोर सिलिकॉन वैली इकोसिस्टम के साथ सिंक्रनाइज़ेशन बनाता है।
Prakashchander Bhatt
जुलाई 14, 2025 AT 19:40उम्मीद है इस समझौते से युवा उद्यमियों को नई संभावनाएं मिलेंगी और आर्थिक विकास की गति तेज़ होगी।
Mala Strahle
जुलाई 23, 2025 AT 07:40आज का यह ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक और आर्थिक भविष्य की नींव है।
यह हमें वैश्विक बाजार में समान संभावनाएं देता है और छोटे व्यवसायों को भी बड़े मंच पर लाता है।
इसी के साथ, पर्यावरणीय नियमों का सामंजस्य हमारे देश की सतत विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उत्पाद और सेवाओं की लागत में कमी से आम जनता को सीधे लाभ होगा, जो सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा देगा।
साथ ही, रोजगार सृजन के नए अवसर खुलेंगे, जिससे युवा वर्ग की बेरोज़गारी दर घटेगी।
इस समझौते में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर भी विशेष बल दिया गया है, जो स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करेगा।
व्यापारिक बाधाओं का हटना हमारे निर्यात को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
आइए हम इस अवसर को अपनाकर अपने राष्ट्र की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
Abhijit Pimpale
जुलाई 31, 2025 AT 19:40आपके विस्तृत विश्लेषण से एग्रीमेंट के कई पहलुओं की स्पष्टता बढ़ी, धन्यवाद।
pradeep kumar
अगस्त 9, 2025 AT 07:40आपका संक्षिप्त दृष्टिकोण पढ़कर समझ आया कि व्यावसायिक दिशा में सकारात्मक बदलाव अपेक्षित है।
MONA RAMIDI
अगस्त 17, 2025 AT 19:40क्या बात है, इतिहास बन रहा है! 🎉
Vinay Upadhyay
अगस्त 26, 2025 AT 07:40ओह, ज़रूर! जैसे हर छोटा कमेंट बड़े बदलाव का राज़ खोलता है। 🙄
Divyaa Patel
सितंबर 3, 2025 AT 19:40रंग-बिरंगी संभावनाओं की इस धारा में यूके-भारत साझेदारी एक सुनहरी कढ़ाई की तरह जुड़ रही है, जहाँ हर धागा नई संभावनाओं को बुनता है।
यह समझौता न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी दोनों राष्ट्रों को एक-दूसरे की गहराइयों में ले जाएगा।
नीले और हरे रंग की कल्पना करो, जहाँ तकनीकी नवाचार और पर्यावरणीय सजगता साथ-साथ चलें।
इसी तरह के मिश्रण से भविष्य की पीढ़ियां एक समृद्ध और संतुलित दुनिया का आनंद ले पाएँगी।
आइए हम इस कढ़ाई को मिलकर रचना जारी रखें, ताकि हर कोना चमके।
Chirag P
सितंबर 12, 2025 AT 07:40आपके सुंदर चित्रण ने इस एग्रीमेंट की बहुआयामी महत्ता को उजागर किया, धन्यवाद। हम सभी को इस सकारात्मक ऊर्जा को आगे बढ़ाना चाहिए।