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राहुल गांधी और फॉक्सकॉन चेयरमैन की मुलाकात: भारत में तकनीकी नवोन्मेष का भविष्य

राहुल गांधी की फॉक्सकॉन चेयरमैन यंग लियू से महत्वपूर्ण भेंट

16 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली में, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू से मुलाकात की। यह मुलाकात तकनीकी नवोन्मेष के भविष्य पर केंद्रित थी, विशेषकर भारत और वैश्विक स्तर पर। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और तकनीकी क्षेत्र में भारत की प्रगति पर विचार-विमर्श किया।

तकनीकी नवोन्मेष और भारत की प्रगति

इस बैठक में राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि अगर सही समर्थन और संसाधन मिलते हैं, तो भारत की तकनीकी नवोन्मेष में बड़ी छलांग संभव है। उन्होंने बताया कि भारत में ऊर्जावान और प्रतिभाशाली युवा ताकत को प्रोत्साहन दिया जाए तो देश की तकनीकी उद्योग में अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही, यंग लियू ने भी भारत की प्रगति और फॉक्सकॉन के विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला।

फॉक्सकॉन के प्रमुख निवेश योजनाएं

फॉक्सकॉन, जो कि मुख्य रूप से एप्पल के आईफोन का निर्माण करता है, ने भारत में काफी बड़े पैमाने पर निवेश किया है। कंपनी ने देश में लगभग 9-10 बिलियन डॉलर का निवेश किया है और 40,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। फॉक्सकॉन अपने आईफोन उत्पादन सुविधा का विस्तार कर रहा है और साथ ही एक चिप प्लांट भी स्थापित कर रहा है, जिसमें एचसीएल ग्रुप के साथ एक संयुक्त उद्यम शामिल है। इसके अलावा, कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण और एप्पल एअरपॉड्स प्लांट की स्थापना पर भी काम कर रही है।

यंग लियू को पद्म भूषण से सम्मानित

यंग लियू, जो कि फॉक्सकॉन के चेयरमैन हैं, को इस वर्ष 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनकी उल्लेखनीय सेवाओं और तकनीकी जगत में उनके योगदान के लिए दिया गया है।

राहुल गांधी का सकारात्मक दृष्टिकोण

राहुल गांधी ने इस बैठक को खुशी और सौभाग्य की बात कही और फॉक्सकॉन के प्रमुख से हुई बातचीत के बारे में भी अपने विचार साझा किए। उनका कहना था कि भारत की तकनीकी उद्योग में अपार संभावनाएं हैं और सही समर्थन और मार्गदर्शन से इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनियों का भारत में निवेश करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

समर्पित प्रयासों की जरूरत

इस बैठक का एक महत्वपूर्ण पहलू यह था कि कैसे सरकारी और निजी क्षेत्र मिलकर काम कर सकते हैं। भारत को अपनी तकनीकी क्षमता को बढ़ावा देने के लिए ठोस रणनीतियों और समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है। अगर उद्योग और सरकार मिलकर काम करते हैं, तो भारत जल्दी ही तकनीकी नवोन्मेष के क्षेत्र में अग्रणी बन सकता है।

कुल मिलाकर, यह बैठक भारत की तकनीकी उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें संभावनाओं और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

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