जब LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने अपना IPO भारत का आवंटन किया, तो बाजार में हलचल मच गई। 10 अक्टूबर 2025 को जारी हुए आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस सार्वजनिक ऑफर से ₹11,607 करोड़ की राशि जुटाई गई, जबकि कुल बिड वैल्यू ₹4.4 लाख करोड़ तक पहुँच गई – यानी 54.02 गुना ओवरसब्सक्राइब।
IPO का संक्षिप्त इतिहास और पृष्ठभूमि
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 2025 में आफ़र‑फ़ॉर‑सेल (OFS) मॉडल अपनाया, यानी सभी शेयर मौजूदा शेयरधारकों से बेचे गये, कंपनी के लिए सीधे फंड नहीं आया। इस कदम का मुख्य मकसद निवेदकों को भागीदारी का एक सहज मंच देना और मौजूदा शेयरधारकों को तरलता प्रदान करना था। राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के डेटा के अनुसार, यह IPO भारत के इतिहास में सबसे अधिक मूल्य‑आधारित सब्सक्रिप्शन वाला इश्यू बन गया, पिछले रिकॉर्डधारी बजाज हाउसिंग फाइनेंस (2024) को पीछे छोड़ते हुए।
बिडिंग आँकड़े और सब्सक्रिप्शन की विस्तार
बिडिंग के अंतिम चरण में, कुल 3,85,33,26,672 शेयरों की माँग की गई, जबकि केवल 7,13,34,320 शेयर उपलब्ध थे। इसका मतलब, औसत सब्सक्रिप्शन 54.02 गुना रहा। वर्गीकरण के हिसाब से:
- रिटेल निवेशकों ने 3.55 गुना सब्सक्राइब किया, जो लगभग 1.27 क्रोड़ शेयरों की माँग दर्शाता है।
- क्वालिफ़ाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने 166.51 गुना बिड किया, यानी 11.9 क्रोड़ शेयरों से अधिक।
- नॉन‑इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) ने 22.44 गुना बिड किया, जो 8.6 क्रोड़ शेयरों के बराबर है।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि बड़ी संस्थागत फर्में इस इश्यू में बहुत अधिक भरोसा रखती हैं, जबकि खुदरा वर्ग का उत्साह भी उल्लेखनीय है।
मुख्य निवेशकों की प्रतिक्रिया और विश्लेषकों का अनुमान
इश्यू की घोषणा के बाद, ग्रे मार्केट में प्रीमियम ₹355‑₹360 के बीच ट्रेड हो रहा है। कई विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि लिस्टिंग कीमत ₹1,500 के आसपास तय हो सकती है, जिससे पहले दिन के लिए लगभग 32 % का संभावित रिटर्न मिलेगा। किंफिन टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि निवेशकों को अपने अलॉटमेंट स्टेटस को BSE, NSE और KFin की आधिकारिक वेबसाइटों पर चेक करना चाहिए।
एक प्रमुख एनालिस्ट, जिन्होंने नाम नहीं बताया, ने कहा: “LG का भारतीय बाजार में 35x FY25 कमाई का मूल्यांकन सेगमेंट के औसत 60x से काफी कम है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा डिस्काउंट दर्शाता है।” इस तरह की बातों ने बिडिंग को और भी उत्साहित कर दिया।
भविष्य की संभावनाएँ और संभावित प्रभाव
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के पास नोएडा और पुणे में दो बड़े उत्पादन यूनिट्स हैं, जिनकी कुल वार्षिक क्षमता 1.45 कोर यूनिट्स है और वर्तमान में 84 % तक उपयोग में हैं। कंपनी के पास 35,000‑से अधिक B2C टचपॉइंट्स, 1,006 सर्विस सेंटर और 13,000‑से अधिक तकनीकी कर्मचारियों का नेटवर्क है। इस मजबूत बुनियादी ढाँचे के साथ, कंपनी घरेलू उपकरण, एयर सॉल्यूशन और होम एंटरटेनमेंट में लगभग 75 % राजस्व हासिल करती है।
सेक्टर की तुलना करने पर देखा जाये तो, LG की वाशिंग मशीन में 33.5 % मार्केट शेयर, फ्रिज में 29.9 % और इन्वर्टर एसी में 20.6 % शेयर हैं—जो इसे भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में लीडर बनाते हैं। लिस्टिंग के बाद, अनुमान है कि शेयरधारकों को न केवल पूँजी लाभ मिलेगा, बल्कि कंपनी की निर्यात‑आधारित उत्पादन के कारण विदेशी मुद्रा में भी इनकम बढ़ेगी।
अगले कदम और निवेशकों के लिए मार्गदर्शन
आगामी लिस्टिंग के लिए बाजार में कई संकेत मिल रहे हैं। आर्थिक टाइम्स ने बताया कि लिस्टिंग तारीख 15 अक्टूबर 2025 के आसपास हो सकती है, पर अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। साथ ही, गैर-आवंटित शेयरों की रिफंड प्रक्रिया सात कार्यदिवसों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बिडिंग रेकॉर्ड को सुरक्षित रखें, ताकि संभावित रिफंड या अतिरिक्त शेयर आवंटन के समय परेशानी न हो।
साथ ही, यदि आप अगले कदम के रूप में किसी फॉलो‑ऑन इश्यू या डिविडेंड प्लान में भाग लेना चाहते हैं, तो कंपनी के IR पोर्टल पर नियमित अपडेट देखना उपयोगी रहेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के IPO में सबसे बड़ी बिडिंग कौन कर रहा था?
डेटा के अनुसार क्वालिफ़ाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने 166.51 गुना बिड किया, यानी कुल 11.9 क्रोड़ शेयरों से अधिक। यह दर्शाता है कि बड़ी वित्तीय संस्थाएँ इस इश्यू को अत्यधिक भरोसेमंद मानती हैं।
बिड वैल्यू ₹4.4 लाख करोड़ का क्या अर्थ है?
बिड वैल्यू कुल निवेशकों द्वारा लगाई गई कुल राशि दर्शाती है। ₹4.4 लाख करोड़ का बिड वैल्यू बताता है कि बाजार ने इस इश्यू को बहुत आकर्षक पाया, जिससे शेयर की संभावित मांग और मूल्य वृद्धि का संकेत मिलता है।
LG का भारतीय बाजार में क्या खास है?
नोएडा‑पुणे उत्पादन यूनिट्स, 35,000‑से अधिक बिक्री बिंदु, और 1,000‑से अधिक सर्विस सेंटर LG को घरेलू उपकरण और एयर कॉन्डिशनर में शीर्ष स्थान पर रखती हैं। इसके अलावा, 75 % राजस्व घर की एप्लायंसेज़ और एअर समाधान से आता है, जिससे कंपनी की स्थिर आय सुनिश्चित होती है।
इश्यू के बाद निवेशकों को रिफंड कब मिलेगा?
रिफंड प्रक्रिया सात कार्यदिवसों के भीतर पूरी होने की संभावना है, जैसा कि टाइम्स अबाउट इंडिया ने रिपोर्ट किया है। निवेशकों को अपनी बैंक्स की जानकारी सही रखने की सलाह दी जाती है।
लिस्टिंग की संभावित तारीख कब है?
अधिकांश एनालिस्ट मानते हैं कि लिस्टिंग 15 अक्टूबर 2025 के आसपास होगी, लेकिन अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। निवेशकों को कंपनी के आधिकारिक घोषणाओं पर नजर रखनी चाहिए।
Harman Vartej
अक्तूबर 11, 2025 AT 03:01LG के IPO का ओवरसब्सक्रिप्शन देखकर लगता है कि निवेशकों का भरोसा ज़्यादा है। लेकिन OFS मॉडल से फंड नहीं आया, यही बात समझनी चाहिए।
Amar Rams
अक्तूबर 16, 2025 AT 08:04वित्तीय संरचना की दृष्टि से, इस इश्यू द्वारा अपनाई गई ऑफ़र‑फ़ॉर‑सेल (OFS) पद्धति को संस्थागत लिक्विडिटी उपकरण के रूप में मान्य किया जा सकता है, जिससे बिड वैल्यू का विस्फोटक स्तर उचित रूप से प्रतिफलित होता है। क्वालिफ़ाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स (QIBs) की 166.5× बिडिंग इस एंगेजमेंट को और अधिक सुदृढ़ करती है।
Nath FORGEAU
अक्तूबर 21, 2025 AT 13:07LG का प्रोडक्ट लाइन भारत में बहुत मजबूत है, इसलिए ऐसे बड़े बिडिंग को देखना थोड़ा आश्चर्यजनक नहीं लगता। पर ऑफ़र‑फ़ॉर‑सेल मॉडल ने बाजार में तरलता भी बढ़ा दी।
Shweta Tiwari
अक्तूबर 26, 2025 AT 17:11यदि हम इस इश्यू को एक सामाजिक-आर्थिक घटना के रूप में विश्लेषण करें, तो यह स्पष्ट होता है कि उपभोक्ता वस्तु के भरोसे के साथ-साथ वित्तीय बाजारों में निवेशकों के विश्वास की भी परीक्षा ले रहा है। यह द्विआधारी गतिशीलता भारतीय अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिये एक संकेतक के रूप में कार्य कर सकती है।
Shruti Thar
अक्तूबर 31, 2025 AT 22:14कंपनी की बाजार हिस्सेदारी आंकड़े दिखाते हैं कि वॉशिंग मशीन में 33.5% और फ्रिज में 29.9% हिस्सेदारी शानदार है।
Hrishikesh Kesarkar
नवंबर 6, 2025 AT 03:17ऐसी बिडिंग से सब्सक्रिप्शन की वास्तविक जरूरतें धुंधली हो जाती हैं।
Manu Atelier
नवंबर 11, 2025 AT 08:21वास्तविकता की परतों को अलग‑अलग करके देखा जाए तो LG का फंड‑रेज़र मॉडल केवल एक वित्तीय यंत्र नहीं, बल्कि एक पूंजी बाजार शिल्प है जो निवेशकों के मनोवैज्ञानिक संतुलन को भी प्रभावित करता है।
Anu Deep
नवंबर 16, 2025 AT 13:24आपकी बात सही है; इस तरह के इश्यू में संस्थागत समर्थन की गहरी जड़ें होती हैं।
Preeti Panwar
नवंबर 21, 2025 AT 18:27लगता है कई छोटे निवेशकों को इस बिडिंग से प्रेरणा मिली होगी 😊
MANOJ SINGH
नवंबर 26, 2025 AT 23:31पर इहां असली मसल ये है क फंड किधर जायगा बट बात तो साफ है यार।
Vaibhav Singh
दिसंबर 2, 2025 AT 04:34बिड वैल्यू इतना हाई होना एक मार्केट एडजस्टमेंट की सीमा को दर्शाता है।
Aaditya Srivastava
दिसंबर 7, 2025 AT 09:37अभी तो लग रहा है कि लिस्टिंग के बाद शेयरों की कीमत आसमान छू लेगी।
Vaibhav Kashav
दिसंबर 12, 2025 AT 14:41ओह, 54× ओवरसब्सक्राइब, क्या बात है, शायद अगली बार 100× ही हो जाए।
saurabh waghmare
दिसंबर 17, 2025 AT 19:44बिल्कुल, ऐसे आंकड़े आम नहीं होते और यह दर्शाता है कि भारत में टेक्नोलॉजी शेयरों का आकर्षण बढ़ रहा है।
Deepanshu Aggarwal
दिसंबर 23, 2025 AT 00:47निवेशकों को सलाह: अलॉटमेंट देखें और रिफंड प्रोसेस को सात कार्य दिवसों में फ़ॉलो‑अप करें 👍
akshay sharma
दिसंबर 28, 2025 AT 05:51LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का यह IPO वित्तीय इतिहास में एक नई धारा खोलता प्रतीत होता है।
54.02 गुना ओवरसब्सक्राइब करने वाले बिड वैल्यू को देखते हुए, बाजार की अत्यधिक आशावादिता स्पष्ट रूप से प्रकट होती है।
ऐसा अत्यधिक बिडिंग केवल बड़े संस्थागत हिस्सेदारी की नहीं, बल्कि भारतीय निवेशकों की बढ़ती साहसिकता का प्रतिबिंब है।
जबकि QIBs ने 166.51× बिड किया, यह दर्शाता है कि प्रीमियम पर शेयर खरीदने की इच्छा में कोई कसर नहीं रही।
रिटेल सेगमेंट ने 3.55× बिड किया, जो दर्शाता है कि आम जनता भी इस इक्विटी में विश्वास रखती है।
OFS मॉडल के तहत शेयरों का मौजूदा शेयरधारकों को पुनर्वितरण होने से, कंपनी के पास सीधे फंड नहीं आया, परंतु यह तरलता का एक अनूठा कदम माना जा सकता है।
भविष्य में, इस तरलता के परिणामस्वरूप, कंपनी की व्यावसायिक विस्तार योजनाएँ और तेज़ी से पुश हो सकती हैं।
उत्पादन यूनिट्स की क्षमता 1.45 कोर यूनिट्स में से 84% का उपयोग वर्तमान में हो रहा है, जिससे ऑपरेशनल इफ़िशिएंसी का संकेत मिलता है।
बाजार के 75% राजस्व घरेलू उपकरण एवं एयर सॉल्यूशन से आता है, जो कंपनी को स्थिर आय स्रोत प्रदान करता है।
अधिकांश विश्लेषक अनुमान लगाते हैं कि लिस्टिंग मूल्य ₹1,500 के आसपास रहेगा, जिससे शुरुआती दिन में 30% से अधिक रिटर्न की संभावना बनती है।
यह संभावित रिटर्न निवेशकों को आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण कारक बनता है, विशेषकर उन लोगों के लिये जो उच्च रिटर्न की तलाश में हैं।
साथ ही, निर्यात‑आधारित उत्पादन मॉडल कंपनी को विदेशी मुद्रा आय की ओर भी अग्रसर करेगा।
ऐसे व्यापक और बहुआयामी पहलू इस IPO को सिर्फ एक वित्तीय लेन‑देन्मात्र नहीं, बल्कि भारतीय बाजार में टेक्नोलॉजी और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के वैकल्पिक भविष्य की कहानी बनाते हैं।
वित्तीय विश्लेषकों को इस इश्यू को देखते समय मूल्यांकन के मल्टी‑फैक्टर मॉडल को अपनाना चाहिए, जिसमें बंडल्ड प्राइस‑टू‑एफिलिएन्स, मार्केट‑शेयर और ग्रोथ‑प्रोस्पेक्टस शामिल हों।
अंततः, इस IPO का दीर्घकालिक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता को कैसे स्केल करती है और कैसे ग्राहक‑केन्द्रित नवाचार जारी रखती है।