आईआईटी खड़गपुर ने हाल ही में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की पत्नी अंजलि पिचाई को मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें उनके परोपकारी कार्यों और सामाजिक कल्याण में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया है। अंजलि पिचाई ने लंबे समय से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आ सके।
अंजलि पिचाई ने अपने जीवनकाल में कई परोपकारी पहलों में सक्रिय भागीदारी की है। विशेष रूप से, उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई प्रयास किए हैं। उनके कार्यों ने कई अविकसित और कमज़ोर समुदायों के लोगों को बदलने में सक्षम बनाया है। उनकी यह प्रतिबद्धता और सेवा भावना ही आईआईटी खड़गपुर द्वारा उन्हें यह प्रतिष्ठित उपाधि प्रदान करने का मुख्य कारण बनी।
सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में अंजलि पिचाई की सेवाएं सिर्फ दिखावे तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर काम करके लोगों की जरूरतों को समझा और उनके जीवन को बेहतर बनाने का काम किया है। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को भी प्राथमिकता दी है, ताकि हर किसी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
सुंदर पिचाई, जो अपने आप में एक बड़ा नाम हैं, अंजलि की इस उपाधि से बहुत गर्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी व्यक्त की और कहा कि मानद डॉक्टरेट ही सही, लेकिन यह उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सुंदर पिचाई ने अंजलि के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पत्नी की यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि समाज के लिए भी गर्व की बात है।
अंजलि पिचाई सिर्फ सुंदर पिचाई की पत्नी नहीं हैं, बल्कि वे एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं। उनकी परोपकारी पहलों और सामाजिक कल्याण में योगदान ने अनेक लोगों को प्रेरित किया है। वे अपनी मेहनत और समर्पण से यह साबित कर चुकी हैं कि यदि आपके पास दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो आप किसी भी क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकते हैं।
आईआईटी खड़गपुर ने अंजलि पिचाई के इस योगदान को सम्मानित करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसे ना सिर्फ अंजलि के लिए, बल्कि उन सभी लोगों के लिए भी मान्यता मिली है, जिन्होंने समाज के लिए अच्छा काम किया है। इस उपाधि से उन्हें नई जिम्मेदारियों और समाज के प्रति उनकी भूमिका को और अधिक मजबूती मिली है।
अंजलि पिचाई की यह मानद डॉक्टरेट ना सिर्फ उनके योगदान को मान्यता देने का एक तरीका है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने वाले लोगों को प्रेरित करने का भी एक प्रयास है। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित किया है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले व्यक्ति को कभी न कभी पहचान और सम्मान मिलता ही है।
अंजलि पिचाई का जीवन और उनका समर्पण हम सबके लिए एक प्रतीक है कि हम भी समाज में बेहतर योगदान कर सकते हैं। उन्होंने हमें यह सिखाया है कि हमें अपने सामर्थ्यानुसार कमज़ोर और वंचित लोगों की मदद करनी चाहिए। उनका यह सम्मान हमें यह याद दिलाता है कि सतत प्रयास और निष्ठा के साथ किए गए कार्य हमेशा फलदायक होते हैं।
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