हसन नसरल्लाह का जन्म 31 अगस्त 1960 को बेरूत के एक गरीब उपनगर बुर्ज हम्मूद में हुआ था। वे एक बड़े शिया परिवार में पले-बढ़े। उनके पिता एक किराना दुकान चलाते थे और परिवार में कुल आठ भाई-बहन थे। नसरल्लाह ने धार्मिक अध्ययन में रुचि दिखाई और जल्द ही अमल मूवमेंट में शामिल हो गए, जो एक शिया राजनीतिक और अर्धसैनिक संगठन था।
नसरल्लाह की नेतृत्व यात्रा में प्रमुख मोड़ तब आया जब उनके पूर्ववर्ती अब्बास अल-मुसावी को इजरायली बलों द्वारा हत्या कर दी गई। फरवरी 1992 में नसरल्लाह को हिज़्बुल्लाह का महासचिव नियुक्त किया गया। उनकी नेतृत्व कुशलता ने हिज़्बुल्लाह को इज़रायल का प्रमुख सैन्य प्रतिद्वंद्वी बना दिया।
नसरल्लाह के नेतृत्व में, हिज़्बुल्लाह ने लेबनान में अपनी स्थिति मजबूत कर ली और इज़रायल के खिलाफ कई सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया। वे एक प्रभावशाली वक्ता हैं और अक्सर गुप्त स्थानों से भाषण देते हैं, जिसे रिकॉर्ड किया जाता है और बाद में प्रसारित किया जाता है। सुरक्षा चिंताओं के कारण, कई बार उनके ठिकानों का पता लगाना कठिन हो जाता है।
उनके बड़े बेटे हादी की 1997 में इजरायली बलों द्वारा हत्या कर दी गई थी, जब वे हिज़्बुल्लाह के लिए लड़ाई कर रहे थे। इस घटना ने नसरल्लाह को और अधिक प्रेरित कर दिया और उन्होंने इजरायल के खिलाफ अपने संघर्ष को तेज कर दिया।
हाल ही में, बेरूत के दक्षिण उपनगरों में इजरायली हवाई हमलों का निशाना बने नसरल्लाह के मुख्यालय का विनाश हुआ। इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने हिज़्बुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय पर सटीक हमला किया और इसे नष्ट किया। हिज़्बुल्लाह और इजरायल के बीच संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है और इसके जल्द खत्म होने के कोई संकेत नहीं हैं।
बेरूत के हरेक हरेक जिले में स्थित इमारतें, जो लंबे समय से हिज़्बुल्लाह के संचालन का आधार रही हैं, पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। हालाँकि, हिज़्बुल्लाह और ईरानी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, नसरल्लाह जीवित हैं और सुरक्षित हैं। यह घटना दर्शाता है कि हिज़्बुल्लाह कितनी भी शक्ति रखता हो, लेकिन इजरायली हमलों के चलते असहायता और असुरक्षा की स्थिति में है।
नसरल्लाह की जीवित रहने की पुष्टि ने न केवल हिज़्बुल्लाह की स्थिरता को दर्शाया, बल्कि इसके कमजोरियों को भी उजागर किया। इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष जारी रहने की संभावना है, जिसमें अब तक कोई ठोस युद्धविराम के संकेत नहीं हैं। हजारों इजरायली उत्तरी क्षेत्रों से विस्थापित हो गए हैं, और इज़रायल ने अपनी कोशिशें बढ़ा दी हैं ताकि हिज़्बुल्लाह के प्रभाव को सीमित किया जा सके।
नसरल्लाह की कहानी संघर्ष, नेतृत्व, और धर्म के प्रति समर्पण की एक गाथा है। उनकी जीवनी कई बड़ी घटनाओं से भरपूर है जो मिडिल ईस्ट की जटिलता और गांभीरता को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनका जीवन और उनकी कहानी अभी भी कई लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
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