IND vs BAN: चेन्नई टेस्ट में बुमराह का जलवा, दूसरे दिन गिरे 17 विकेट
भारत और बांग्लादेश के बीच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन काफी रोमांचक खेल देखने को मिला। भारतीय गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के चलते बांग्लादेश की टीम 149 रनों पर सिमट गई। खासकर जसप्रीत बुमराह ने अपनी गेंदबाजी से बांग्लादेशी बल्लेबाजों को खासा परेशान किया और चार महत्वपूर्ण विकेट चटकाए।
भारत की पहली पारी और अश्विन-जडेजा का योगदान
भारत ने पहली पारी में 376 रन बनाए थे। इस दौरान टीम ने शुरुआती झटकों से उबरते हुए एक बेहतरीन वापसी की। 144/6 के स्कोर पर संघर्ष कर रही भारतीय टीम को रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने संभाला। इन दोनों ने मिलकर विपक्षी गेंदबाजों को जमकर चुनौती दी और महत्वपूर्ण रन जोड़े। अश्विन और जडेजा की भागीदारी ने भारतीय पारी को मजबूती देने का काम किया।
दूसरे दिन का खेल और बुमराह का खास प्रदर्शन
दूसरे दिन का खेल शुरू होते ही भारतीय गेंदबाजों ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों पर दबाव बना दिया। जसप्रीत बुमराह ने अपनी तेजतर्रार गेंदबाजी से शादमान इस्लाम को ऑफ स्टंप की गिल्लियां बिखेरते हुए पवेलियन भेज दिया। बुमराह के इस प्रदर्शन से बांग्लादेशी ड्रेसिंग रूम में तनाव का माहौल बन गया। इसके बाद अकशदीप, जो दूसरे नंबर पर गेंदबाजी करने आए थे, ने भी तुरंत दो विकेट लेकर बांग्लादेश को हिला कर रख दिया।
इस प्रभावशाली गेंदबाजी प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश की टीम सिर्फ 26 रनों पर तीन विकेट गवां चुकी थी। भारतीय गेंदबाजों के सतत दबाव ने बांग्लादेशी मिडल-ऑर्डर को भी ध्वस्त कर दिया। बांग्लादेश के मध्यक्रम के बल्लेबाज बड़े स्कोर बनाने में नाकाम रहे और भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें जल्दी-जल्दी पवेलियन लौटने पर मजबूर कर दिया।
फॉलो-ऑन नहीं चुना और दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों का संघर्ष
भारत ने अपनी पहली पारी की बढ़त को देखते हुए फॉलो-ऑन नहीं देने का निर्णय लिया। जब भारतीय टीम फिर से बल्लेबाजी करने उतरी, तो शुरुआत में ही उन्हें अपने ओपनर्स रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल के सस्ते में आउट होने का झटका लगा। इसके बाद विराट कोहली भी ज्यादा रन नहीं बना सके और जल्दी ही आउट हो गए। इससे टीम एक समय पर मुश्किल में लग रही थी।
हालांकि, दिन का अंत भारत ने 81/3 के स्कोर पर किया और उनकी कुल बढ़त 308 रनों की हो गई, जिससे उन्हें अगले दिन के खेल के लिए आत्मविश्वास मिला।

दूसरे दिन गिरे 17 विकेट, चेन्नई में हुआ नया रिकॉर्ड
दूसरे दिन कुल 17 विकेट गिरे, जो चेन्नई में एक दिन में गिरे सबसे अधिक विकेट हैं। इनमें से 14 विकेट तेज गेंदबाजों के खाते में आए, जो दिखाता है कि पिच पर तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिल रही थी।
यह प्रदर्शन भारत की गेंदबाजी की गहराई को दर्शाता है, खासकर जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में। बुमराह ने नए गेंद से बांग्लादेश के शीर्षक्रम पर कहर ढाया और भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए। इस प्रदर्शन से बुमराह ने न सिर्फ अपनी काबिलियत को साबित किया, बल्कि भारतीय टीम को मैच में महत्वपूर्ण बढ़त दिलाने में भी मदद की।
बांग्लादेश की पहली पारी का संक्षिप्त विवरण
बांग्लादेश की पहली पारी दो सत्रों से भी कम समय तक चली और उनकी बल्लेबाजी पूरी तरह से भारतीय गेंदबाजों के सामने ढह गई। शीर्षक्रम के बल्लेबाज ज्यादा योगदान नहीं दे सके और मध्यक्रम भी उसी रास्ते पर चला। बुमराह की गेंदबाजी के अलावा अन्य गेंदबाजों ने भी अपनी भूमिकाओं को बखूबी निभाया और बांग्लादेश के बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया।
इस प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम की नजरें इस टेस्ट मैच को जीतने पर टिकी हैं, और अहमदाबाद में उनकी बढ़त ने उन्हें अच्छी स्थिति में ला दिया है।

निष्कर्ष
भारत और बांग्लादेश के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच का दूसरा दिन पूरी तरह से भारतीय गेंदबाजों के नाम रहा। जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में भारतीय गेंदबाजों ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया और उन्हें 149 रनों पर ऑलआउट कर दिया। भारतीय टीम ने पहली पारी में 376 रन बनाए थे, जिससे उन्हें बड़ी बढ़त मिली। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 81/3 का स्कोर बना लिया और उनकी कुल बढ़त 308 रनों की हो गई। अब देखना ये होगा कि तीसरे दिन का खेल किस दिशा में जाता है और कौन सी टीम बाजी मारती है।
Vibhor Jain
सितंबर 21, 2024 AT 10:28लगता है बुमराह ने पिच को अपनी किचन समझ लिया, बांग्लेश के बॉलर को चाकू से काटते हुए।
Rashi Nirmaan
अक्तूबर 3, 2024 AT 02:00देश की क्रिकेट महिमा का प्रतीक बुमराह ने इस मैदान में अपना साहस दिखाया यही राष्ट्रीय गर्व का स्रोत है बांग्लेश के खिलाफ इस विजयी प्रदर्शन ने भारतीय शौर्य को दोबारा स्थापित किया
Ashutosh Kumar Gupta
अक्तूबर 14, 2024 AT 17:10क्या कहें उस परिदृश्य की, बुमराह की तेज़ तर्रार गति ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को मानो आग में धुत किया उनका सपना टूटता गया और भारत की जीत का दर्पण साफ़ हो गया
fatima blakemore
अक्तूबर 27, 2024 AT 06:33भाईसाहब, बुमराह की गेंदों को देखके मन में एक सवाल उठता है कि क्या हम सब मिलके ऐसी पिच बनायें जहाँ खेल का सारा मज़ा रहे न कि सिर्फ एक टीम की बारी? ये सोचने वाला वक्त है.
vikash kumar
नवंबर 7, 2024 AT 20:20जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन वास्तव में फर्स्ट-केट स्पिन नहीं, बल्कि आधुनिक तेज़ गेंदबाज़ी की शास्त्रज्ञति है। यह विश्लेषण इस बात को स्पष्ट करता है कि तकनीकी कौशल और रणनीतिक बुद्धिमत्ता का संयोजन ही जीत का मूलभूत कारक है।
Anurag Narayan Rai
दिसंबर 14, 2024 AT 10:28चेन्नई के इस टेस्ट में बुमराह का प्रभाव केवल फिरकी मारने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उसने पूरी टीम के मनोबल को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। जब बांग्लादेशी बल्लेबाजों को लगातार दबाव में लाया गया, तो उनका खेल अस्थिर हो गया और यह स्पष्ट हो गया कि गति और स्विंग का मिश्रण कितना खतरनाक हो सकता है। इस पिच पर तेज़ गेंदबाजों को मिल रही सहायता को देख कर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भारतीय जलवायु और सतह की बनावट तेज़ गेंदबाज़ी को बहुत प्रोत्साहित करती है। बुमराह की विविधता भरी डिलीवरीज़ ने शादमान इस्लाम को पवेलियन भेजते हुए पिच के हर भाग में अनिश्चितता डाल दी। इसके बाद अकशदीप की दो विकेट की लहर ने बांग्लादेशी क्रम को पूरी तरह उलझा दिया और यह दिखा दिया कि तब्दील हुई रणनीति कैसे मैच के परिणाम को निर्धारित करती है। जबकि भारत ने फॉलो‑ऑन नहीं चुना, यह फैसला उनके आत्मविश्वास का प्रतिबिंब था और आगे की पारी में दबाव बनाए रखने की उनकी इच्छाशक्ति को दर्शाता है। ओपनर्स के शुरुआती झटके के बावजूद, मध्य क्रम ने धीरज दिखाया और टीम को सुरक्षित स्थिति में लाया। इस बात का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि बुमराह की तेज़ गेंदबाज़ी ने न केवल विकेट लिए, बल्कि बांग्लादेशी बंधुओं के मनोवैज्ञानिक संतुलन को भी बिगाड़ा। इस प्रकार, एक दिन में 17 विकेट गिरना न केवल रिकॉर्ड बिखरता है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय गेंदबाज़ी की गहराई कितनी बड़ी है। इस खेल को देख कर यह स्पष्ट हो जाता है कि भविष्य में ऐसी पिचों पर भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी को और अधिक अवसर मिलेंगे। कुल मिलाकर, बुमराह ने इस मैच में अपने करियर का एक उल्लेखनीय अध्याय लिखा है और यह सबक हमें याद दिलाता है कि खेल में निरन्तर प्रयत्न और वैरिएशन ही सफलता की कुंजी हैं।