आर्थिक सर्वेक्षण 2025 का परिचय
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 को 31 जनवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस सर्वेक्षण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। खासकर, इस सर्वे में सुधार और विकास की रूपरेखा पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार की विभिन्न नीतियों को भी विस्तृत रूप में दर्शाया गया है जो अर्थव्यवस्था के उन्नयन में सहायक साबित होंगी।
जीडीपी वृद्धि अनुमान
भारत की वास्तविक संरचनात्मक विकास दर (जीडीपी) के लिए वित्तीय वर्ष 2025 में 6.4% वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, जिसमें कृषि और सेवा क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह वार्षिक वृद्धि संभावित रूप से अगले वित्तीय वर्ष के लिए 6.3% से 6.8% तक रहने की संभावना बताई गई है। ऐसे आर्थिक दृष्टिकोण और अनिश्चितताओं के बावजूद, यह अनुमान आने वाले वर्षों में आर्थिक सुधार की संभावना को इंगित करता है।
वैश्विक आर्थिक परिदृश्य
वैश्विक आर्थिक परिदृश्य ने 2024 में स्थिर लेकिन असमान गति से वृद्धि की है, जिसमें विनिर्माण की गति में मन्दता देखने को मिली। हाल के वर्षों में बढ़ते भूराजनीतिक तनाव, संघर्ष और व्यापार नीति जोखिमों ने वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए भविष्यवाणी को एक चुनौती बना दिया है। इससे निपटने के लिए, भारतीय अर्थव्यवस्था को अपने घरेलू स्तंभों को मजबूत करना अनिवार्य है।
घरेलू विकास चालकों की भूमिका
आर्थिक सर्वेक्षण में घरेलू विकास चालकों के महत्व पर जोर दिया गया है, विशेषकर वैश्विक व्यापार के धीमे पड़ते गति के संदर्भ में। भारत की आर्थिक स्थिरता में बड़ी भूमिका निभाने के लिए इस रिपोर्ट में आर्थिक विनियमन को जरूरत बताया गया है। इससे आर्थिक उत्पादकता और नवप्रवर्तन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
क्षेत्रीय प्रदर्शन
सेवा क्षेत्र ने किस तरह से मजबूती दिखाई है और विनिर्माण क्षेत्र ने वैश्विक मांग की कमजोरियों और मौसमी घरेलू स्थितियों के कारण किन चुनौतियों का सामना किया है, इसका विवरण दिया गया है। कृषि क्षेत्र में बढ़ती उत्पादकता की वजह से सुधार के संकेत मिले हैं जो कि देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करते हैं।
वित्तीय अनुशासन
सर्वेक्षण में वित्तीय अनुशासन के महत्व पर बल दिया गया है। बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में भारत का वित्तीय घाटा 9.1 ट्रिलियन रुपये, या वार्षिक अनुमान का 57% रहा। इससे यह स्पष्ट होता है कि अर्थव्यवस्था में वित्तीय प्रबंधन की आवश्यक रूपरेखा की कितनी आवश्यकता है। इसके साथ ही यह आर्थिक स्थिरता को भी बनाए रखने का संकेत देता है।
ऊर्जा हस्तांतरण की जरूरत
इस सर्वेक्षण में ऊर्जा हस्तांतरण को संतुलित दृष्टिकोण से अपनाने की जरूरत पर जोर दिया गया है। इसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के उपाय सुझाए गए हैं, साथ ही तकनीकी उन्नयन, जैसे एआई जैसी तकनीकों के लिए कौशल और शिक्षा की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है।
सुधारित बैंकिंग क्षेत्र
बैंकिंग क्षेत्र की परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार के साथ, नियामकीय सुधारों और अवसंरचनात्मक निवेश की दिशा में उठाए गए कदमों पर गौर किया गया है। जिससे कि भविष्य में वित्तीय स्थिरता एवं विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
ग्रामीण मांग में सुधार
ग्रामीण मांग में सुधार के संकेत दिए गए हैं, जो समग्र आर्थिक वृद्धि में योगदान करने की उम्मीद है। यह अहम बिंदु जो दर्शाता है कि कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार देश की विकास यात्रा का अभिन्न हिस्सा हैं।
बजट 2025 की उम्मीदें
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 ने आगामी केंद्रीय बजट के लिए मार्ग प्रशस्त किया है, जिसमें कर राहत उपायों, कर दर समायोजन, पूंजीगत व्यय में वृद्धि और खपत को प्रोत्साहन की उम्मीदें व्यक्त की गई हैं, जबकि वित्तीय समेकन बनाए रखने पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण उन नीतियों का दर्पण है जो आगे के बजटीय प्रस्तावों की दिशा तय करेंगे।
Rashi Jaiswal
फ़रवरी 1, 2025 AT 09:40वाह भाई, इस आर्थिक सर्वेक्षण में जो उम्मीदें बताई गयी हैं, वो वाकई दिल को छू जाती हैं! ऐसा लगता है कि अगले साल हम सबको कुछ राहत मिल सकती है, भले ही कुछ चुनौतियाँ हों। सरकार ने जो नयी नीति लाने की बात की है, वो छोटे-छोटे स्टार्टअप्स को भी फायदा पहुँचा सकती है। मुझे लगता है कि अगर हम सब मिल कर इस ऊर्जा हस्तांतरण को सपोर्ट करें तो सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट बहुत जल्दी आम हो जाएगा। चलो, इस पॉजिटिव मोमेंट को जियो और आगे बढ़ते रहो।
Maneesh Rajput Thakur
फ़रवरी 1, 2025 AT 10:30सरकार की ये बातें फिर से वही पुरानी कहानियों जैसा है।
ONE AGRI
फ़रवरी 1, 2025 AT 11:20देखो भाई, इस रिपोर्ट में जो बातों का ज़िक्र है वो केवल आँकड़े नहीं बल्कि हमारे देश की स्वाभिमान की रीढ़ है। हमारा देश हमेशा से विश्व में अपनी शक्ति दिखाने की कोशिश करता आया है, और इस बार भी इस आर्थिक सर्वे में वही झलक दिखती है। हमें यह समझना चाहिए कि जीडीपी का बढ़ना सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि हमारे किसानों और जवानों की मेहनत का परिनाम है।
विनिर्माण में मंदी के बावजूद, भारतीय स्वदेशी तकनीक और एआई के प्रयोग से हम फिर से आगे बढ़ सकते हैं।
ऊर्जा हस्तांतरण को लेकर आधुनिकीकरण की बात सही है, पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी आत्मनिर्भरता ही हमें सबसे बड़ी सुरक्षा देगी।
सार्वजनिक परिवहन का विकास तभी सार्थक होगा जब हम भारतीयों की राष्ट्रीय भावना को भी उतना ही सुदृढ़ बनाएं।
सभी सरकारी योजनाओं को अगर सही तरीके से लागू किया जाए, तो ग्रामीण मांग में सुधार हमारी नई आर्थिक शक्ति बनेगी।
समय-समय पर बजट में कर राहत देने से हमारे छोटे व्यापारियों को भी नई दिशा मिलेगी।
बैंकिंग सुधार और वित्तीय अनुशासन हमें विश्व के प्रमुख आर्थिक खिलाड़ियों में स्थान दिला सकते हैं।
हमें इस सर्वेक्षण को सिर्फ एक कागज की रिपोर्ट नहीं समझना चाहिए, बल्कि एक बुलाव है, एक प्रेरणा है।
जब तक हम अपने राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता नहीं देते, तब तक कोई भी अंतरराष्ट्रीय नीति हमें बदल नहीं सकती।
इसलिए, चलो मिलकर इस आर्थिक योजना को अपनाएं, अपने युवाओं को स्किल्स दें और देश को एक नई ऊँचाई पर ले जाएँ।
भविष्य में अगर हम इस ऊर्जा संक्रमण को सही दिशा में ले जाएँ, तो न सिर्फ भारत बल्कि पूरी एशिया को फायदेमंद रहेगा।
अंत में, मैं यही कहना चाहूँगा कि विकास का मार्ग वही है जो हमारे देश के लोग खुद बनाते हैं, और इस रिपोर्ट ने हमें वही दिशा दी है।
Himanshu Sanduja
फ़रवरी 1, 2025 AT 12:26बहुत बढ़िया बिंदु हैं इस सर्वे में, खासकर ग्रामीण मांग में सुधार का जिक्र जिससे किसान भाईयों को फायदा होगा। वित्तीय अनुशासन की बात भी सही है, क्योंकि बजट में संतुलन बनाये रखना जरूरी है। मुझे लगता है अगर हम सब मिलकर इस ऊर्जा परिवर्तन को अपनाएँ तो भविष्य अधिक उज्ज्वल होगा।
Kiran Singh
फ़रवरी 1, 2025 AT 13:33सही कहा दोस्त, चलो इस सकारात्मक दिशा में मिलकर कदम बढ़ाते हैं! 🌟 हम सब मिलकर इस आर्थिक योजना को सफल बना सकते हैं। 💪🚀