भारतीय सिनेमा में "भारत के ग्रेटेस्ट शोमैन" के रूप में विख्यात राज कपूर की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कपूर परिवार के साथ एक विशेष मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य राज कपूर की असीमित फिल्मी धरोहर को सराहना और उनकी यादों को ताजा करना रहा। इस मुलाकात में कपूर परिवार के अन्य प्रमुख सदस्य जैसे रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर खान, सैफ अली खान, करिश्मा कपूर, नीतू कपूर, और रिद्धिमा कपूर साहनी उपस्थित थे। राज कपूर ने अपने जीवन में जो भूमिका और योगदान दिया है, वह भारतीय सिनेमा की जड़ों में गहराई तक स्थापित है। उनका सृजन सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। उनके 1988 में निधन के बाद भी उनकी फिल्में आज भी दर्शकों को आकर्षित करती हैं।
मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राज कपूर की भारतीय सिनेमा में अग्रणी भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि राज कपूर ने भारतीय संस्कृति और सामाजिक दृष्टिकोण को अपने फिल्मों में बेहतरीन तरीके से उकेरा था। पीएम मोदी ने राज कपूर के समय की फिल्मों की शक्ति का वर्णन करते हुए, उनके प्रभावी फिल्ममेकिंग का जिक्र किया। उन्होंने एक खास घटना का उल्लेख किया, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने चुनाव परिणाम के बाद राज कपूर की फिल्म 'फिर सुबह होगी' देखी थी। इसी तरह का एक और वाकया स्मरण करते हुए पीएम मोदी ने रणबीर कपूर के पिता ऋषि कपूर के साथ अपनी यादगार दोस्ती को भी साझा किया, जब उन्होंने चीन में बजने वाले उनके गीत का एक रिकॉर्डिंग उन्हें भेजा था।
मोदी ने बताया कि राज कपूर ने भारतीय सिनेमा को पश्चिमी दर्शकों तक पहुँचाने में कितनी अहम भूमिका निभाई। यह एक समय था जब "सॉफ्ट पावर" शब्द का प्रचलन नहीं था। उनकी फिल्मों ने भारत को दुनिया के सामने सशक्त रूप से प्रस्तुत किया। इस बैठक में कपूर परिवार ने दिली तौर पर प्रधानमंत्री को इस महत्वपूर्ण अवसर पर शामिल होने का निमंत्रण दिया।
राज कपूर की 100वीं जयंती को मनाने के लिए एक विशेष फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। 'राज कपूर 100 फिल्म फेस्टिवल' के अंतर्गत उनकी 10 प्रमुख फिल्मों को 40 शहरों के 135 सिनेमा घरों में दिखाया जाएगा। इन फिल्मों में 'आग', 'बरसात', 'आवारा', 'श्री 420', और 'मेरा नाम जोकर' जैसी कालजयी कृतियाँ शामिल होंगी। इस महोत्सव का टिकट मूल्य मात्र 100 रुपये होगा, जिससे सिनेमा प्रेमियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। यह महोत्सव भारतीय फिल्म इतिहास में राज कपूर के योगदान को सराहने का एक अवसर है। इससे जुड़े प्रसंग, उनकी फिल्में और उनके द्वारा स्थापित मूल्य महत्व रखते हैं।
राज कपूर की फिल्मों को उनके समय के सामाजिक मुद्दों पर बेबाक बयानी, मधुर संगीत और मनमोहक कहानी के लिए जाना जाता है। उनका कार्य नई पीढ़ियों को भी प्रेरित करता आ रहा है। भारतीय सिनेमा में उनकी विरासत आज भी जीवंत है और कई फिल्मकार उनके प्रभाव से प्रेरित होते हैं। उन्होंने सिनेमा के माध्यम से कई महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश दिए, जो आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं।
राज कपूर का फिल्मी सफर एक बाल कलाकार के रूप में शुरू हुआ था और उनकी सफलता एक निर्देशक और निर्माता के रूप में बढ़ी। उनकी फिल्में ना केवल मनोरंजन प्रदान करती थीं, बल्कि समाज के ज्वलंत मुद्दों को भी उठाती थीं। भारतीय सिनेमा के इतिहास में राज कपूर का योगदान अपार और अजेय है। जिन विषयों पर उन्होने अपनी फिल्मों में बल दिया, वो सभी आज भी समाज में बहस का विषय बने हुए हैं।
आज जब हम राज कपूर की 100वीं जयंती के अवसर पर उनकी विरासत को याद कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि हम उनकी कला का सम्मान करें और उनके बताए मार्ग को आगे बढ़ाएँ। यह प्रतिभा से भरे हुए इंसान ने सिनेमा के माध्यम से दुनिया को ना केवल अपनी कहानियों से रूबरू कराया, बल्कि भारतीय सिनेमा को विश्व मंच पर सम्मान दिलाया। ऐसे महापुरुष को श्रद्धांजलि देते हुए हम उनके कार्यों को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की कोशिश करें।
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