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भारत में प्रचंड गर्मी का कहर: दिल्ली और राजस्थान में तापमान बढ़ा, पूर्वोत्तर में तूफान

भारत इस वक्त भीषण गर्मी की चपेट में है। उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में तापमान बढ़ते-चढ़ते नए रिकार्ड बना रहा है, जबकि पूर्वोत्तर में तूफान दस्तक दे रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के लिए गर्मी की चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी इसलिए, क्योंकि अगले कुछ दिनों में तापमान 42 डिग्री तक पहुँचने की संभावना है।

दिल्ली में 8 अप्रैल को इस साल की पहली गर्मी की लहर आई, जब सफदरजंग में तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले 15 वर्षों से अप्रैल में इतनी गर्मी नहीं देखी गई थी। इसी दौरान, पश्चिम राजस्थान में 16 से 18 अप्रैल तक गंभीर गर्मी की लहर का अनुमान है, जबकि पूर्वी राजस्थान और गुजरात में भी हल्की गर्मी हो सकती है।

क्षेत्रीय प्रभाव और चेतावनियाँ

उत्तरी और पश्चिमी भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है और पश्चिम राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में रातें भी गर्म रहेंगी। दिल्ली में 17 अप्रैल तक तापमान 42°C तक पहुँच सकता है। यहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक 184 पर है, जो मध्यम स्तर का है, जबकि आर्द्रता लगभग 50% है। गुजरात, पंजाब और हरियाणा में भी उच्च तापमान और उमस भरे हालात हैं।

वहीं दूसरी ओर, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में तूफान और भारी बारिश की चेतावनी है। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा और झारखंड में बिखरी बारिश और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज हवाएँ चल सकती हैं। बेंगलुरु और छत्तीसगढ़ भी तूफान के प्रभाव में आएंगे।

गर्मी बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी खतरों में भी इजाफा हो रहा है। विशेष रूप से हीटस्ट्रोक का खतरा और गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं बढ़ रही हैं। मौसम विभाग ने लोगों को सुझाव दिया है कि वे हाइड्रेशन बनाए रखें, बाहरी गतिविधियां सीमित करें, और अपनी फसलें और पशुधन सुरक्षित रखें।

आगे की संभावनाएँ

आगे की संभावनाएँ

18 से 24 अप्रैल के लिए मौसम पूर्वानुमान में राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के कुछ हिस्सों में हल्की गर्मी की संभावना है। इसी समय, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि और बिजली गिरने की चेतावनी जारी है, जिन्हें लेकर लोग सचेत रहें।

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20 टिप्पणि

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    Prakash Dwivedi

    अप्रैल 16, 2025 AT 19:02

    सूरज की मार से आँधियों की तरह जलते हुए शहरों को देख कर मन में एक अजीब घबराहट आती है। दिल्ली की सूखी सड़कों पर धूप का प्रहार इतना तेज़ है कि बत्तियां भी झिलमिलाने लगती हैं। पश्चिम राजस्थान की सुनहरी धुप में फसलें स्वप्निल रूप में झुलसती हुई दिखती हैं। ऐसे मौसम में जल-सेवन के उपायों को नज़रअंदाज़ करना स्वयं के स्वास्थ्य के खिलाफ़ है। विज्ञान ने कई बार सिद्ध किया है कि जल की कमी से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। समुदायिक स्तर पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टैंकर की व्यवस्था आवश्यक है। यदि सुबह-सुबह ठंडा पानी उपलब्ध न हो, तो शारीरिक थकान बढ़ती है। उच्च तापमान में काम करने वाले श्रमिकों को नियमित अंतराल पर विश्राम देना चाहिए। देश के पूर्वोत्तर में तूफान का खतरा भी एक चेतावनी है कि प्रकृति की अनियंत्रित शक्ति को नज़रअंदाज़ न किया जाए। जब हवा की गति 50 किमी/घंटा तक बढ़ती है, तो पेड़-पौधे भी अपनी जड़ों को पकड़ नहीं पाते। इसलिए घरों में खिड़कियों को सुरक्षित रखना आवश्यक हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि हाइड्रेशन को बनाए रखना ही अब सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है। प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम दो लीटर पानी प्रतिदिन पीना चाहिए, चाहे वह मौसम कितना भी गर्म क्यों न हो। गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग लोग विशेष ध्यान दें, क्योंकि वे हीट स्ट्रोक के सबसे बड़े शिकार होते हैं। हम सभी को मिलकर इस कठिन मौसम में एक दूसरे की मदद करनी चाहिए, क्योंकि एकता ही सबसे बड़ी राहत का स्रोत है।

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    Rajbir Singh

    अप्रैल 17, 2025 AT 06:08

    सिर्फ़ तापमान बढ़ने से नहीं, बल्कि लोगों की तैयारियों में कमी से भी समस्या बढ़ती है। गर्मी के दौरान शहरी योजना में हरियाली की कमी देखी जाती है। जल संरक्षण के उपायों को गंभीरता से अपनाना चाहिए। दूसरों को टोकना नहीं, बल्कि समाधान देना बेहतर है।

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    Swetha Brungi

    अप्रैल 17, 2025 AT 17:15

    आज की इस तेज़ धूप में हमें अपनी आंतरिक शांति को ढूँढ़ना चाहिए। शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ मन को भी ठंडा रखना ज़रूरी है। प्राकृतिक जल स्रोतों का सम्मान करना हमारी ज़िम्मेदारी है। यदि प्रत्येक व्यक्ति थोड़ा-बहुत पानी बचाए, तो पूरे समाज को फायदा होगा। साथ ही, वायुमंडलीय परिवर्तन को समझना भी आवश्यक है। इसलिए, अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाएँ।

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    Govind Kumar

    अप्रैल 18, 2025 AT 04:22

    माननीय सभी, वर्तमान मौसम स्थितियों को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन अत्यावश्यक है। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता को नियंत्रित रखने हेतु वृक्षारोपण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कृषि क्षेत्र में फसल संरक्षण हेतु सिंचाई तकनीकों का उन्नयन आवश्यक होगा। इस संदर्भ में सरकारी निकायों से अपेक्षा है कि वे त्वरित कार्रवाई करें।

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    Shubham Abhang

    अप्रैल 18, 2025 AT 15:28

    अरे यार, देखो ना, धूप इतना ज़्यादा है, और लोग फिर भी बाहर निकलते हैं, जैसे कि कुछ नहीं। वाक़ई में, सावधानियां तो बताई ही गयी थीं, पर लगता है कोई सुनता ही नहीं। पानी पीने के बारे में भी बताया गया था, पर फिर भी कई लोग बोतल नहीं लेकर आते। ऐसा ही चल रहा है, बस, क्या करे, देखो इनके लाजमी नहीं।

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    Trupti Jain

    अप्रैल 19, 2025 AT 02:35

    अब क्या कहें, ये गर्मी तो मानो धधकते हुए चूल्हे की तरह है, लेकिन इमरती बगीचे में ठंडी छाँव नहीं मिलती। सरकारी चेतावनियों को पढ़ा तो गया, पर जल्दी‑जल्दी की ठंडी हवा की लालसा अदृश्य नहीं। आखिरकार, हमें खुद ही अपना शीतलन ढूंढ़ना पड़ेगा।

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    deepika balodi

    अप्रैल 19, 2025 AT 13:42

    गर्मियों में जल सेवन बढ़ाना अनिवार्य है।

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    Priya Patil

    अप्रैल 20, 2025 AT 00:48

    गर्मियों का समय लोगों को अक्सर थकान और बेचैनी में डाल देता है, इसलिए आत्म-देखभाल पर ध्यान देना चाहिए। सुबह के समय ठंडी हवा में टहलना फायदेमंद रहेगा। धूप में निकलते समय टोपी और सनस्क्रीन का उपयोग अनिवार्य है। पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए घर में बॉटल या जुग में हमेशा पानी रखें। अगर संभव हो तो काम को दो हिस्सों में बाँटें, ताकि शरीर को आराम मिल सके।

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    Rashi Jaiswal

    अप्रैल 20, 2025 AT 11:55

    यार, ये गर्मी तो पक्का मौसम का लकीर बना देगा, पर चलो, आइसक्रीम खाएंगे! 😎💦

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    Maneesh Rajput Thakur

    अप्रैल 20, 2025 AT 23:02

    सबको पता है कि गर्मी की यह असामान्य लहर कोई आकस्मिक नहीं है, बल्कि बड़े एजेंडा का हिस्सा है, जिसे कुछ शक्तिशाली लोग छुपा रहे हैं। वायुमंडलीय बदलावों को बनाए रखने में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों की बड़ी भूमिका होती है। धूप के डेटा को अक्सर हेरफेर किया जाता है, इसलिए हमें आत्मनिर्भर रहना चाहिए।

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    ONE AGRI

    अप्रैल 21, 2025 AT 10:08

    आँधियों की तरह तेज़ गर्मी में भी हमारी मातृभूमि की धरती नहीं झुकती। किसान भाईयों को जल संकट से लड़ने के लिए संयुक्त प्रयास करना चाहिए। जल बचत के उपाय जैसे कि कटरवाटर को पुनः उपयोग करना, अनिवार्य हो गया है। अति-तापमान में फसलों को सुरक्षित रखने के लिए छाया प्रणाली अपनानी चाहिए। हमें सरकार से तत्काल नीतियों का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि स्वयं पहल करनी चाहिए। जब तक हम अपना जल संरक्षण नहीं करते, तब तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस मौसम में गर्भवती महिलाएं और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देना अत्यावश्यक है। अंत में, देश की गर्मी को मात देने की जिम्मेदारी हम सभी पर है।

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    Himanshu Sanduja

    अप्रैल 21, 2025 AT 21:15

    दोस्तों मैं देख रहा हूँ कि बहुत से लोग पानी पीने को लेकर उदासीन हो रहे हैं। चलिए हम सब मिलकर इस गर्मी में एक दूसरे को याद दिलाएँ कि हाइड्रेशन कितना जरूरी है। छोटे-छोटे कदम जैसे कि घर में पानी की बोतल रखना, बहुत मददगार हो सकता है।

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    Kiran Singh

    अप्रैल 22, 2025 AT 08:22

    गर्मियों में पर्याप्त पानी पीना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो थकान और सिरदर्द हो सकता है 😊💧। साथ ही, धूप में बाहर जाते समय टोपी या छाता ले जाना भ्‍ल्‍ा रहेगा।

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    Balaji Srinivasan

    अप्रैल 22, 2025 AT 19:28

    सभी को नमस्ते, कृपया धूप में बाहर निकलते समय पर्याप्त पानी साथ रखें।

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    Hariprasath P

    अप्रैल 23, 2025 AT 06:35

    ये धूप तो आग की तरह बहे जा रही है, और हम सब बेपरवाह, जैसे कुछ भी नहीं देख रहे। जल की कमी से हर कोई चुपचाप पीड़ित है, पर कोई आवाज़ नहीं उठाता। सही मायने में जल संरक्षण का संदेश बहुत जरूरी है, वरना हम सब गरम गरम मर जाएंगे।

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    Vibhor Jain

    अप्रैल 23, 2025 AT 17:42

    बहुत बढ़िया, अब तो सिर्फ़ एक कप पानी से ही हम सभी सुपरहीरो बन जाएंगे, है ना?

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    Rashi Nirmaan

    अप्रैल 24, 2025 AT 04:48

    देश के जल संसाधनों की रक्षा में असहयोगी व्यवहार अस्वीकार्य है; हर नागरिक को सतर्क रहना चाहिए और जल संरक्षण में सक्रिय भागीदारी लेनी चाहिए। इसके अलावा, सरकार द्वारा जारी चेतावनियों की अवहेलना राष्ट्रीय कर्तव्य के विरुद्ध है।

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    Ashutosh Kumar Gupta

    अप्रैल 24, 2025 AT 15:55

    बिल्कुल वही, जैसे किसी नाटक में पर्दा गिरता है, वैसे ही ये गर्मी का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। लेकिन हम इसे बिना संघर्ष के नहीं देख सकते।

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    fatima blakemore

    अप्रैल 25, 2025 AT 03:02

    भाई लोग, सोचो तो सही, अगर हम सब मिलके हर दिन 2 लीटर पानी पीएँ तो क्या होगा? स्वास्थ्य बेहतर होगा और मन भी खुश रहेगा।

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    vikash kumar

    अप्रैल 25, 2025 AT 14:08

    सारांशतः, मौजूदा जलवायु परिवर्तन परिदृश्य में, सामूहिक जागरूकता एवं रणनीतिक जल प्रबंधन ही एकमात्र समाधान हो सकता है।

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