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संजू सैमसन के करियर में बाधाएं, केरल क्रिकेट संघ पर साजिश के आरोप

संजू सैमसन के करियर के लिए गहराता संकट

भारतीय क्रिकेट का एक उभरता हुआ सितारा संजू सैमसन इन दिनों एक नए विवाद के कारण सुर्खियों में है। उनके पिता, सैमसन विश्वनाथ ने हाल ही में अपने बेटे के क्रिकेट करियर को लेकर केरल क्रिकेट संघ (केसीए) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि केसीए के कुछ पदाधिकारी संजू के खिलाफ साजिश कर रहे हैं और अपने व्यक्तिगत वैमनस्य की वजह से उनके करियर को बुलंदी पर पहुँचने से रोक रहे हैं।

विवाद की शुरुआत तब हुई जब संजू सैमसन को विजय हजारे ट्रॉफी के लिए केरल टीम से बाहर कर दिया गया। इसका कारण बताया गया कि वह अनिवार्य प्रशिक्षण शिविर में शामिल नहीं हो सके थे। हालांकि, यह बात सभी के लिए साफ है कि संजू ने पहले ही केसीए को अपनी अनुपलब्धता की सूचना दी थी। इसके बावजूद उन्हें टीम से बाहर किया गया, जबकि उन्हीं जैसे हालात में दूसरे खिलाड़ियों को टीम में रखा गया। यह दोहरा मापदंड संजू के पिता और उनके समर्थकों को नागवार गुजरा।

सैमसन विश्वनाथ ने आरोप लगाया है कि यह बहिस्कार केवल प्रशिक्षिण शिविर में अनुपस्थित रहने का नहीं था, बल्कि कुछ लोगों की निजी दुश्मनी थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना जान-बूझकर रची गई ताकि संजू को भारतीय एकदिवसीय टीम से भी बाहर करने का बहाना मिल सके। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि केसीए भविष्य में उनके बेटे संजू को गलत कामों के लिए बलिवेदी बनाने की कोशिश करेगा।

समर्थकों और आलोचकों का रुख

इस विवाद ने क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच भयंकर बहस छेड़ दी है। कई लोग इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं कि संजू सैमसन जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी के साथ किस हद तक गलत किया गया है। केसीए के इस कदम के कारण, संजू न केवल विजय हजारे ट्रॉफी से, बल्कि 2025 के चैंपियंस ट्रॉफी से भी बाहर हो गए। इसने संजू के करियर को एक बड़ा झटका दिया है।

संजू के पिता की चिंताओं को कई दिग्गज क्रिकेटरों और नागरिकों का समर्थन मिला है। खासकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मामले में केसीए की कड़ी आलोचना की और इसे संजू के करियर को गहरा नुकसान पहुँचाने वाली घटना बताया है। उन्होंने कहा कि केसीए के कुछ सदस्यों की ‘महत्वाकांक्षा’ और ‘सत्ता का दुरुपयोग’ संजू सैमसन के करियर को नष्ट करता जा रहा है।

केसीए का पक्ष

दूसरी ओर, केसीए के अध्यक्ष जयेश जॉर्ज ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि प्रत्येक खिलाड़ी पर नियमों का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संजू को भी अन्य खिलाड़ियों की तरह टीम के अनुशासन और नीतियों का पालन करना चाहिए। हालांकि जॉर्ज के इस बयान को संजू के समर्थक महज एक बहाना मानते हैं और इसे संजू के खिलाफ अत्याचार मानते हैं।

इस मामले ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर भारतीय क्रिकेट में कितनी गंदी राजनीति और व्यक्तिगत वैमनस्यता वहां फैली हुई है। यदि एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी को उसके ही राज्य द्वारा सहयोग नहीं मिलेगा, तो कैसे नए खिलाड़ी उभर पाएंगे और देश को गौरवान्वित कर पाएंगे। यह मामला न केवल भारतीय क्रिकेट बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए भी चिंताजनक है और इससे खेल की पवित्रता पर सवाल खड़े होते हैं।

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