भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज शिखर धवन ने आज अपने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया है। 38 वर्षीय धवन, जिन्हें प्यार से 'गब्बर' कहा जाता है, ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और मैदान पर जुनूनी प्रदर्शन की वजह से क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बनाई। धवन ने 2010 में विशाखापत्तनम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में अपना डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने 167 वनडे, 68 टी20 और 34 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
शिखर धवन ने वनडे क्रिकेट में 44.11 की औसत से 6793 रन बनाए, जिसमें 17 शतक और 39 अर्धशतक शामिल हैं। टी20 में उन्होंने 27.92 की औसत से 1759 रन बनाए और टेस्ट क्रिकेट में उनका औसत 40.61 का रहा, जिसमें उन्होंने 2315 रन बनाए। उनके टेस्ट करियर में 7 शतक और 5 अर्धशतक हैं। धवन का सबसे यादगार प्रदर्शन 2013 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू मैच में हुआ, जहाँ उन्होंने 187 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी।
शिखर धवन ने आईसीसी टूर्नामेंट्स में भी भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिए। 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने करियर का पहला वनडे शतक जड़ा था, जिसने भारत को 26 रनों की जीत दिलाई थी। उस टूर्नामेंट में धवन ने शुरुआती मैच में 114 रन और वेस्ट इंडीज के खिलाफ 102 रन बनाए थे।
2015 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में भी धवन का प्रदर्शन यादगार रहा, जहाँ उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 137 रनों की शानदार पारी खेली थी। इस मैच में उन्होंने विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियाँ की थीं। इसके अलावा, जयपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 95 रनों की पारी भी उनके करियर की उल्लेखनीय पारी में शामिल है। इस मैच में भारतीय टीम ने 43.3 ओवर में 360 रनों का पीछा करते हुए जीत हासिल की थी, जिसमें विराट कोहली ने वनडे में सबसे तेज शतक जड़ा था।
धवन की आखिरी अंतरराष्ट्रीय पारी 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में थी। अपने संन्यास के बाद धवन ने अपने सभी प्रशंसकों और साथी खिलाड़ियों का धन्यवाद किया और कहा कि वह संतोष के साथ इस खेल को अलविदा कह रहे हैं।
धवन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के अंत जैसा है। उनकी जगह और उनके योगदान को भुला पाना आसान नहीं होगा। क्रिकेट दुनिया के कइयों ने उनके संन्यास पर अपना दुख प्रकट किया और उनके योगदान की सराहना की। धवन का करियर नई पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा, जो उनके अनुकरणीय खेल और उत्कृष्ट प्रदर्शन से सीख लेंगी।
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