ईद-उल-अज़हा के मौके पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 17 जून को व्यापार-संबंधित सभी गतिविधियों के लिए बंद रहेंगे। इस अवकाश के चलते इक्विटी, डेरिवेटिव्स, सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग (एसएलबी), और मुद्रा डेरिवेटिव्स के व्यापार में कोई गतिविधि नहीं होगी। इस दिन ब्याज दर डेरिवेटिव्स भी बंद रहेंगे। हालांकि, कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट शाम 5 बजे से रात 11:55 बजे तक संचालन में रहेगा।
ईद-उल-अज़हा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है। यह त्योहार पैगंबर इब्राहिम की अल्लाह के प्रति उनकी सम्पूर्ण निष्ठा और बलिदान की प्रतीक है। इस दिन को मुस्लिम समुदाय बड़े ही विधिपूर्वक मनाता है, जिसमें वे विशेष नमाज अदा करते हैं और परंपरागत रूप से जानवरों की कुर्बानी देकर उस मांस को गरीबों और ज़रूरतमंदों में बांटते हैं।
शेयर बाजार के बंद रहने के कारण निवेशकों और ट्रेडर्स के विधिक व्यापार पर भी असर पड़ता है। लेकिन, इस प्रकार के अवकाश समय-समय पर होते रहते हैं और निवेशकों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। सभी वित्तीय गतिविधियां 18 जून से पुनः चालू होंगी और बाजार सामान्य रूप से कार्यशील होंगे।
यह अवकाश न केवल भारत में बल्कि कई अन्य देशों में भी मान्यता प्राप्त है जहां मुख्य शेयर बाजारों में भी अवकाश होता है। आर्थिक विश्लेषक इस प्रकार के अवकाशों को महत्व देते हैं क्योंकि ये निवेशकों को कुछ समय के लिए अपने निवेश की योजनाओं का पुनर्गठन करने का अवसर प्रदान करते हैं।
इस साल यानी 2024 के कैलेंडर में बीएसई ने 14 छुट्टियां सूचीबद्ध की हैं, जिसके अंतर्गत इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स और एसएलबी सेगमेंट के लिए अवकाश रखा गया है। इस प्रकार के अवकाश आर्थिक बाजारों के स्थायित्व को बनाए रखने में सहायता करते हैं। इसमें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), महात्मा गांधी जयंती (2 अक्टूबर), दीवाली (1 नवंबर), गुरु नानक जयंती (15 नवंबर) और क्रिसमस (25 दिसंबर) प्रमुख हैं।
व्यापारियों और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे इन अवकाशों को ध्यान में रखते हुए अपनी व्यापारिक रणनीतियों को तैयार करें। यह न केवल उन्हें बेहतर योजना बनाने में सहायता करेगा, बल्कि अचानक होने वाले किसी भी प्रकार के बाजार परिवर्तनों से बचने में भी मदद देगा।
निवेशकों को चाहिए कि वे अपने निवेश की योजना को दीर्घकालिक नजरिए से तैयार करें और इन अवकाशों के दौरान बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश को तदनुसार बदलाव करें।
अगला स्टॉक मार्केट अवकाश 17 जुलाई को मुहर्रम के अवसर पर होगा। इसके पश्चात व्यापारिक गतिविधियों को पुनः चालू रखते हुए अन्य आने वाले अवकाशों को भी ध्यान में रखा जाएगा। निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने निवेश को लेकर सतर्क रहें और नियमित अंतराल पर बाजार के रुझानों का विश्लेषण करें।
समग्र रूप से, बाजार के इन अवकाशों को संतुलित और व्यवस्थित बनाने में निवेशकों और व्यापारियों की निश्चित रूप से महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
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