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विनेश फोगाट ने तोड़ा योई सुसाकी का अपराजयी रिकॉर्ड: पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा महिला कुश्ती में किया बड़ा उलटफेर

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में किया ऐतिहासिक उलटफेर

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस 2024 ओलंपिक में जापान की शीर्ष वरीयता प्राप्त और चार बार की विश्व चैंपियन योई सुसाकी को महिला 50 किग्रा कुश्ती मुकाबले में हराकर इतिहास रच दिया है। योई सुसाकी जिन्होंने अपने ओलंपिक खिताब का बचाव करते हुए कभी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हार का सामना नहीं किया था, का 82-0 का अजेय रिकॉर्ड था।

मुकाबले के रोमांचक पलों की कहानी

इस मुकाबले की शुरुआत से ही तनावपूर्ण माहौल था। सुसाकी ने पहले ही 2-0 की बढ़त बना ली थी। यह बढ़त उन्हें विनेश की निष्क्रियता के कारण मिली थी। पूरे मुकाबले में सुसाकी ने अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी, लेकिन अंतिम सेकंड्स में विनेश ने एक निर्णायक दांव लगाया, जिससे स्कोर 2-2 पर बराबर हो गया। सुसाकी की टीम ने इस फैसले को चुनौती दी, लेकिन यह असफल रही और उन्हें एक और अंक गंवाना पड़ा। इसलिए आखिरकार स्कोर 3-2 से विनेश के पक्ष में रहा।

क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल में सफर

योई सुसाकी पर विजय प्राप्त करने के बाद विनेश ने क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लिवाच का सामना किया। यहां भी विनेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 7-5 से जीत हासिल की और सेमीफाइनल में प्रवेश किया। विनेश के इस सफर में उनके कोच वॉलर अकोस और भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच वीरेंदर दहिया का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा। दोनों ने विनेश की तैयारियों और कुश्ती की रणनीतियों पर विशेष ध्यान दिया।

विनेश फोगाट का लाल हो करारः मुश्किलों का सामना

विनेश फोगाट का लाल हो करारः मुश्किलों का सामना

विनेश की यह जीत सिर्फ उनके कुशलता और दृढ़ संकल्प की कहानी नहीं है, बल्कि एक लंबे संघर्ष का परिणाम भी है। कुछ समय पहले उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इसके अलावा, कई महीनों तक घुटने की सर्जरी से उभरने का संघर्ष भी किया। इन सभी मुश्किलों के बावजूद विनेश ने असाधारण दृढ़ता दिखाई और अपनी मेहनत से यह सफलता अर्जित की।

अन्य ओलंपिक इवेंट्स में भारतीयों का प्रदर्शन

विनेश की इस ऐतिहासिक जीत के अलावा, दूसरे भारतीय एथलीट्स ने भी अपनी-अपनी प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया। जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया, जबकि किशोर जेना ने 80.73 मीटर थ्रो के साथ अपनी अभियान समाप्त किया। इसके अलावा, पुरुष टीम टेबल टेनिस में भारत को चीन के खिलाफ राउंड ऑफ 16 में हार का सामना करना पड़ा।

विनेश की यह जीत भारतीय कुश्ती जगत के लिए न केवल प्रेरणादाई है, बल्कि इसकी गूंज लंबे समय तक सुनाई देगी। यह जीत उस संघर्ष, मेहनत और संकल्प की प्रतीक है जो हमारे देश के एथलीट्स हमें दिखाते रहते हैं।

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