बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क की धारदार गेंदबाजी का जलवा देखने को मिला। भारत ने पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया था, मगर उनका यह फैसला स्टार्क के तूफान में उलझ गया। स्टार्क ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 48 रन देकर 6 विकेट झटके। उन्होंने मैच के पहले ही गेंद पर भारत के उभरते बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल को पवेलियन की राह दिखाई।
भारत की शुरुआत से ही लगातार गिरते विकेटों की वजह से वो पूरी तरह से संकट में आ गए थे। केएल राहुल और शुभमन गिल ने टीम की ओर से थोड़ी उम्मीदें जगाईं, मगर स्टार्क की अगुवाई में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण ने उन्हें ज्यादा देर तक टिकने नहीं दिया। दोनों ही बल्लेबाज क्रमशः 37 और 31 के अंकों पर आउट हो गए। नितीश कुमार रेड्डी ने भारत के लिए सर्वाधिक 42 रन बनाए, लेकिन टीम 180 रन पर सिमट गई।
भारत की innings समाप्त होने के बाद, ऑस्ट्रेलिया ने शाम में बल्लेबाजी शुरू की। उनका इरादा साफ था कि पहले दिन ही वो दृढ़ प्रदर्शन करके भारत पर बढ़त बना लें। जसप्रीत बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज नाथन मैकस्विनी और मार्नस लाबुशेन ने मजबूती से बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को 86 रन के स्कोर तक पहुंचाया, बिना कोई और विकेट दिए।
एडीलेड में गुलाबी गेंद के टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड शानदार रहा है और इस मैच में भी ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। पहले दिन के खेल के बाद, ऑस्ट्रेलिया को अब केवल 94 रन की बढ़त की जरूरत है और उनके हाथ में अब भी नौ विकेट बाकी हैं।
मैच का पहला दिन भारतीय टीम के लिए निराशाजनक रहा। रोहित शर्मा ने इस मैच में मध्यक्रम में बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन उनका भी प्रदर्शन अपेक्षाएं पूरी नहीं कर सका। भारतीय बल्लेबाजों के जल्दी आउट होने की वजह से ऑस्ट्रेलिया को खेल के पहले ही दिन बड़ा मनोवैज्ञानिक लाभ मिल गया है।
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। उन्होंने जोश हेज़लवुड की जगह स्कॉट बोलैंड को शामिल किया, जिसने पहले ही दिन दो महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। बोलैंड का प्रदर्शन मिचेल स्टार्क के निर्देशित हमले को सफल बनाने में महत्वपूर्ण रहा।
भारत को अब इस टेस्ट मैच में वापसी के लिए अपनी दूसरी पारी में जिम्मेदार बल्लेबाजी करनी होगी। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के लिए मौके का फायदा उठाने का यह अहम अवसर है। दूसरे दिन की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज अपनी बढ़त को और मजबूत करने की कोशिश करेंगे।
जसप्रीत बुमराह ने दिन के अंत तक संघर्ष करते हुए भारत को सफलता दिलाई। उनकी लाइन लेंथ और सोचपूर्ण गेंदबाजी भारत के लिए अगली पारी में बड़ी भूमिका निभा सकती है। बुमराह की गेंदबाजी पर भारतीय टीम को आसान भरोसा है और उम्मीद की जा रही है कि वह दूसरे दिन भी इसी तरह की गेंदबाजी करेंगे।
दोनों टीमों के लिए यह टेस्ट मैच बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। क्योंकि सीरीज और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के दृष्टिकोण से यह मैच निर्णायक हो सकता है। भारतीय खिलाड़ी जहाँ पहले टेस्ट में मिली जीत की लय को बरकरार रखना चाहेंगे, वहीं ऑस्ट्रेलिया पहले दिन के अपने मजबूती को अगले दिन और पुख्ता करने की कोशिश करेगा।
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