श्रेयस अय्यर ने दुलीप ट्रॉफी में इंडिया ए के खिलाफ खेले गए मैच में वह प्रदर्शन किया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। उन्होंने पहले सुनग्लास पहनकर बल्लेबाजी की, लेकिन उनकी यह शैली उनके काम नहीं आई और वह पहली ही गेंद पर शून्य पर आउट हो गए। यह तो मानो उनके लिए बुरा सपना जैसा था, क्योंकि यह मैच उनके टेस्ट करियर को मजबूत करने का एक अहम मौका था।
हालांकि, अय्यर ने अपनी असफलता को पीछे छोड़ते हुए गेंदबाजी में कमाल कर दिखाया। इंडिया ए ने दूसरी पारी में मजबूत शुरुआत करते हुए 28 ओवरों में 115 रन बना लिए थे। इस मुश्किल समय में अय्यर ने गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाली और पहली ही गेंद पर सफल रहे। उन्होंने अपने पहले ही डिलीवरी पर अनुभवी मयंक अग्रवाल को आउट कर दिया। अय्यर की गेंद ने मयंक को ड्राइव करने के लिए उकसाया और फिर उन्होंने अपनी ही गेंद पर शानदार कैच लपक लिया।
यह विकेट अय्यर का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग छह साल बाद पहला विकेट था। इससे पहले उन्होंने 2018 में सौराष्ट्र के चेतन सकारिया को आउट किया था। उनकी यह सफलता उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब उन्होंने इस साल कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट के लिए नजरअंदाज होने और रणजी ट्रॉफी के लिए अनुपलब्ध रहने के बाद उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स को अपना तीसरा आईपीएल खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अय्यर की यह शानदार वापसी उन्हें टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीदें जिंदा रखने में मदद कर सकती है। दुलीप ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित कर सकता है। खासकर तब जब बीसीसीआई ने पहले टेस्ट के लिए ही टीम घोषित की है।
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