उत्तर प्रदेश के 15.44 करोड़ मतदाताओं की चुनाव सूची अपडेट के लिए अभी अंतिम दौर चल रहा है। चुनाव आयोग ऑफ इंडिया के विशेष तीव्र संशोधन (SIR) अभियान के तहत, राज्यभर के बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) घर-घर जा रहे हैं — फॉर्म बाँट रहे हैं, भरवाए जा रहे हैं, और डिजिटल करवाए जा रहे हैं। लेकिन ये सिर्फ एक अभियान नहीं है। ये उस अहम तारीख की ओर एक दौड़ है: 4 दिसंबर 2025। इससे पहले फॉर्म नहीं जमा किया गया, तो कोई भी मतदाता अगले चुनाव में अनुपस्थित हो सकता है।
क्यों इतना तेज़ अभियान?
ये सबसे बड़ा चुनाव सूची संशोधन है जो 2003 के बाद हुआ है। उस समय की सूची में अभी भी लाखों नाम हैं — जिन लोगों का निधन हो चुका है, जिनका घर बदल गया है, या जो अब विदेश में रह रहे हैं। नए वयस्क, जिन्होंने अभी अपनी 18वीं बरसों की पूरी की है, उनके नाम भी अभी तक सूची में नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया है: जो मतदाता अपना फॉर्म नहीं भरेगा, उसका नाम अगली चुनाव सूची में नहीं आएगा। ये कोई छोटी बात नहीं। ये एक ऐसा अधिकार है जिसे खोना बर्बादी है।
कैसे काम कर रहे हैं BLO?
राज्य में 1.62 लाख BLO हैं — ज्यादातर सरकारी शिक्षक, अंगनवाड़ी कर्मचारी, या स्थानीय नियुक्तियाँ। उनमें से कई अपनी नौकरी से छुट्टी लेकर इस काम में लग गए हैं। अनीता वैश, 55, उत्तरधौना की एक सहायक शिक्षिका, जिन्होंने 2005 से BLO का काम कर रहे हैं, एक दिन में 1,049 फॉर्म बाँटती हैं — लेकिन सिर्फ 350 ही भरे लौटे। वो शाम 5:30 बजे घर पहुँचकर 110 फॉर्म ऑनलाइन अपलोड करती हैं। दोपहर का खाना छोड़ देती हैं, सिर्फ फल और बिस्कुट खाकर चलती हैं। कहती हैं: "75% लोग सहयोग करते हैं, 25% गुस्से में आ जाते हैं, फोटो खींचकर शिकायत का धमकाव देते हैं।"
लखनऊ के एक BLO ने Hindustan Times को बताया: "मैं तीन दिन में काम पूरा कर दूँगा। कुछ लोग चाय-बिस्कुट देते हैं, तो कुछ बस दरवाजा बंद कर देते हैं।"
अधिकारियों की निष्क्रियता पर कार्रवाई
लेकिन अभियान का एक अंधेरा पहलू भी है। नोएडा के तीन पुलिस स्टेशनों में 60 से अधिक BLO और 7 अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई हैं। इनमें से एक में 18 लोग शामिल हैं — 12 अंगनवाड़ी कर्मचारी और शिक्षक, जिन्होंने अपने निर्धारित क्षेत्र में जाने से इनकार कर दिया। दूसरे में छह अधिकारी, जिन्हें अपने अधिकारियों के आदेशों की अनदेखी करने का आरोप लगा है।
बहराइच में एक प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका, शमा नाफीस, ने लिखित नोटिस और फोन कॉल की अनदेखी कर दी। एक अन्य अध्यापक, अनुराग, ने सीधे काम करने से इनकार कर दिया। इन मामलों को इलाके के उप-विभागीय आयुक्त (SDM) ने अपने अधिकार के तहत FIR के रूप में दर्ज किया।
क्या फॉर्म में क्या भरना है?
कोई दस्तावेज़ जमा नहीं करना है। बस एक फॉर्म भरना है — जिसमें पहले से नाम, EPIC नंबर, पता, पार्ट और सीरियल नंबर भरा होता है। बाकी जानकारी: नया फोटो, जन्म तिथि, ऐडहार नंबर (वैकल्पिक), माता-पिता या अभिभावक का नाम और EPIC नंबर (वैकल्पिक), और मोबाइल नंबर।
आप ऑनलाइन भी फॉर्म भर सकते हैं — voters.eci.gov.in पर जाकर "Search Your Name in Last SIR" के लिए टैब चुनें। अगर आपका नाम पहले की सूची में है, तो आप अपने BLO का नाम और नंबर भी देख सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद एक ऑटोमैटिक नोटिफिकेशन BLO के ऐप पर जा जाता है।
अगर आपको अभी तक कोई फॉर्म नहीं मिला, तो 1950 (अपने जिले के STD कोड के साथ) पर कॉल करें। आपका जिला संपर्क केंद्र आपको जल्द से जल्द फॉर्म भेज देगा।
राजनीतिक दलों की भूमिका
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने हर बूथ पर छह सदस्यीय टीम भेजी है — बूथ अध्यक्ष, अध्यक्ष सचिव, और तीन सचिव। ये टीमें BLO के काम की निगरानी कर रही हैं। उनका लक्ष्य: किसी भी वैध मतदाता का नाम सूची में न छूटे। इसके विपरीत, कुछ दलों के अधिकारी अभी तक अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर पाए हैं।
अगला चरण: क्लेम और आपत्ति
4 दिसंबर के बाद, 9 दिसंबर को ड्राफ्ट सूची जारी होगी। इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक आप अपने नाम को जोड़ने या हटाने के लिए आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। इन आपत्तियों का निपटान 31 जनवरी तक होगा। फाइनल सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।
एक अधिकारी ने कहा: "कुछ जिलों में BLOs ने 100% फॉर्म डिजिटल कर दिए हैं। हर योग्य मतदाता का नाम सूची में आएगा।"
ये क्यों जरूरी है?
अगर आपका नाम सूची में नहीं है, तो आप चुनाव में वोट नहीं दे सकते। ये आपका संवैधानिक अधिकार है। अगर आपके पड़ोसी का नाम गायब है, तो वो अपनी आवाज़ नहीं उठा पाएगा। ये अभियान केवल एक प्रशासनिक काम नहीं — ये एक लोकतंत्र की जान है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
SIR फॉर्म भरने के लिए क्या दस्तावेज़ चाहिए?
कोई दस्तावेज़ नहीं चाहिए। फॉर्म पहले से भरा हुआ होता है — नाम, EPIC नंबर, पता। आपको बस नया फोटो, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर और वैकल्पिक रूप से ऐडहार नंबर भरना है। BLO केवल तभी दस्तावेज़ माँगेगा अगर आपकी जानकारी अस्पष्ट हो।
अगर मैं फॉर्म नहीं भरूँ, तो क्या होगा?
आपका नाम अगली चुनाव सूची में शामिल नहीं होगा। आप अगले चुनाव में वोट नहीं दे सकेंगे। ये कोई छोटी बात नहीं है — ये आपके लोकतांत्रिक अधिकार का नुकसान है। आपके नाम को बाद में जोड़ना मुश्किल होगा।
BLO को फॉर्म नहीं मिला तो क्या करें?
1950 (अपने जिले के STD कोड के साथ) पर कॉल करें। आपका जिला चुनाव अधिकारी आपको फॉर्म भेज देगा। या फिर voters.eci.gov.in पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरें। आपके BLO का नाम और नंबर वहीं दिखेगा।
SIR के बाद नाम जोड़ने का क्या तरीका है?
9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक ड्राफ्ट सूची पर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। अगर आपका नाम नहीं है, तो आप एक दावा (claim) दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपना आधार और पता साबित करना होगा। ERO इसे 31 जनवरी तक निपटाएगा।
BLO के खिलाफ शिकायत कैसे करें?
अगर BLO ने आपका फॉर्म नहीं लिया, या धमकी दी, तो आप अपने जिले के उप-विभागीय आयुक्त (SDM) को लिखित शिकायत भेज सकते हैं। उन्होंने ही नोएडा में 60+ BLO के खिलाफ FIR दर्ज की थी। आप 1950 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
SIR के बाद चुनाव कब होंगे?
अभी कोई आधिकारिक तिथि घोषित नहीं की गई है। लेकिन फाइनल सूची 7 फरवरी 2026 को जारी होगी, जिसके बाद चुनाव की तैयारियाँ शुरू हो सकती हैं। अगले चुनाव अगले विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में हो सकते हैं — जो भी पहले आए।
Vaneet Goyal
नवंबर 28, 2025 AT 03:24ये सूची अपडेट का अभियान बस एक शोर है। जब तक बूथ स्तर पर असली जागरूकता नहीं आएगी, तब तक ये सिर्फ एक फॉर्मलिटी बनी रहेगी।
Ambika Dhal
नवंबर 28, 2025 AT 09:21अनीता वैश जैसी महिलाएं जो दिनभर घूमकर 1000+ फॉर्म बाँटती हैं, लेकिन शाम को खाना छोड़कर 110 फॉर्म ऑनलाइन अपलोड करती हैं - ये देश की असली ताकत है। हम सब इनकी नींव पर खड़े हैं, लेकिन किसी ने उनका नाम भी नहीं लिया।
हम चुनाव के बारे में बहस करते हैं, लेकिन इन लोगों के लिए एक चाय का गिलास भी नहीं देते।
क्या आपने कभी सोचा कि जब आप अपना फॉर्म भर रहे हों, तो उसके पीछे कौन है - एक थकी हुई शिक्षिका, जिसने अपनी छुट्टी छोड़ दी है, जिसकी आंखें बार-बार खुली रहती हैं, जिसका दिल टूट रहा है क्योंकि 25% लोग उसे धमकी दे रहे हैं?
ये लोग नहीं चाहते कि आप वोट दें। वो चाहते हैं कि आप अपना अधिकार समझें।
मैं आज एक फॉर्म भर रही हूँ, लेकिन अगले दिन मैं एक अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करूँगी अगर उसने भी अपना काम नहीं किया।
हम सब बस अपने नाम देख रहे हैं, लेकिन इस अभियान के पीछे की आवाज़ को नहीं सुन रहे।
ये सिर्फ एक फॉर्म नहीं है। ये एक आदर का प्रश्न है।
हम अपने नागरिकता के लिए लड़ते हैं, लेकिन जो लोग हमें उसका रास्ता दिखाते हैं, उनके लिए एक शुक्रिया कहने का भी अवसर नहीं देते।
मैं अपने बूथ पर जाकर अनीता वैश को एक चाय और एक बिस्कुट दूँगी।
और फिर उसके नाम को सोशल मीडिया पर टैग करूँगी।
क्योंकि अगर हम उन्हें नहीं देखेंगे, तो लोकतंत्र का नाम भी बेकार है।
Amita Sinha
नवंबर 30, 2025 AT 09:00अरे भाई, फॉर्म भरने के लिए आधार नहीं चाहिए? 😍 तो फिर ये सब जोर-शोर क्यों? मैं तो बस फोन पर एक बार बोलकर भरवा दूँगी, फिर घर बैठकर बातें करूँगी। 🍵
Bhavesh Makwana
दिसंबर 2, 2025 AT 07:37ये अभियान बस एक आंकड़ा नहीं है - ये एक जीवन है।
हर फॉर्म जिसे BLO बाँटता है, उसमें एक आदमी की आवाज़ छिपी है।
एक बूढ़ी माँ जिसे अपना नाम दिखाना है, एक लड़की जिसे अपने नाम से वोट देना है, एक युवा जिसे अपने भविष्य का फैसला लेना है।
हम ये बातें बातों में भूल जाते हैं।
जब तक हम इन फॉर्म्स को बस कागज़ नहीं समझेंगे, तब तक ये अभियान सिर्फ एक शोर ही रहेगा।
मैं आज अपने पड़ोसी के घर गया, उसने फॉर्म भर लिया।
उसने कहा - ‘ये मेरा अधिकार है, मैं इसे नहीं छोड़ूँगा।’
ये बात सुनकर मैं खुश हो गया।
हमें बस इतना करना है - एक दूसरे को याद रखना।
एक फॉर्म, एक आवाज़, एक भविष्य।
ये सब एक साथ है।
Vidushi Wahal
दिसंबर 2, 2025 AT 23:31नोएडा में FIR दर्ज होना बहुत अच्छा है।
लेकिन क्या इससे पहले कोई नोटिस भेजा गया था?
क्या कोई बातचीत हुई थी?
ये सब अधिकारियों के लिए भी एक सीख होनी चाहिए।
Narinder K
दिसंबर 4, 2025 AT 14:011.62 लाख BLO, 15 करोड़ मतदाता, और अभी तक 25% लोग गुस्से में हैं।
क्या ये लोकतंत्र है या एक बड़ा ऑफिस वर्कशॉप?
Narayana Murthy Dasara
दिसंबर 4, 2025 AT 22:08अगर आपको फॉर्म नहीं मिला, तो बस 1950 पर कॉल कर दीजिए।
ये बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा।
क्योंकि ये दर्शाता है कि सिस्टम अभी भी काम कर रहा है।
मैंने अपने दादा को फॉर्म भरवाया।
उन्होंने कहा - ‘मैंने 1977 में पहली बार वोट दिया था। आज भी वही नाम चाहिए।’
उनकी आंखों में एक आशा थी।
हमें बस उस आशा को बचाना है।
एक फॉर्म, एक याद, एक जीवन।
ये सब एक साथ है।
हम सब इसका हिस्सा हैं।
lakshmi shyam
दिसंबर 6, 2025 AT 19:32ये सब बकवास है। जो लोग फॉर्म भरने से इनकार करते हैं, वो चुनाव में वोट नहीं देना चाहते। तो फिर उन्हें नाम सूची से हटा दो। बस यही सबक है।
Sabir Malik
दिसंबर 8, 2025 AT 07:45मैंने अपने गाँव के बूथ पर जाकर देखा कि एक BLO ने बच्चों के लिए एक छोटा सा फ्लैशकार्ड बनाया था - जिसमें लिखा था: ‘अगर तुम्हारे पापा या माँ वोट नहीं देते, तो तुम भी नहीं देना।’
उसने बच्चों को फॉर्म भरने के लिए टी-शर्ट भी दी थी।
मैंने एक बच्चे को देखा - उसने अपनी माँ को फॉर्म भरवाया।
उसकी माँ ने कहा - ‘मैंने कभी नहीं वोट किया, लेकिन अब मैं करूँगी।’
ये बदलाव है।
ये अभियान सिर्फ फॉर्म नहीं है।
ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाने वाला एक संदेश है।
हमें बस इसे बढ़ाना है।
हर फॉर्म एक नई कहानी शुरू करता है।
और ये कहानी हम सबकी है।
Debsmita Santra
दिसंबर 9, 2025 AT 20:57इस अभियान के अंतर्गत डिजिटल फॉर्म भरने की सुविधा एक अत्यंत गहरा सामाजिक और प्रशासनिक इनोवेशन है जो न केवल डेटा एक्यूरेसी को बढ़ाता है बल्कि नागरिक भागीदारी के स्तर को भी उच्च स्तर पर ले जाता है जिसका उद्देश्य लोकतांत्रिक अधिकारों के विस्तार और उनके अनुप्रयोग को बढ़ावा देना है।
जब हम इसे एक ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रिया के रूप में देखते हैं तो हम इसके गहरे सामाजिक प्रभावों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं जो इसके अंतर्गत निहित हैं।
हर ऑनलाइन सबमिशन एक नागरिक के लिए एक नए अधिकार की शुरुआत है जिसके बारे में उन्हें अब जागरूकता है।
ये एक अभियान नहीं है - ये एक नागरिक जागृति का अभियान है।
और जब ये जागृति बूथ स्तर पर शुरू होती है, तो ये एक विशाल आंदोलन बन जाती है।
हमें इसे समझना होगा।
क्योंकि जब तक हम इसे एक तकनीकी टूल के रूप में नहीं देखेंगे, तब तक हम इसके वास्तविक प्रभाव को नहीं समझ पाएंगे।
ये एक जीवन बदलने वाला अवसर है।
और हम सब इसके हिस्से हैं।
Vasudha Kamra
दिसंबर 11, 2025 AT 03:46फॉर्म भरने का समय सीमा 4 दिसंबर है। यह एक अनिवार्य दिन है। आपका नाम अगली सूची में शामिल नहीं होगा अगर आप इस समय सीमा का पालन नहीं करते हैं। इसलिए आज ही फॉर्म भरें।