वार्म‑अप श्रृंखला की रूपरेखा और मैच विवरण
ICC महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 की आधिकारिक वार्म‑अप अवधि 25 से 28 सितंबर तक निर्धारित थी। इस दौरान भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित सात राष्ट्रों ने कुल नौ डे‑नाइट मैच खेले। सभी खेलों की शुरुआत स्थानीय समयानुसार दोपहर 3 बजे से होती थी, जिससे खिलाड़ियों को सूर्य की तीव्र गर्मी में भी अभ्यास करने का अवसर मिला।
भारत ने अपनी पहली निरिक्षण पारी 25 सितंबर को बेंगलुरु के BCCI सेंटर ऑफ एक्सिलेंस 1 ग्राउंड पर इंग्लैंड के खिलाफ खेली। इंग्लैंड ने 50 ओवर में 339/9 बनाकर एक भारी लक्ष्य स्थापित किया। भारतीय बल्लेबाज़ी देर तक नहीं चली; 34 ओवर में सिर्फ 187 रन बना कर टीम पूरी तरह से गिर गई और 152 रन से हार स्वीकारनी पड़ी। इस गिरावट ने टीम को क्रमशः टॉप ऑर्डर, मध्य क्रम और अंत क्रम में तकनीकी समस्याओं की गहरी निशानी दी।
दूसरे वार्म‑अप मैच में भारत ने 27 सितंबर को M. चिन्नासवामी स्टेडियम में न्यूज़ीलैंड का सामना किया। न्यूजीलैंड ने 42 ओवर में 232/8 बना कर लक्षित स्कोर रखी। मौसम ने खेल में बाधा डाली, लेकिन डुकरवर्थ‑लेविस‑स्टर्न (DLS) विधि ने लक्ष्य को समायोजित किया। भारतीय बल्लेबाज़ी ने संकल्प दिखाते हुए 40.2 ओवर में 237/6 बनाकर 4 विकेट से जीत हासिल की। इस जीत ने टीम को बड़ी राहत दी और लगातार दो मैचों में विभिन्न परिस्थितियों में परफ़ॉर्म करने की क्षमता दिखायी।
प्रमुख खिलाड़ी और रणनीतिक पहलू
इंग्लैंड के समरूप खेल में भारत के शीर्ष बल्लेबाज़ों ने कई अवसर गंवाए। शिखा धीर के शुरुआती आउट होने से क्रमशः मध्य क्रम पर दबाव बढ़ा। वहीं, रिकी डोनोवन और निकिता शर्मा के बीच की साझेदारी भी पर्याप्त नहीं रही, जिससे कुल रन में अंतर इतना बड़ा हो गया। इस हारे के बाद कोचिंग स्टाफ ने फोकस को तकनीकी सुधार, खासकर रफ़्तार और स्कोरिंग विकल्पों पर केन्द्रित किया।
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ जीत में भारत की बल्लेबाज़ी में दृढ़ता स्पष्ट हुई। कैप्टन महिमा शेरवानी ने धीरज का परिचय देते हुए 68 रन बनाए, जबकि लुडियन पाटिल ने तेज़ी से 45 रन किए। इन दोनों के बीच 90 रन की साझेदारी ने लक्ष्य को हासिल करने में मदद की। गेंदबाज़ी में, कुमुदी पलेवलु ने 4/27 की तेज़ी से टी20‑स्टाइल प्रदर्शन किया, जिससे न्यूज़ीलैंड को डरावना दबाव महसूस हुआ।
दूसरी ओर, न्यूजीलैंड की कप्तान सोफ़ी डिविन ने 55 रन बनाकर अपनी टीम को कठिन स्थितियों से बाहर निकाला। उसके बाद मेल्ली केर ने 40 रन जोड़े और 25वें ओवर में आउट होकर अंत में 2 विकेट लिए। यह साझेदारी इंग्लैंड के पहले विकेट गिरने के बाद टीम को स्थिर करने में अहम रही।
वार्म‑अप श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया ने 27 सितंबर को इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला मैच खेला, जबकि दक्षिण अफ्रीका ने 28 सितंबर को भारत ‘ए’ टीम के साथ टकराव किया। ये मैच सभी टीमों को विविध परिस्थितियों, रफ़्तार और मैदानों के अनुकूल बनाने का अवसर प्रदान किए।
आगामी वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन भारतीय उपमहाद्वीप में 12 साल बाद फिर से हो रहा है। यह टूर्नामेंट 30 सितंबर से 2 नवंबर तक पांच शहरों में आयोजित होगा: बेंगलुरु (M. चिन्नासवामी स्टेडियम), कोलंबो (R. प्रीमडासा स्टेडियम), गुवाहाटी (ACA स्टेडियम), इंदौर (होलकर स्टेडियम) और विशाखापत्तनम (ACA‑VDCA स्टेडियम)। इन स्थलों ने पहले ही वार्म‑अप मैचों के लिए चयनित किया गया था, जिससे खिलाड़ियों को मुख्य टूर्नामेंट की परिस्थितियों से परिचित होने का पर्याप्त समय मिला।
rao saddam
सितंबर 28, 2025 AT 18:08भारत की महिला टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ जो धक्का दिया, वह असली ऊर्जा का प्रमाण है!!! दूसरा मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत का उत्सव एक नई सुबह की तरह चमका! उन्होंने दिखा दिया कि कठिन परिस्थितियों में भी रणनीति और साहस कैसे काम आता है!!! इस जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ेगा, और विश्व कप में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है!!!
Prince Fajardo
अक्तूबर 9, 2025 AT 21:49ओह, क्या महाकाव्य था! पहले भारी हार और फिर एक छोटा‑सा साइड‑स्टोरी जीत – जैसे कॅटन कोपिञा का नया एपिसोड! पानीपत में धूम मचा कर, लेकिन अब सबको दिखा दिया कि हम फटे हुए नहीं हैं!
Subhashree Das
अक्तूबर 21, 2025 AT 01:31इसी तरह की असमानता फिर देखनी है, जब शीर्ष बल्लेबाज़ों ने अपने ही अवसरों को उलट‑फेर कर दिया। रणनीति में मूलभूत दोष स्पष्ट है; शुरुआती आउट होने से क्रमशः मध्य क्रम दबाव में आ गया। यह केवल एक बौहनी नहीं, बल्कि एक प्रणालीगत समस्या है जो टीम को निरंतर गिरावट में धकेलती है।
jitendra vishwakarma
नवंबर 1, 2025 AT 04:12बाबा, मैच देख के मन मजा आगया। इंग्लैंड के बॉलर्स ने तो बिंदास चलन लगाइया, और हमारी बैटस्मैन थामे ही नहीं पाये। अगली बार थोड़ा फोकस रखेंगे न?
Ira Indeikina
नवंबर 12, 2025 AT 07:54खेल सिर्फ शारीरिक प्रदर्शन नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा है। जब टीम कठिनाइयों का सामना करती है, तो यह हमारे व्यक्तिगत संघर्षों का प्रतिबिंब होता है। प्रत्येक ओवर में छिपी होती है मानव इच्छा की शक्ति और दृढ़ निश्चय। जीत‑हार के बीच का अंतर अक्सर विचारधारा के स्तर पर तय होता है, न कि केवल कौशल में। इस परिप्रेक्ष्य से देखें तो भारत की महिला टीम ने अपनी दृढ़ता का संदेश पढ़ा है। उन्होंने दिखाया कि निराशा के बाद भी आगे बढ़ना संभव है। प्रत्येक शॉट में आत्मविश्वास का प्रतिबिंब था, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन हों। उनकी साझेदारी ने दर्शाया कि सहयोग ही सफलता की कुंजी है। जब कर्णधार ने 68 रन बनाए, तो वह केवल अंक नहीं, बल्कि साहस की प्रतीक बन गया। लुडियन पाटिल की तेज़ी ने गति के साथ रणनीति को भी संतुलित किया। इस मैच ने हमें सिखाया कि लक्ष्य केवल संख्या नहीं, बल्कि मानसिकता है। DLS की शर्तें भी टीम की लचीलापन को परीक्षण करती हैं, लेकिन उन्होंने उसे पार किया। इस प्रकार का प्रदर्शन दर्शकों को प्रेरित करता है, खासकर युवा खिलाड़ीओं को। भविष्य में विश्व कप में ऐसी मानसिकता से ही जीत संभव होगी। इसलिए हमें इस ऊर्जा को संजोना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए। अंत में, खेल का वास्तविक अर्थ यही है-साथ मिलकर आगे बढ़ना।
Shashikiran R
नवंबर 23, 2025 AT 11:35हम सबको ये समझना चाहिए कि खेल में नैतिकता सबसे ऊपर होनी चाहिए; जीत की लालसा में असली मूल्यों को भूलना नहीं चाहिए। हमें युवा लड़कियों को सही उदाहरण देना चाहिए, नहीं कि उन्हें केवल स्क्रीन पर चमक दिखाने के लिये प्रेरित किया जाए।
SURAJ ASHISH
दिसंबर 4, 2025 AT 15:17ये तो बस एक औसत प्रदर्शन रहा।
PARVINDER DHILLON
दिसंबर 15, 2025 AT 18:58ऐसी जीत दिल को छू लेती है 😊 सभी खिलाड़ियों को बधाई, हमें एक साथ आगे बढ़ना चाहिए 🙏