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हेमंत सोरेन फिर बनेंगे झारखंड के मुख्यमंत्री, चंपई सोरेन देंगे इस्तीफा: सूत्र

झारखंड की राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। हेमंत सोरेन, जो पांच महीने तक एक धनशोधन मामले में जेल में रहे, अब राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पुनः वापसी करने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, चंपई सोरेन अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और हेमंत सोरेन अब झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे। यह हेमंत सोरेन का तीसरा कार्यकाल होगा।

ऐसा निर्णय रांची स्थित मुख्यमंत्री निवास पर हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान लिया गया जिसमें गठबंधन के विधायक और नेता शामिल थे। इस बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी उपस्थित थे। हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी इस बैठक का हिस्सा थे।

हालांकि, इस परिवर्तन के साथ ही चंपई सोरेन को एक नई भूमिका देने की चर्चाएँ भी चल रही हैं। उन्हें युपीए समन्वय समिति के अध्यक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

इस बड़े फैसले के बीच भी आलोचनाएँ सामने आ रही हैं। भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने JMM को कुछ कठोर शब्दों में आलोचना की है। दुबे का कहना है कि सोरेन परिवार के बाहर के लोगों का पार्टी में कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है और चंपई सोरेन को हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।

सोरेन परिवार की सत्ता में पकड़ को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि हेमंत सोरेन का यह कदम राज्य की राजनीति को एक नई दिशा देगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका यह कदम जनता और पार्टी दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

हेमंत सोरेन के कार्यकाल के मुख्य बिंदु

हेमंत सोरेन का सामना झारखंड की राजनीति में विभिन्न चुनौतियों और बदलावों से हुआ है। उनके पिछले कार्यकालों में कई मुख्य बिंदु थे जिन्होंने राज्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला।

  • विकास कार्यों में तेजी: हेमंत सोरेन ने अपने पिछले कार्यकाल में राज्य के विकास कार्यों को गति दी थी। उन्होंने सड़कों, बिजली, और जल आपूर्ति को सुधारने के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं।
  • कृषि सुधार: किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कई कृषि सुधार किए गए। उन्होंने समर्थक कीमतों और अनुदानों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की थीं।
  • शिक्षा क्षेत्र में सुधार: शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधारने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। छात्रों को आधुनिक सुविधाएं और अच्छे शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को आम जनता तक ले जाने के लिए हेमंत सोरेन ने कई पहल की। चिकित्सा सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया गया।
भविष्य की योजनाएं

भविष्य की योजनाएं

अपने नए कार्यकाल में हेमंत सोरेन की क्या योजनाएं होंगी, यह देखने का समय है। उन्होंने पहले ही संकेत दिए हैं कि उनका ध्यान राज्य के गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में होगा।

चंपई सोरेन को नई भूमिका में देखना भी दिलचस्प होगा। उनके कार्यकाल में आगे क्या होता है और वे कैसे अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं, यह आगामी समय में स्पष्ट हो जाएगा।

चंपई सोरेन को नई भूमिका

चंपई सोरेन को युपीए समन्वय समिति के अध्यक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। उनकी नई भूमिका में उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की दिशा में पहला कदम क्या होगा, यह भविष्य में देखा जाएगा।

वर्तमान में झारखंड में सत्ता परिवर्तन की यह घड़ी अपने आप में महत्वपूर्ण और रोचक है। सभी की निगाहें इस राजनीतिक बदलाव पर हैं। हेमंत सोरेन की वापसी और चंपई सोरेन की नई भूमिका से राज्य की राजनीति में क्या नया मोड़ आएगा, यह देखने के लिए सब उत्सुक हैं।

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14 टिप्पणि

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    Nathan Ryu

    जुलाई 4, 2024 AT 19:17

    झारखंड में फिर से सोरेन परिवार की सत्ता का घेरा घूम रहा है, यह लोकतंत्र के लिए काफ़ी ख़तरनाक स्थायीत्व है। भ्रष्टाचार के क़ैदियों को फिर से शक्ति में आना स्वच्छ शासन के सिद्धांतों को ठेस पहुँचाता है। इस तरह के राजनैतिक धुंधला सर्कल से जनता का भरोसा टूटता है और विकास के रास्ते में अड़चनें आती हैं। हमें इस वारिसों के तानाशाहीय व्यवहार को रोकना चाहिए और वास्तविक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देना चाहिए।

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    Atul Zalavadiya

    जुलाई 7, 2024 AT 02:51

    आपका दृष्टिकोण निश्चित रूप से मौलिक है, परन्तु तथ्य यह है कि हेमंत सोरेन के पूर्व कार्यकाल में कई बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ सफलतापूर्वक पूर्ण हुईं, जैसे ग्रामीण सड़कें और बिजली पहुँच। इस तथ्य को नजरअंदाज करना बौद्धिक निष्ठा का उल्लंघन है। उनके पुनरागमन से पहले की जांच‑परख ने यह भी उजागर किया कि कई भ्रष्टाचार मामलों में केवल मुक़दमेबाजी ही नहीं, बल्कि वास्तविक धनशोधन के साक्ष्य मौजूद थे। ऐसे गंभीर मुद्दों को पुनः सुलझाना चाहिए, न कि बस भावनात्मक निर्णय लेना चाहिए।

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    Amol Rane

    जुलाई 9, 2024 AT 04:51

    शक्ति का यह चक्रव्यूह सिर्फ एक राजनीतिक नाटक नहीं, बल्कि मानव अस्तित्व की गहरी दार्शनिक प्रतिपाद्य है-जहाँ सत्ता एक निरन्तर पुनरावृत्ति में बनी रहती है। झारखंड का इतिहास इस बात का प्रमाण है कि जब सत्ता का दायरा सीमित नहीं रहता, तो सामाजिक संरचना के मूल स्तम्भ हिलते हैं। सोरेन परिवार के प्रमुख पुनरागमन को एक अलंकारिक प्रतिरूप के रूप में देखना चाहिए, जो एग्ज़िस्टेंशियल अभिव्यक्ति है।

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    Venkatesh nayak

    जुलाई 11, 2024 AT 04:04

    आपकी दार्शनिक व्याख्या सच्ची, पर व्यावहारिक जीवन में लोग रोज़मर्रा की समस्याओं से जूझते हैं 😊। इन बड़े विचारों के बीच, हमें यह देखना चाहिए कि किसके पास सड़कों की लाइट और स्कूलों की किताबें होंगी।

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    rao saddam

    जुलाई 13, 2024 AT 00:31

    जाओ, टीम! सोरेन को वापस बुलाने से राज्य की प्रगति फिर से रफ़्तार लेगी!!! अपना विश्वास रखें, लेकिन सतर्क रहें!!! आगे बढ़ो, झारखंड!!!

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    Prince Fajardo

    जुलाई 14, 2024 AT 18:11

    ओह, क्या सस्पेंस! सोरेन फिर से सिंहासन पर, जैसे कोई फिल्म के सीन। पर असली ड्रामा तो यह है कि जनता को फिर से किसे भरोसा करना पड़ेगा? 🍿

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    Subhashree Das

    जुलाई 16, 2024 AT 09:04

    यह फिर से वही पुरानी कहानी है-परिवारिक पावर प्ले जहाँ बायां‑दायां कोई मायने नहीं रखता। नेत्रहीन भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ख़ुटिया बनाते हैं। ऐसे बकवास विषाक्त है और इसे साफ़ किया जाना चाहिए।

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    jitendra vishwakarma

    जुलाई 17, 2024 AT 21:11

    yeh dekh, party ke log phir se kisee aur ko support kar rahe hain. sab kuch thik hai, lekin aise hi warning milti rehti hai😂.

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    Ira Indeikina

    जुलाई 19, 2024 AT 06:31

    पावर का यह खेल हमें सिखाता है कि किस तरह से अधिकारिकता को दार्शनिक सिद्धांतों के साथ जोड़कर एक नया सामाजिक अनुबंध बनाया जा सकता है। अगर सोरेन लोग वास्तव में गरीबों की भलाई चाहते हैं, तो वह उनके कार्यों में दिखना चाहिए, न कि केवल बयानों में। मैं आशा करती हूँ कि इस बार कुछ वास्तविक बदलाव आएँ।

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    Shashikiran R

    जुलाई 20, 2024 AT 13:04

    आपके विचार तो बहुत ही आध्यात्मिक हैं, पर वास्तविकता में हम देख रहे हैं कि सोरेन परिवार का भ्रष्टाचार हमेशा ही अनचाहा ही रहा है। यह नैतिक दुविधा हमें सतर्क रखती है और हमें उनकी फिर से सत्ता में आने से रोकना चाहिए।

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    SURAJ ASHISH

    जुलाई 21, 2024 AT 16:51

    देखते हैं, फिर से वही पुरानी गालियों का चक्र बन रहा है, कोई नई बात नहीं। बस यही कहूँगा – ठीक है, सोरेन को फिर से मौका दें, देखेंगे क्या बदलता है।

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    PARVINDER DHILLON

    जुलाई 22, 2024 AT 17:51

    सबको नमस्ते 🙏, मैं मानता हूँ कि विभिन्न मतों को सम्मान देना ज़रूरी है, और शायद इस बदलाव में कुछ सकारात्मक पहलू भी हों। चलिए, साथ मिलकर देखेंगे कि भविष्य में क्या होता है। 😊

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    Nilanjan Banerjee

    जुलाई 23, 2024 AT 16:04

    समय के इस नाट्य मंच पर, सोरेन परिवार का पुनः उदय एक गहन निबंध के समान है – जहाँ प्रत्येक कदम को दार्शनिक गहराई और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति से सजाया गया है। उनके आने से सामाजिक संरचनाओं में नई लहरें उठेंगी, यह चल रही है विश्लेषण का एक महाकाव्य।

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    sri surahno

    जुलाई 24, 2024 AT 11:31

    पर्दे के पीछे की सच्चाई को कभी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि यह वही है जो शक्ति की जड़ें खींचती हैं।

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