पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण था जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में बाबर आजम की जगह कमरान गुलाम को लिया। गलती की कोई जगह नहीं थी, और इस चुनौती को कमरान ने अपनी पहली टेस्ट पारी में ही भुनाया। पांच दिवसीय इस मैच के पहले दिन, कमरान का प्रदर्शन उस समय आया जब पाकिस्तान का शीर्ष क्रम असफल हो रहा था।
पहले सत्र में ही कमरान का बल्ला गरज उठा था और उन्होंने अपनी पारी में बातचीत की शुरुआत साइम अयूब के साथ की। दोनों ने मिलकर अंग्रेज गेंदबाजों को परेशान किया और 100 रनों की साझेदारी कर डाली। कमरान गुलाम की इस पारी ने निराशाजनक शुरुआत के बाद पाकिस्तान को सम्हालने का कार्य किया।
गुलाम ने 104 गेंदों में अपनी पारी को सजाया और विशेष रूप से बल्लेबाजी में स्पिनरों के खिलाफ बड़ा प्रभाव डाला। जैक लीच पर उनके छक्का ने लोगों का ध्यान खींचा। जबसे उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत की, उन्होंने यह साफ कर दिया कि वह क्रीज पर एक लंबा समय बितान के मूड में हैं।
पूरी पारी में साइम अयूब का योगदान भी अहम रहा जिन्होंने कमरान के साथ कदमताल मिलाकर इंग्लैंड की गेंदबाजी को चकार लिया। उनकी इस मजबूत साझेदारी ने पाकिस्तान को पहली पारी में मजबूती प्रदान की। अयूब की धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी ने कमरान को स्टेडियम में अधिक आत्मनिर्भरता से खेलने दी।
ऐसे हालात में जब पिच की स्थिति अनिश्चित लग रही थी और गेंद असमान उछाल कर रहीं थीं, दोनों बल्लेबाजों ने गेंदबाजों पर दबाव बनाये रखा। पाकिस्तान के लिए यह एक साहसिक पहल रही क्योंकि जब वे मैदान पर उतरे थे तो किसी ने भी ऐसी साझेदारी की उम्मीद नहीं की थी।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने यह बड़ा फैसला तब लिया जब बाबर आजम, सरफराज अहमद, शाहीन अफरीदी और कई अन्य प्रमुख खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया गया। टेस्ट क्रिकेट में बाबर की हालिया प्रदर्शन की कमज़ोरी उनके टीम से बाहर होने का मुख्य कारण थी।
अन्य खिलाड़ियों का बाहर होना जरूरी था क्योंकि वे चोट या बीमारी से जूझ रहे थे। अब ऐसे में कमरान गुलाम और साइम अयूब जैसी नई प्रतिभाओं को मौका देना क्रिकेट बोर्ड की एक रणनीतिक चाल के रूप में देखा गया। हालांकि, यह निर्णय कैसे फिट होता है, यह आगामी मैचों में ही साफ हो पाएगा।
गोलराउंड प्रदर्शन के बावजूद गिरते विकेटों के खिलाफ संघर्ष जारी था लेकिन कमरान और साइम ने गेंदबाजों के प्रति डर नहीं दिखाया। पिच पर असमान उछाल और गति के कारण इंग्लैंड के विकेटकीपर जैमी स्मिथ को भी तकलीफ झेलनी पड़ी। हर गेंद पर सतर्क रहने के बावजूद यह उनकी क्षमता को चुनौतीपूर्ण स्थिति में लाकर खड़ा कर रहा था।
यह देखना रोमांचक था कि कैसे इन दोनों बल्लेबाजों ने स्ट्राइक को घुमावदार ढंग से नियंत्रित किया और इंग्लैंड की गेंदबाजी में खामियों का फायदा उठाया। यह एक उदाहरण है जो बताता है कि कैसे दबाव की स्थिति भी खिलाड़ियों के लिए नई प्रेरणाएं ला सकती हैं और उन्हें अपनी सर्वश्रेष्ठ कमजोरी को ताकत में बदलने की हिम्मत देती हैं।
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