घर समाचार

पुणे में मूसलधार बारिश से बाढ़ संकट, खडकवासला बांध के गेट खोले गए, जनजीवन अस्त-व्यस्त

पुणे में भारी बारिश का कहर

महाराष्ट्र में हाल ही में भारी बारिश ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। पुणे में भीषण बारिश के कारण प्रमुख संकट उत्पन्न हो गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुंबई को येलो अलर्ट और पुणे को रेड अलर्ट पर रखा है। आईएमडी ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और विकट हो सकती है।

खडकवासला बांध के गेट खोले गए

भारी बारिश के कारण पुणे के कैचमेंट एरिया में जल भराव हो गया है। इस कारण खडकवासला बांध के गेट खोले जाने से मुठा नदी के किनारे बसे रिहायशी इलाकों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। बांध के गेट खोले जाने से पानी का तेज बहाव हुआ है, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया है।

पुणे नगर निगम की स्थिति नियंत्रण में

पुणे नगर निगम की स्थिति नियंत्रण में

पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) ने निम्न-स्तरीय क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए निकासी अभियान चलाया है। खास तौर पर सिंहगड रोड, बावधान, बानेर और डेक्कन जिमखाना जैसे क्षेत्रों में निकासी तेजी से जारी है। उप मुख्यमंत्री और पुणे के संरक्षक मंत्री अजित पवार ने अधिकारियों को प्रभावित नागरिकों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

आपदा प्रबंधन टीमों की तैनाती

आपदा प्रबंधन टीमों, जिनमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) भी शामिल है, को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है। एनडीआरएफ और स्थानीय दमकल विभाग ने अपना काम शुरू कर दिया है। अब तक बाढ़ के कारण चार लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।

बाढ़ के प्रभाव और सावधानियां

बाढ़ के प्रभाव और सावधानियां

भारी बारिश और बाढ़ के कारण लोगों को अपने घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को वाहनों का उपयोग करने से बचने और मौसम की ताजा रिपोर्ट पर नजर रखने का अनुरोध किया है। प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल बंद हैं।

सावधानी और सुरक्षा निर्देश

अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। प्रशासन द्वारा 45 घटनाओं का जल्दी से उत्तर दिया गया है, जिनमें पेड़ गिरना, दीवारें टूटना और बाढ़ शामिल हैं।

परेशानी के बावजूद हवाई और रेल सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं, हालाँकि राज्य परिवहन बस सेवाएं 30% तक कम कर दी गई हैं।

संबंधित पोस्ट

12 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Shubham Abhang

    जुलाई 25, 2024 AT 18:41

    वाकई, पुणे में जलीय आपदा का परिदृश्य, अत्यंत चिंताजनक, है; लेकिन किस हद तक प्रशासन की तत्परता, सही मायनों में काबिल‑ए‑तारीफ है?, यह सवाल अभी बाकी है, इसी में बाढ़ के बाद की योजनाओं की वास्तविक प्रभावशीलता द्रष्टा को देखनी पड़ेगी, कुछ क्षेत्रों में तो निकासी के उपाय, स्पष्ट रूप से अक्षम्य प्रतीत होते हैं।

  • Image placeholder

    Trupti Jain

    जुलाई 25, 2024 AT 19:06

    जैसे ही बूँदें टपकती रही, शहर का परिदृश्य रंगीन स्याही की तरह धुंधला हो गया; यह एक मधुर एवं तीव्र प्रतिमूर्ति है, जहाँ जलधारा ने शहर की सड़कों को जीवन के ताने‑बाने में बदल दिया। इस अभूतपूर्व बाढ़ ने प्रशासनिक क्षमताओं को एक गहन परीक्षण पर रखा है, और हमें आशा है कि आगामी कदम, आशा‑की‑रौशनी की तरह, जनता के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।

  • Image placeholder

    deepika balodi

    जुलाई 25, 2024 AT 19:31

    खडकवासला के गेट खोलने से जल का प्रवाह तेज़ हुआ, इसलिए बाढ़ की स्थिति बढ़ी। सुरक्षित स्थानों पर जल्दी से जाना बेहतर है।

  • Image placeholder

    Priya Patil

    जुलाई 25, 2024 AT 19:56

    भारी बारिश ने न केवल जलस्राव बढ़ाया, बल्कि लोगों की दैनिक रूटीन में भी बाधा पाई।
    पण, पीएमसी की निकासी टीम ने कई सेक्टर में राहत पहुंचाई, जिससे कई परिवारों को बचाया गया।
    आगे भी सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि मौसम अब भी अनिश्चित है, और पुनः बाढ़ की संभावना बनी हुई है।

  • Image placeholder

    Rashi Jaiswal

    जुलाई 25, 2024 AT 20:21

    भाई लोग, राहत के काम में जोश देख के दिल खुश हो गया! लेकिन ट्रैफिक जाम थोड़ा तनाव दे रहा है, उफ़! फिर भी, सब मिलकर इस बवाल को कम कर रहे हैं, यही तो असली मैत्री है।

  • Image placeholder

    Maneesh Rajput Thakur

    जुलाई 25, 2024 AT 20:46

    इंटरनेट पर बहुत सारी जानकारी circulate होती है कि इस बाढ़ का कारण सिर्फ प्राकृतिक कारण नहीं है; जल प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर में लापरवाही के साथ-साथ कुछ ठोस योजनाओं की कमी और यहां तक कि कुछ छुपे हुए एजेंसियों की साजिश भी शामिल हो सकती है। इसलिए, जनता को हर खबर को critically देखना चाहिए, वरना हम सब गलत दिशा में आगे बढ़ेंगे।

  • Image placeholder

    ONE AGRI

    जुलाई 25, 2024 AT 21:11

    जब भी मैं इस बाढ़ को देखता हूँ, मेरे भीतर एक गहरी भावना उठती है कि यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि हमारे देश की बुनियादी संरचनाओं की गहरी कमज़ोरी का प्रतीक है; हमें गर्व है कि राजस्थान, पंजाब, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने भी कभी ऐसे संकट का सामना किया है और उन्होंने अपने लोगों को एकजुट करके, राष्ट्रीय एकता की मिसाल पेश की है।
    आज पुणे में भी वही भावना हममें जागृत होनी चाहिए-कि हम अपने देश की जल-प्रबंधन नीतियों को सुधारें, जल संचयन के उपाय अपनाएं, और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचें।
    हर घर में पानी के टैंक, हर मोहल्ले में जल-शोधित पुल, और हर स्कूल में बाढ़-रोकथाम की ट्रेनिंग होना चाहिए, तभी हम सच में भारत को शक्तिशाली कह सकते हैं।
    सरकार को चाहिए कि वे अंतरराष्ट्रीय जल प्रबंधन शोध संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाए, और अनुभवी इंजीनियरों को आमंत्रित करके देश के हर कोने में बुनियादी ढांचा सुदृढ़ करे।
    साथ ही, मीडिया को भी यह ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए कि वे केवल sensational news न दें, बल्कि लोगों को सही जानकारी और बचाव उपायों के बारे में शिक्षित करें।
    अंत में, मैं यही कहूँगा कि इस बाढ़ से हम सीखें, और अपने देश को एक नई दिशा दें, जहाँ जल हमारे लिये अभिशाप नहीं, बल्कि अनमोल संपदा बन जाए।

  • Image placeholder

    Himanshu Sanduja

    जुलाई 25, 2024 AT 21:36

    सबको सुरक्षित रहने की दुआएँ।

  • Image placeholder

    Kiran Singh

    जुलाई 25, 2024 AT 22:01

    बाढ़ से प्रभावित लोगों को बहुत‑बहुत साइडिश 🙏🌧️ साथ मिलकर हम इस मुश्किल को पार करेंगे, धीरज रखें 😊

  • Image placeholder

    Balaji Srinivasan

    जुलाई 25, 2024 AT 22:26

    मैं व्यक्तिगत रूप से यह देख रहा हूँ कि स्थानीय राहत कार्यों में समन्वय अच्छा है, और आशा है कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी।

  • Image placeholder

    Hariprasath P

    जुलाई 25, 2024 AT 22:51

    वास्तविकता यह है कि शहर की बुनियादी ढांचा योजना, ऐतिहासिक रूप से, थोड़ी लो‑फी थी; इस बाढ़ ने हमें यह बताने का मौका दिया कि हमें शहरी डिज़ाइन में एकदम avant‑garde उपाय अपनाने चाहिए।
    पहले तो, जल‑निकासी के लिए multi‑level canals बनाना चाहिए, जो न केवल पानी को जल्दी ले जाएँ, बल्कि aesthetic भी हों।
    दूसरा, स्मार्ट sensors की मदद से real‑time water level monitoring होनी चाहिए, जिससे प्रशासन तुरंत action ले सके।
    तीसरा, समुदाय‑आधारित volunteer squads को training देना चाहिए, ताकि वे emergency में first responders बन सकें।
    इन सब को लागू करने के लिए, हमें multi‑disciplinary experts की जरूरत होगी, जिनमें urban planners, hydrologists, और social scientists शामिल हों।
    यदि हम इस तरह के holistic approach अपनाएँ, तो बाढ़ जैसी परेशानियों से बचना संभव होगा, और हमारा शहर एक मॉडल सिटी बन सकेगा।

  • Image placeholder

    Vibhor Jain

    जुलाई 25, 2024 AT 23:16

    हां, क्योंकि हमें सच में ज़्यादा high‑tech sensors चाहिए, जबकि कुछ लोग अभी भी पानी से डरते हैं। लेकिन आपके fancy ideas को तो सलाम, शायद अगले साल तक वो भी काम न करे।

एक टिप्पणी लिखें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी