जब हम किसान, वो व्यक्ति जो भूमि पर बीज बोकर फसल उगाता है और उसे बाजार तक पहुँचाता है. Also known as खेती करने वाला, वह राष्ट्र की भोजन सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। किसान बिना उचित जानकारी के फसल चक्र, जल प्रबंधन या बाजार दरों का अनुमान नहीं लगा पाते, इसलिए इन पहलुओं का बेहतर समझना ज़रूरी है।
किसान का सबसे करीबी सम्बंध कृषि, देश की आर्थिक गतिविधियों में वह क्षेत्र जहाँ भूमि, जल और श्रम का उपयोग करके भोजन एवं अन्य उत्पाद बनते हैं से है। कृषि के भीतर फसल, बीज से उगाए जाने वाले पौधे जो भोजन, तेल या वस्त्र प्रदान करते हैं का चयन वह सबसे प्रमुख कार्य है। किसान फसल की किस्म, बोवाई समय और उर्वरक की मात्रा तय करके उत्पादन को अधिकतम करते हैं। इस प्रक्रिया में फसल‑विशिष्ट रोग‑प्रतिरोधी तकनीक और सही बीज चयन की अहमियत बढ़ जाती है।
एक फसल की सफलता सीधे मौसम, वर्ष भर में तापमान, वर्षा और आर्द्रता का पैटर्न पर निर्भर करती है। मौसमी बदलाव, जैसे अनियमित बारिश या असामान्य ठंड, फसल के विकास को बाधित कर सकते हैं, इसलिए किसान मौसम पूर्वानुमान और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए नई तकनीक अपनाते हैं। जलवायु परिवर्तन की गतिशीलता को समझना और सूखा‑प्रतिकारक बीज व सही सिंचाई प्रणाली लगाना अब हर किसान की प्राथमिकता बन गई है।
भारत सरकार किसान‑केन्द्रित कई सरकारी योजना, जैसे पीएम-किसान योजना, कृषि ऋण माफी और साक्षरता कार्यक्रम, जो वित्तीय, तकनीकी और सूचना समर्थन प्रदान करती हैं चलाती है। इन योजनाओं के तहत सब्सिडी वाले बीज, न्यूनतम ब्याज वाले ऋण और फसल बीमा उपलब्ध होते हैं, जिससे जोखिम कम होता है। साथ ही मंडी संरचना का सुधार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का निर्धारण और ई‑निमार्ण प्रणाली किसान को बेहतर बाजार मूल्य दिलाने में मदद करती है। आधुनिक कृषि उपकरण – ट्रैक्टर, ड्रीप इरिगेशन, थ्रेसर – इन योजनाओं के साथ बँटे हुए वित्तीय प्रोत्साहनों से अधिक उत्पादन संभव हो रहा है।
इन सभी तत्वों को जोड़कर हम देख सकते हैं कि किसान फसल का उत्पादन, मौसम के साथ तालमेल, सरकारी समर्थन और बाजार पहुंच—इन सबका एक ही लक्ष्य है: सतत एवं लाभदायक खेती। आगे आप इस टैग में संग्रहित लेखों में विभिन्न राज्य‑स्तर की योजनाएं, नई कृषि प्रौद्योगिकियां, मौसम‑आधारित खेती के टिप्स और वास्तविक किसान अनुभव पढ़ेंगे। इन जानकारियों के साथ आप अपने कृषि निर्णयों को डेटा‑संचालित बना सकते हैं और खेती को अधिक सुरक्षित व समृद्ध बना सकते हैं। अब नीचे दिए गए लेखों में गहराई से उतरते हैं।
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अक्तूबर 5 2025