जब हम राजस्थान, भारत के पश्चिमी भाग में स्थित यह राज्य अपने रंगीन सांस्कृतिक धरोहर, शानदार किलों और विशाल रेगिस्तान के लिए जाना जाता है. अन्य नामों में इसे राजस्थानी धरती भी कहा जाता है। इस परिदृश्य में जयपुर, राजस्थान की राजधानी और ‘गुलाब शहर’ के रूप में मशहूर, राजस्थानी वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है भी शामिल है, जबकि थार रेगिस्तान, राजस्थान के बड़े भाग को घेरने वाला सूखा बालू का मैदान, यहाँ की अनोखी जीविका और पर्यटन का मुख्य आकर्षण है। यह त्रिकोण दर्शाता है कि राजस्थान सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि इतिहास, पर्यटक आकर्षण और स्थानीय जीवनशैली का संगम है।
राजस्थान की कहानी साहसिक राजाओं की, शौर्य के लड़े हुए सैनिकों की और बारहमासी त्यौहारों की है। कुतुब शाही, आमेर, चित्तौड़गढ़ जैसे किले आज भी अपनी दीवारों में गढ़े हुए वीर गाथा सुनाते हैं। इन किलों के पीछे के राजदरबार और वास्तुशिल्प, जैसे कि जयपुर का हवा महल और उदयपुर का लेक पिचोला, भारतीय इतिहास के अनमोल हिस्से हैं। जब आप इन स्थलों को देखते हैं, तो आपको समझ में आता है कि इतिहास केवल किताबों में नहीं, बल्कि यहाँ की गलियों में, बाजारों में और लोकगीतों में भी जीवित है।
राजस्थान का पर्यटन उद्योग स्थानीय रजस्थानी संस्कृति, हाथ से बनायीं वस्त्र, संगीत, नृत्य और लोककथाओं से भरपूर, पर्यटकों को अनूठा अनुभव देने वाली को विश्व स्तर पर पहचान दिला रहा है। चाहे आप दस्ता सिल्क के बाजारों में शॉपिंग करना चाहें, या वैक नृत्य की रंगीन परफॉर्मेंस देखना चाहें, यहाँ हर कोने में कुछ न कुछ नया मिलेगा। साथ ही, राजस्थानी भोजन अपने बीज के तीखे स्वाद और मिट्टी की खुशबू के लिए मशहूर है—दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्ज़ी, केर सांगरी के साथ केरेला, ये सब आपके स्वाद को रोमांचित करेंगे।
राजस्थान की जलवायु भी खास है; गर्मियों में रेतीले धूप से लेकर सर्दियों में ठंडी हवा तक, प्रत्येक मौसम अलग कहानी सुनाता है। थार रेगिस्तान में जयपुर के पास स्थित धेरों रेत के टीले, रोमिंग कॅम्पिंग और ऊँट की सवारी के अवसर प्रदान करते हैं। इन अनुभवों में स्थानीय गाइड अक्सर राजस्थानी लोकगीता गाते हैं, जिससे यात्रा में सांस्कृतिक जुड़ाव और गहरा हो जाता है। इसलिए, जब आप इस राज्य की यात्रा की योजना बनाते हैं, तो मौसम, स्थल और त्यौहार का सही मिलाप चुनना जरूरी है।
राजस्थानी भाषा, जिसमें मारवाड़ी, शेखावाटी और डिंगाली शैलियों का मिश्रण है, रोज़मर्रा की बातचीत में सुनाई देती है। यह भाषा स्थानीय लोगों की गर्मजोशी और मेहमान‑नवाज़ी को दर्शाती है। इसी तरह, यहाँ के बाज़ारों में मिलने वाले क़ारीगरी के नमूने, जैसे कि बंधेज़ शॉल, कांच की कारीगरी और मोतियों की जड़ाई, इस क्षेत्र की आर्थिक जीवंतता को दर्शाते हैं। इन हस्तशिल्पों की मांग अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही है, जो स्थानीय कारीगरों को नए अवसर प्रदान कर रही है।
समाज में राजस्थानी लोग अक्सर अपने इतिहास को गवर्नमेंट और शिक्षा के माध्यम से भविष्य की पीढ़ियों को सिखाते हैं। स्कूलों में राजस्थानी भाषा और इतिहास की पढ़ाई अनिवार्य है, जिससे युवा वर्ग को अपने जड़ों से जुड़ाव महसूस होता है। साथ ही, राज्य में कई तकनीकी पहलों ने युवाओं को नई नौकरियों की ओर दिशा दी है, जैसे कि बणियाकोल में सोलर ऊर्जा परियोजनाएँ और जैसलमेर में बायो‑डायवर्सिटी रिसर्च सेंटर। यह मिश्रण दर्शाता है कि राजस्थान पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक विकास दोनों को संतुलित कर रहा है।
ऊपर बताए गए बिंदु यह स्पष्ट करते हैं कि राजस्थान केवल एक भूगोलिक इकाई नहीं है; यह इतिहास, संस्कृति, भोजन, पर्यटन और आर्थिक प्रगति का एक जटिल ताना‑बाना है। इस पेज पर आप आगामी लेखों में राजस्थान की विभिन्न पहलुओं—जैसे राजस्थानी खेल, सामाजिक पहल, पर्यावरणीय मुद्दे और नवीनतम राजनैतिक समाचार—की विस्तृत जानकारी पाएँगे। अभी पढ़ें और इस अद्भुत राज्य की बदलती कहानी का हिस्सा बनें।
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अक्तूबर 5 2025