सुंदर पिचाई नाम सुनते ही गूगल, क्रोम और AI जैसे शब्द दिमाग में आते हैं। भारतीय मूल के ये टेक लीडर छोटे शहर से निकलकर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी के मुखिया बने — एक प्रेरणा भरी कहानी। यहां आसान भाषा में जानिए उनका सफर, काम करने का तरीका और आप उनसे क्या सीख सकते हैं।
सुंदर पिचाई का जन्म तमिलनाडु में हुआ। आईआईटी खड़गपुर और स्टैनफ़ोर्ड जैसे संस्थानों में पढ़ाई के बाद उन्होंने गूगल में काम करना शुरू किया। उन्होंने Chrome ब्राउज़र, Chrome OS और Google Apps के विकास में बड़ी भूमिका निभाई। 2015 में पिचाई को Google का CEO बनाया गया और 2019 में Alphabet के भी CEO बने।
उनका स्टाइल शांत, आंकड़ों पर आधारित और उपयोगकर्ता-केंद्रित रहा है। उत्पाद तभी सफल माना जाता है जब लोगों को असल फायदा मिले — यही उनकी प्राथमिकता है।
पिचाई ने Google को क्लाउड, मोबाइल और AI की ओर मजबूती से आगे बढ़ाया। उनके समय में कंपनी ने AI मॉडल, स्मार्ट असिस्टेंट और क्लाउड सर्विसेज पर बड़ा दांव लगाया। डेटा प्राइवेसी और नियमों का ध्यान रखते हुए उत्पाद बनाना भी उनकी रणनीति का हिस्सा रहा है।
वो जोखिम लेने को तैयार हैं, पर नई तकनीक को शांति से परखकर लागू करते हैं। यही वजह है कि गूगल जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर छोटे प्रयोग भी बड़े प्रभाव छोड़ते हैं।
आप अगर टेक इंडस्ट्री में हैं या करियर बदलने की सोच रहे हैं, तो पिचाई से कुछ सीधे और व्यावहारिक सबक मिलते हैं:
ये सबक स्टार्टअप, प्रोडक्ट मैनेजर या किसी भी टेक पेशेवर के काम आ सकते हैं।
हमारी साइट पर सुंदर पिचाई से सीधे जुड़ी खबरें कम हो सकती हैं, पर उनके प्रभाव से जुड़े टेक अपडेट और डिवाइस-रिलेटेड खबरें मिलती रहती हैं। नीचे कुछ लेख हैं जो आपको टेक जगत और गूगल के आसपास की बदलती तस्वीर समझने में मदद करेंगे:
इन लेखों से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि पिचाई जैसी बड़ी टेक कंपनियों की नीतियाँ कैसे हार्डवेयर और लोकल मार्केट पर असर डालती हैं। अगर आप गूगल, AI या प्रोडक्ट लीडरशिप पर और पढ़ना चाहते हैं तो हमारे टेक सेक्शन और 'सुंदर पिचाई' टैग वाले पोस्ट्स चेक करें।
कोई खास सवाल है या किसी पोस्ट की लिंक चाहिए? नीचे कमेंट करें — हम आपकी पढ़ाई और करियर के लिए प्रासंगिक लेख सजेस्ट करेंगे।
अंजलि पिचाई, गूगल सीईओ सुंदर पिचाई की पत्नी, को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। आईआईटी खड़गपुर ने उनकी परोपकार और सामाजिक कल्याण में योगदान को मान्यता दी है। अंजलि पिचाई शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न परोपकारी पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं।
जुलाई 27 2024