जब आप मतदान करते हैं, तो आपके सामने जो अधिकारी आपका नाम चेक करता है, वो होता है बूथ स्तरीय अधिकारी, चुनाव प्रक्रिया का सबसे निकट और सबसे महत्वपूर्ण स्तर, जो मतदान केंद्र पर दैनिक कार्यवाही को संचालित करता है. ये लोग किसी भी बड़ी राजनीतिक घटना की पीछे की ताकत होते हैं—बिना इनके, चुनाव बस एक शब्द होता। ये अधिकारी वो होते हैं जो बूथ पर वोटर लिस्ट तैयार करते हैं, मतदान यंत्र तैयार करते हैं, और दिन भर भीड़ को संभालते हैं।
ये चुनाव अधिकारी, भारतीय निर्वाचन आयोग के तहत नियुक्त किए जाने वाले लोग होते हैं, जो बूथ के बाहर और अंदर दोनों जगह नियमों का पालन सुनिश्चित करते हैं। इनकी जिम्मेदारी सिर्फ वोट डालने तक नहीं, बल्कि वोटिंग के बाद बूथ बुक भरने तक फैली होती है। कई बार ये लोग अकेले ही एक बूथ का पूरा इंतज़ाम करते हैं—बिना बिजली, बिना इंटरनेट, बिना सहायता। ये निर्वाचन अधिकारी बूथ के लिए जिम्मेदार होते हैं, और जब भी कोई शिकायत आती है, तो यही पहला बिंदु होता है।
इनकी भूमिका कभी बड़ी नहीं दिखती, लेकिन बिना इनके कोई चुनाव नहीं होता। ये लोग राजनीतिक दबाव, भीड़, और तकनीकी समस्याओं के बीच भी निष्पक्ष बने रहते हैं। उनके लिए एक गलती भी चुनाव को रद्द कर सकती है। यही वजह है कि चुनाव के बाद जब आप नतीजे देखते हैं, तो उसके पीछे हजारों बूथ स्तरीय अधिकारी अपने जिम्मेदारी के साथ खड़े होते हैं।
आप जब बूथ पर जाते हैं, तो आपके सामने जो व्यक्ति होता है, वो सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि आपके अधिकार का पहरेदार होता है। अगर आपका नाम लिस्ट में नहीं है, तो यही अधिकारी आपको अतिरिक्त दस्तावेज दिखाने के लिए कहता है। अगर आपको वोटिंग मशीन समझ नहीं आती, तो यही व्यक्ति आपको समझाता है। ये अधिकारी चुनाव का वह तार है जो आपको राष्ट्रीय निर्णय से जोड़ता है।
इस पेज पर आपको ऐसे ही विभिन्न चुनावी पहलुओं की खबरें मिलेंगी—जहाँ बूथ स्तरीय अधिकारी की भूमिका, उनकी चुनौतियाँ, और उनके साथ जुड़ी घटनाएँ दर्ज की गई हैं। कुछ खबरें उनकी दिनचर्या पर हैं, कुछ उनके खिलाफ आरोपों पर, और कुछ उनकी निष्पक्षता पर। ये सभी खबरें आपको बताएँगी कि चुनाव कैसे चलते हैं—बिना किसी झूठ के, बिना किसी झलक के, बस एक बूथ के स्तर पर।
उत्तर प्रदेश में 15.44 करोड़ मतदाताओं की सूची अपडेट के लिए SIR अभियान चल रहा है। 4 दिसंबर 2025 तक फॉर्म जमा करें, वरन्न वोट देने का अधिकार खो सकते हैं। बूथ स्तरीय अधिकारी, चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन इस प्रक्रिया में सक्रिय हैं।
नवंबर 26 2025