चुनाव आयोग: भारत के चुनाव कैसे होते हैं और इसकी भूमिका क्या है

चुनाव आयोग, भारत का संवैधानिक निकाय जो राष्ट्रीय और राज्य स्तर के चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखता है. इसे अक्सर एसीआई कहा जाता है, और यह देश के हर वोट की वैधता की गारंटी देता है। बिना इसके, हर चुनाव बस एक शोर होता—लेकिन एसीआई की वजह से हर मत गिना जाता है, हर उम्मीदवार को बराबर मौका मिलता है, और हर नागरिक का आवाज़ सुना जाता है।

चुनाव आयोग का काम सिर्फ वोटिंग दिन तक सीमित नहीं है। यह चुनाव शेड्यूल तय करता है, चुनावी नियम बनाता है, और जब जरूरत होती है तो राज्यों में चुनाव आयोग की नियुक्ति भी करता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 जैसे बड़े चुनाव में यह निर्णय लेता है कि मतगणना कब शुरू होगी, कितने मतदान केंद्र खोले जाएंगे, और कौन से जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी होगी। यह नियम बनाता है कि कोई भी राजनीतिक दल चुनाव के दौरान अनुचित लाभ न उठाए।

चुनाव आयोग के बिना आज का भारत असंभव है। जब आप सुनते हैं कि दिल्ली में 60.42% मतदान हुआ, या केरल में किसी लॉटरी के नतीजे की तरह मतगणना का नतीजा घोषित हुआ, तो वो सब चुनाव आयोग की निगरानी में हुआ है। यह संस्था बस एक नियम बनाने वाली एजेंसी नहीं, बल्कि लोकतंत्र का निर्माणकर्ता है।

चुनाव आयोग के साथ जुड़े अहम तथ्य

मतगणना की तारीख, चुनाव शेड्यूल, और निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएँ—ये सब चुनाव आयोग के निर्णय पर निर्भर करते हैं। जब दिल्ली में 8 फरवरी को सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हुई, तो यह एसीआई के निर्देश के अनुसार हुआ। जब एसएससी जैसे सरकारी भर्तियों में रिजल्ट जारी होते हैं, तो वो भी एक तरह का चुनाव है—और उसमें भी निष्पक्षता की गारंटी चुनाव आयोग के नियमों से मिलती है।

आप जो भी चुनाव देखते हैं—चाहे वो दिल्ली का हो, या राज्यसभा का, या फिर ग्राम पंचायत का—उसके पीछे एक ही ताकत काम करती है: चुनाव आयोग। यह न केवल चुनाव आयोजित करता है, बल्कि उन्हें सुरक्षित, स्वतंत्र और विश्वसनीय बनाए रखता है। इसी वजह से भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बना हुआ है।

इस पेज पर आपको चुनाव आयोग से जुड़ी ताज़ा खबरें मिलेंगी—चाहे वो दिल्ली के चुनाव का नतीजा हो, या एसीआई का कोई नया निर्देश, या फिर राज्यों में मतगणना की तैयारियाँ। हर खबर आपको बताएगी कि आज का चुनाव कैसे बन रहा है।

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नवंबर 26 2025