विमानन नीति वो दिशानिर्देश और नियम हैं जो एयरलाइंस, एयरपोर्ट, ड्रोन ऑपरेटर और यात्रियों पर असर डालते हैं। क्या आप अक्सर उड़ते हैं या सतही तौर पर एयर ट्रैवल से जुड़ा बिजनेस चलाते हैं? फिर यह जानकारी आपके काम की है। यहाँ आसान भाषा में बताता हूँ कि अभी कौन‑कौन से अहम बदलाव हो रहे हैं और आपको किस तरह तैयारी रखनी चाहिए।
पहला — क्षेत्रीय कनेक्टिविटी: UDAN जैसे कार्यक्रम छोटे शहरों को जोड़ने पर जोर दे रहे हैं। इसका सीधा फायदा: कम भीड़ वाले रूट्स और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
दूसरा — एयरपोर्ट प्राइवेटाइजेशन और निवेश: कुछ बड़े एयरपोर्टों में निजी निवेश बढ़े हैं। इससे सुविधाएं तेज़ी से सुधरती हैं, लेकिन शुल्क और पार्किंग जैसी चीज़ों में बदलाव भी दिख सकते हैं।
तीसरा — ड्रोन और यूएएस नियम: छोटे माल और सर्वे के काम के लिए ड्रोन नियम लगातार अपडेट हो रहे हैं। लाइसेंस, पॉलिसिंग और ड्रोन ट्रैफिक मैनेजमेंट पर ध्यान जरूरी है।
चौथा — सुरक्षा और संचालन मानक: DGCA और अंतरराष्ट्रीय निकायों के नियम अपडेट होते रहते हैं — विमान निगरानी, मेंटेनेंस और एयर क्रू के लिये नए दिशानिर्देश लागू होते हैं।
पांचवा — पर्यावरण और ईंधन नीति: SAF (सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल) और कार्बन उत्सर्जन घटाने के लक्ष्यों पर फोकस बढ़ रहा है। एयरलाइनें धीरे‑धीरे ईंधन विकल्प और इफिशिएंसी सुधार रही हैं।
यात्रा करते समय टिकट बुक करने से पहले एयरलाइन के नियम और रिफंड पॉलिसी जरूर पढ़ें। प्रोफॉर्मा चार्ज और बैगेज नियमों में बदलाव जल्दी आ सकते हैं।
अगर आप ड्रोन ऑपरेटर हैं तो आधिकारिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और अप्रूवल की प्रक्रिया नियमित चेक करें। छोटे से छोटी जानकारी भी लागू नियम बदल सकती है।
बिजनेस के लिए: किसी रूट पर निवेश करने से पहले एयरपोर्ट और एयरलाइंस के लॉन्ग‑टर्म प्लान देखें। प्राइवेट पार्टनरशिप और लागत ढांचे समझना जरूरी है।
खबर और नोटिफिकेशन कैसे फॉलो करें? DGCA की साइट, मंत्रालय के प्रेस रिलीज और भरोसेमंद समाचार स्रोत देखें। यहाँ पर 'विमानन नीति' टैग से जुड़े लेख नियमित अपडेट होते हैं — नया नियम आया तो हम उसे सरल भाषा में समझाएंगे।
आखिर में, नीति बदलती है तो सुविधा और लागत दोनों प्रभावित होते हैं। सवाल है कि ये बदलाव आपको लाभ देंगे या नहीं — उसका जवाब आपके उपयोग और स्थान पर निर्भर करता है। अगर आप चाहें तो नीचे दिए गए हमारे विमानन से जुड़े लेखों को देखें या नया अपडेट पाना चाहते हैं तो साइट पर "विमानन नीति" टैग फॉलो कर लें।
भारतीय एविएशन इंडस्ट्री ने आगामी यूनियन बजट 2024 में व्यापार को सहज बनाने और लागत घटाने के लिए नीतियों की मांग की है। इसमें एटीएफ पर कर कटौती, विमान और स्पेयर पार्ट्स के आयात पर नियमों में छूट, और एमआरओ सुविधाओं के विकास के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।
जुलाई 2 2024