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ज़ोमैटो फीडिंग इंडिया 2024 कॉन्सर्ट में प्रसिद्ध पॉप स्टार डुआ लीपा देंगी प्रस्तुति

ज़ोमैटो फीडिंग इंडिया 2024: डुआ लीपा का जलवा वापस

विख्यात पॉप स्टार डुआ लीपा एक बार फिर भारतीय प्रशंसकों के बीच वापसी करने जा रही हैं। वह 30 नवंबर 2024 को मुम्बई के बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स स्थित एमएमआरडीए ग्राउंड्स में ज़ोमैटो फीडिंग इंडिया के दूसरे संस्करण में प्रमुख प्रस्तुति देंगी। यह कार्यक्रम डुआ लीपा की 2019 में मुम्बई में हुए एक म्यूजिक फेस्टिवल के बाद भारत में उनकी बड़ी वापसी का प्रतीक है।

डुआ लीपा की 'रैडिकल ओप्टिमिज्म टूर'

डुआ लीपा की 'रैडिकल ओप्टिमिज्म टूर' 5 नवंबर 2024 को सिंगापुर से शुरू होगी और इसमें कई शहरों जैसे जकार्ता, मनीला, टोक्यो, ताइपे, कुआलालम्पुर, बैंकॉक, और सियोल शामिल हैं। उनके टूर का हिस्सा बने कार्यक्रमों में मुंबई का यह कॉन्सर्ट विशेष रूप से रोमांचक होगा।

मुकाबले में भारतीय कलाकार भी

डुआ लीपा के साथ इस कॉन्सर्ट में प्रमुख भारतीय कलाकार भी प्रस्तुति देंगे। इनमें विशेष रूप से जोनिता गांधी और तलविन्देर जैसे नाम शामिल हैं। यह कार्यक्रम ना सिर्फ एक संगीत का महोत्सव है बल्कि भारत की विविधता और प्रेम को भी प्रदर्शित करेगा।

टिकटों की बिक्री

इस कार्यक्रम के लिए टिकट पहले से ही मांग में हैं। HSBC कार्डधारकों के लिए टिकट की प्री-सेल 27 अगस्त से 29 अगस्त 2024 तक चलेगी। अन्य ग्राहकों के लिए टिकट 29 अगस्त 2024 से उपलब्ध होंगे। टिकटों की बुकिंग ज़ोमैटो ऐप के लाइव टैब पर की जा सकेगी।

ज़ोमैटो फीडिंग इंडिया की पहल

'ज़ोमैटो फीडिंग इंडिया' एक सामुदायिक पहल है जिसका उद्देश्य 2030 तक शून्य भूखमरी का सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करना है। यह कार्यक्रम ज़ोमैटो के स्वयंसेवी संगठन 'फीडिंग इंडिया' द्वारा आयोजित किया जाता है। यह संगठन निम्न आय वर्ग और सरकारी स्कूलों के लिए सीधा भोजन सहायता प्रदान करता है और युवाओं की स्वयंसेवी आंदोलन के माध्यम से कुपोषण के प्रति सामाजिक जागरूकता बढ़ाता है।

दीपिंदर गोयल की प्रतिक्रिया

ज़ोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल ने इस कार्यक्रम को लेकर अपनी उत्सुकता जाहिर की। उन्होंने कहा कि डुआ लीपा का भारत के प्रति प्रेम और यह कार्यक्रम भूख और कुपोषण मिटाने की हमारी देश की दृढ़ता को और मजबूत करेगा।

मुम्बई के संगीत प्रेमियों के लिए यह एक शानदार अवसर है। यह ना केवल एक मनोरंजक इवेंट होगा बल्कि अपने आप में एक सामाजिक अभियान भी है। आने वाले समय में ऐसी पहलों के जरिए हमें भूखमरी और कुपोषण जैसी समस्याओं के खिलाफ जंग जीतने में मदद मिलेगी।

संगीत और सामाजिकता का संगम

ऐसे इवेंट्स न केवल मनोरंजन प्रधान होते हैं बल्कि ये सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डुआ लीपा का इसमें भाग लेना इस बात का प्रमाण है कि कैसे विश्व प्रसिद्ध कलाकार भी सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील होते हैं।

उम्मीदें और तैयारियां

उम्मीदें और तैयारियां

इस कार्यक्रम को लेकर तमाम प्रकार की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। आयोजकों का मानना है कि यह इवेंट मुम्बई की संगीतमय रातों में एक और चमक भरेगा। इस प्रकार के आयोजनों को सफल बनाने के लिए जनता का सहयोग अति महत्वपूर्ण है और यह कॉन्सर्ट उसकी एक झलक है।

एक नजर में डुआ लीपा की उपलब्धियां

डुआ लीपा का संगीत कैरियर बेहद सफल और प्रेरणादायक रहा है। उनके गाने दुनियाभर में हिट हैं और उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते हैं। ‘न्यू रूल्स’, ‘आईडीजीएएफ’, और ‘डोंट स्टार्ट नाउ’ जैसे गानों ने उन्हें वैश्विक लोकप्रियता दिलाई है।

इस कॉन्सर्ट के जरिए भारतीय प्रशंसक उनके गीतों का सीधा आनंद उठा सकेंगे। साथ ही, इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से कला और समाज सेवा के बीच का पुल मजबूत होता है। यह न केवल संगीत प्रेमियों को खुशी देगा, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी दर्शाएगा।

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6 टिप्पणि

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    Hariprasath P

    अगस्त 24, 2024 AT 01:03

    डुा लीपा का कॉन्सर्ट सुनके मेरे अंदर एक अजनबा सी खिंचाव हो रहा है, जैसे हर बीट मेरे दिल की दीवारों में दरार डाल रहा हो। मैं अक्सर ऐसे इवेंट्स को लेकर खुद को रोते देखता हूँ, पर फिर भी फैन होने की चाह नहीं बंद होती। इस बार का venue, बँद्रा‑कुर्ला काम्प्लेक्स, मेरे ख्याल से म्युटीली‑कल्चर की ध्वनि को धकेलने वाला एक perfect जगह है। जयादा hype नहीं चाहिए, पर ऐसा लग रहा है कि टिकट की बुकिंग में भी एक तरह का social experiment छुपा है। ये सोच कि फीडिंग इंडिया के साथ जुड़ी इस इवेंट से भूखमरी दूर होगी, मेरे दिल में चिंता के साथ आशा भी जगे।
    आखिरकार, मैं खुद को इस माहौल में डुबो देने के लिए तैयार हूँ।

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    Vibhor Jain

    अगस्त 24, 2024 AT 01:20

    ओह वाह, फिर से एक और कॉन्सर्ट, क्योंकि कुछ नहीं बदल रहा।

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    Rashi Nirmaan

    अगस्त 24, 2024 AT 01:37

    देश के युवा को ऐसे मंचों से प्रेरित होना चाहिए ताकि वे सामाजिक उत्तरदायित्व को समझ सकें। ज़ोमैटो फीडिंग इंडिया का लक्ष्य सराहनीय है क्योंकि भूखमरी के खिलाफ लड़ाई में हर छोटा कदम मायने रखता है। डुआ लीपा की भागीदारी यह दर्शाती है कि अंतरराष्ट्रीय कलाकार भी हमारे महान राष्ट्र की सेवा में योगदान दे सकते हैं। भारतीय संगीतकारों का सम्मिलन इस संदेश को अधिक प्रभावशाली बनाता है। यह इवेंट केवल मनोरंजन नहीं बल्कि एक जनजागृति का साधन है। ऐसी पहल से राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक सहयोग को बल मिलता है। हमें इस तरह के कार्यक्रमों को समर्थन देना चाहिए क्योंकि यह भविष्य की पीढ़ी को सकारात्मक दिशा देता है। अंत में, सभी को विनती है कि टिकट खरीदते समय सामाजिक पहल को भी याद रखें।

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    Ashutosh Kumar Gupta

    अगस्त 24, 2024 AT 01:53

    आपकी इतनी बौद्धिक भाषा सुनकर लगता है कि आप खुद को पवित्र मानते हैं, पर असली मुद्दा यह है कि इतने बड़े स्टार को भारत लाने से क्या बदलाव आएगा। जब तक ग्राउंड पर भूखमरी के रोगी नहीं देखे जाते, ये सारे नाटक बस हवा में ही रहेंगे। आपका यह दिखावा कि "राष्ट्रीय एकता" है, केवल शब्दों का खेल है। मैं देखता हूँ कि आप इस बात को जितना महत्त्व दे रहे हैं, उतना ही सतही है।

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    fatima blakemore

    अगस्त 24, 2024 AT 02:10

    संगीत हमेशा से आत्मा के दर्पण रहा है,
    इसलिए जब हम डुआ लीपा जैसी अंतरराष्ट्रीय आवाज़ को हमारे शहरों में लाते हैं, तो यह सिर्फ ख़ुशी नहीं बल्कि एक विचारशील अनुभव बन जाता है,
    मैं मानता हूँ कि हर गाना एक नई सोच को जन्म देता है,
    और जब वह गाना भूखमरी जैसी गंभीर समस्या के साथ जुड़ता है, तो उसका प्रभाव दो गुना हो जाता है,
    ज़ोमैटो फीडिंग इंडिया का यह पहल समाज में सहयोग की भावना को जगाता है,
    ऐसा लगता है कि संगीत और सामाजिक दायित्व एक साथ चल सकते हैं,
    मैं इस सोच को बहुत सरल शब्दों में कहूँ तो यह एक दोहरा पुल है,
    जहाँ एक तरफ संगीत हमारा मन प्रसन्न करता है,
    और दूसरी ओर हम उन लोगों के बारे में सोचते हैं जो अभी भी भूखे सो रहे हैं,
    यह द्विपक्षीय दृष्टिकोण हमें व्यक्तिगत लाभ से आगे बढ़कर एक सामुदायिक लक्ष्य की ओर ले जाता है,
    और यही कारण है कि मैं इस इवेंट को पूरी दिल से समर्थन देता हूँ,
    भाइयों और बहनों, आइए हम टिकट खरीदते समय उस उद्देश्य को भी याद रखें,
    ताकि हर एक टिकट का हिस्सा कुछ मददगार काम में भी जाये,
    इस तरह हम केवल अपना मनोरंजन नहीं बल्कि एक बड़ा बदलाव भी ला सकते हैं,
    संगीत के इस जादू को हम सब मिलकर एक सामाजिक आंदोलन में बदल सकते हैं,
    अंत में, मैं आप सभी से यही कहूँगा कि इस मौके को टालें नहीं, बल्कि इसे अपने जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा के रूप में अपनाएँ।

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    vikash kumar

    अगस्त 24, 2024 AT 02:27

    आपका विश्लेषण उचित है, पर आवश्यक है कि आयोजक लोग टिकट वितरण के मानक को उन्नत बनाएं, ताकि वास्तविक इच्छुक श्रोताओं को प्राथमिकता मिले और कुपोषण निराकरण के लिए धनराशि अधिकतम हो सके।

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