घर समाचार

आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन: प्रधानमंत्री मोदी ने बताया आध्यात्म और आधुनिकता का संगम

आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल: आध्यात्म और आधुनिकता का अद्भुत संगम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रविवार को आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। यह अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं में आध्यात्म और आधुनिकता का अनोखा संगम प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह अस्पताल न केवल भौतिक सुविधाओं में समृद्ध है, बल्कि यहां इर्षा और स्वार्थ से रहित सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके उद्घाटन के साथ ही वाराणसी में उन्नत स्वास्थ्य देखभाल की एक नई शुरुआत हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किए अपने विचार

उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल की स्थापना चिकित्सा क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं के लिए की गई है। उन्होंने आरजे ग्रुप के इस प्रयास की सराहना की और इसे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि जब आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम होता है, तब समाज के हर वर्ग को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में हॉस्पिटल की बड़ी भूमिका होती है।

अस्पताल की विशेषताएँ

आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल में अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों का समावेश किया गया है जो मरीजों को सर्वोत्तम उपचार सुनिश्चित करने में सहायक हैं। अस्पताल के कक्ष आध्यात्मिक और सौम्य वातावरण प्रदान करते हैं, जिससे मरीजों को मानसिक और शारीरिक रूप से आराम मिलता है। यहां के डॉक्टर और स्टाफ एथिकल और प्रोफेशनल एप्रोच के साथ मरीजों की देखभाल में जुटे हैं।

समाज के लिए उम्मीद की एक किरण

इस अस्पताल की स्थापना से वाराणसी और इसके आसपास के क्षेत्रों के नेत्र रोगी लाभान्वित होंगे। इस अस्पताल में कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली आंखों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐसे प्रयास समाज को संबल, सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करते हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आत्मनिर्भरता के रास्ते पर जब देश सारी प्राथमिकताओं के साथ आगे बढ़ता है, तब आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल जैसे संस्थान अपनी भूमिका बेहतर ढंग से निभाते हैं। यहां का प्रबंधन और समर्पित चिकित्सक दल समाज में आमूलचूल परिवर्तन लाने की दिशा में कार्यरत रहेगा।

अस्पताल का योगदान

आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल ने अस्पताल के उद्घाटन के दौरान अपनी आगामी योजनाओं के बारे में भी चर्चा की। अस्पताल की योजना है कि वे सामुदायिक स्वास्थ्य अभियानों के माध्यम से नगर में नेत्र चिकित्सा में क्रांति लाएंगे। यह अस्पताल न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में बल्कि शिक्षा और जागरूकता फैला कर भी समाज में योगदान देगा।

इस तरह, आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन वाराणसी की जनता के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में एक नई लहर का संकेत है। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इस प्रयास की सराहना के साथ, उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में इस तरह के और भी संस्थान देश के विभिन्न कोनों में उभरकर आएंगे, जिससे समाज में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निर्बाध सेवा प्रदान की जा सकेगी।

संबंधित पोस्ट

14 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Rashi Jaiswal

    अक्तूबर 20, 2024 AT 20:19

    वाह! ऐसे आध्यात्मिक माहौल में तकनीकी सुविधा मिल रहा है, दिल से बधाइयाँ 🙌। अस्पताल के आरामदायक कमरे मरीजों को शांती देंगे, यही तो चाहिए। उम्मीद है यहाँ की सेवाएं सभी तक पहुंचेंगी, खासकर कम आय वाले लोगों को।

  • Image placeholder

    Maneesh Rajput Thakur

    अक्तूबर 20, 2024 AT 21:20

    देखा जाए तो इस तरह की गुप्त पहलें अक्सर बड़े राज़ को छुपाने का जरिया बनती हैं। सरकार की हर नई घोषणा के पीछे कोई छिपी एजेंडाि है, और यह अस्पताल भी उसी का हिस्सा लग रहा है। आध्यात्मिकता का झंडा फहरा कर बड़े व्यवसायी अपने लाभ का जाल बुनते हैं। तो सावधान रहना चाहिए, यह सिर्फ एक PR ट्रिक नहीं।

  • Image placeholder

    ONE AGRI

    अक्तूबर 20, 2024 AT 22:20

    यह अस्पताल हमारे देश की आत्मनिर्भरता का सच्चा प्रमाण है और हमें गर्व महसूस होना चाहिए। आध्यात्मिकता को आधुनिक तकनीक से जोड़कर जब हमारे डॉक्टर रोगियों की सेवा में लगे होते हैं तो यह दर्शाता है कि हम कितना प्रगतिशील हैं। हर कॉरिडोर में गंगा की बूँदें जैसा शान और शांति का एहसास है, जिससे मरीजों को मानसिक राहत मिलती है। इस संस्थान के निर्माण में भारतीय शिल्प कौशल का प्रतिबिंब साफ दिखता है, जो विदेशों की आयातित चीज़ों से बेहतर है। यहाँ के उपकरण न केवल विदेशी आयातित हैं बल्कि भारतीय नवाचार का नतीजा भी हैं, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा को दर्शाते हैं। अस्पताल का स्टाफ अपने दायित्व को धर्म समझकर काम करता है, जिससे उच्चतम नैतिक मानक स्थापित होते हैं। यह आत्म-विश्वास का स्रोत है कि हम अपनी आँखों की देखभाल स्वयं कर सकते हैं बिना किसी विदेशी सहारे के। मरीजों के लिए यह स्थान केवल चिकित्सा केंद्र नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अभयारण्य भी बन गया है। यह पहल हमारे समाज में समानता और समान अवसरों का प्रतीक है, जिससे हर वर्ग को समान स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। सरकार ने इस परियोजना को समर्थन देकर यह सिद्ध किया कि विकास और पारम्परिक मूल्यों के बीच कोई टकराव नहीं है। यह अस्पताल हमारे इतिहास में एक नई रोशनी की तरह चमकेगा, जिससे भविष्य की पीढ़ियां गर्व से अपनी पहचान बनाए रखेंगी। यहाँ की नीतियाँ कम लागत पर उच्च गुणवत्ता प्रदान करने की प्रतिबद्धता दर्शाती हैं, जिससे गरीब वर्ग भी लाभान्वित होते हैं। यह देखना सुखद है कि हमारी युवा पीढ़ी इन सुविधाओं से प्रेरित होकर चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाना चाहेगी। आध्यात्मिक माहौल में अगर रोगी को शारीरिक उपचार के साथ मन की शांति भी मिले, तो वह शीघ्र स्वस्थ हो जाता है। इस अस्पताल की स्थापना स्व-अनुशासन और राष्ट्रीय गौरव की भावना को जागृत करती है। अंत में, यह स्पष्ट है कि ऐसे प्रयास ही भारत को विश्व मंच पर एक नई ऊँचाई पर ले जाएंगे।

  • Image placeholder

    Himanshu Sanduja

    अक्तूबर 20, 2024 AT 23:20

    बहुत बढ़िया!

  • Image placeholder

    Kiran Singh

    अक्तूबर 21, 2024 AT 00:20

    सच में, इस तरह की पहल हमारे लिये प्रेरणा है 😊👍। आशा है कि यहाँ की सेवाएं सभी तक पहुंचेंगी।

  • Image placeholder

    Balaji Srinivasan

    अक्तूबर 21, 2024 AT 01:20

    आपकी राय समझ में आती है, पर शायद इस बार वास्तविक इरादा ही सकारात्मक हो सकता है। समय के साथ स्पष्ट हो जाएगा।

  • Image placeholder

    Hariprasath P

    अक्तूबर 21, 2024 AT 02:20

    यह हॉस्पिटल कन्फ़्यूज़न नहीं, बिलकुल एक लिविंग म्यूजियम जैसा है जहां बायो-टेक के साथ आध्यात्मिक आर्ट इंस्टालेशन हैं। ऐसे प्रोजेक्ट्स को अभी तक सच्ची सराहना नहीं मिली है।

  • Image placeholder

    Vibhor Jain

    अक्तूबर 21, 2024 AT 03:20

    आह, आध्यात्म और तकनीक का मिलन? जैसे योगा क्लास में रोबोटिक सर्जरी।

  • Image placeholder

    Rashi Nirmaan

    अक्तूबर 21, 2024 AT 04:20

    उपर्युक्त वर्णन में सतही प्रशंसा स्पष्ट है परन्तु वस्तुनिष्ठ आंकड़ों की आवश्यकता अधूरी रहती है।

  • Image placeholder

    Ashutosh Kumar Gupta

    अक्तूबर 21, 2024 AT 05:20

    क्या कहा जाए, इस बड़े उद्घाटन में इतने सारे झंडे हों, लेकिन असली असली मुद्दा तो मरीजों की देखभाल है, नहीं तो सब दिखावा।

  • Image placeholder

    fatima blakemore

    अक्तूबर 21, 2024 AT 06:20

    सच में, ऐसे सकारात्मक कदम हमारे समाज को आगे बढ़ा सकते हैं। उम्मीद है सबको फायदा होगा।

  • Image placeholder

    vikash kumar

    अक्तूबर 21, 2024 AT 07:20

    इस अस्पताल का निर्माण न केवल स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करता है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा प्रौद्योगिकी के आत्मनिर्भर विकास में भी योगदान देता है।

  • Image placeholder

    Anurag Narayan Rai

    अक्तूबर 21, 2024 AT 08:20

    वर्तमान में आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल के उद्घाटन को देखते हुए यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आध्यात्मिक और तकनीकी पहलुओं का संयोजन नई नीति प्रवृत्ति का प्रतिनिधित्व करता है; यह जुड़ाव न केवल रोगी अनुभव को समृद्ध करता है, बल्कि स्थानीय स्वास्थ्य इकाइयों के साथ सहयोगात्मक नेटवर्क को भी मजबूती प्रदान करता है, जिससे भविष्य में अधिक व्यापक स्वास्थ्य देखभाल योजना बनाना संभव हो सकेगा।

  • Image placeholder

    Sandhya Mohan

    अक्तूबर 21, 2024 AT 09:20

    जैसे क़लम और कुंदन साथ मिलकर कला बनाते हैं, वैसे ही आध्यात्म और विज्ञान का संगम हमें नया सवेरा दिखाता है।

एक टिप्पणी लिखें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी