वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने अपनी बड़ी पहल 'फेनोम इंडिया-सीएसआईआर हेल्थ कोहोर्ट नॉलेजबेस' (PI-CheCK) परियोजना के पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय जनता के लिए एक व्यापक और सटीक पूर्वानुमान मॉडल तैयार करना है, विशेष रूप से कार्डियो-मेटाबोलिक रोगों के लिए। इन रोगों में मुख्यतः मधुमेह और हृदय रोग शामिल हैं, जो भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं।
इस पहली चरण में, परियोजना के तहत 10,000 से अधिक नमूने एकत्र किए गए हैं। यह संग्रहण 17 राज्यों और 24 शहरों से किया गया है, जिसमें सीएसआईआर के कर्मचारी, पेंशनधारक, और उनकी पत्नियां शामिल हैं। इन नमूनों में क्लीनिकल प्रश्नावली, जीवन शैली और आहार की आदतें, मनोवैज्ञानिक माप, इमेजिंग और स्कैनिंग डेटा, और जैव-रासायनिक और आणविक डेटा शामिल हैं।
परियोजना का लक्ष्य सटीक चिकित्सा में प्रगति करना है, जो चार प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है: भविष्यवाणी (Predictive), व्यक्तिगत (Personalized), सहभागी (Participatory), और रोकथाम (Preventive) स्वास्थ्य देखभाल। सीएसआईआर इन चार सिद्धांतों के माध्यम से भारतीय आबादी के लिए एक व्यापक फेनोम डेटाबेस तैयार करना चाहता है, जिससे जोखिम भविष्यवाणी एल्गोरिदम अधिक सटीक और भारतीय जनसंख्या की विविध जीवन शैली और आनुवंशिक परिदृश्य के अनुरूप हो सकें।
गोवा के राष्ट्रीय समुद्रविज्ञान संस्थान (NIO) में आयोजित 'फेनोम इंडिया अनबॉक्सिंग 1.0' कार्यक्रम में इस परियोजना की सफलता को साझा किया गया। इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें डॉ. सौविक मैती, डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. शंतनु सेनगुप्ता, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह, और डॉ. वीरेन सरदाना शामिल थे।
इस परियोजना के माध्यम से सीएसआईआर ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो भारतीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में सटीक चिकित्सा की स्थिरता और सुधार की दिशा में अग्रसर है। यह पहल न केवल चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति लाएगी, बल्कि भारतीय जनसंख्या की स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक नई आधारशिला भी स्थापित करेगी।
'फेनोम इंडिया' परियोजना सटीक चिकित्सा की अवधारणा को नई दिशा देने की क्षमता रखती है। इस परियोजना के अंतर्गत एकत्रित आंकड़े अद्वितीय और व्यापक हैं, जिनमें क्लिनिकल, जीवन शैली, और जैव-रासायनिक डेटा शामिल हैं। यह डेटा अधिक सटीक और व्यक्तिगत चिकित्सा समाधान प्रदान करने में सहायता करेगा, जिससे विशेष रूप से भारतीय जनसंख्या के लिए डिजाइन की गई चिकित्सा पद्धतियों का निर्माण हो सकेगा।
उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इस परियोजना के और भी चरण पूराकिए जाएँगे और अधिक आंकड़े एकत्र किए जाएँगे। सीएसआईआर का लक्ष्य है कि यह नई डेटा संग्रहण विधियां और विश्लेषण मॉडल्स भारतीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। यह केवल बीमारी के उपचार तक सीमित नहीं होगा, बल्कि उसकी पूर्वानुमान और रोकथाम में भी मदद करेगा।
इसके साथ ही, इस परियोजना के परिणामों को विभिन्न चिकित्सा अनुसंधान केंद्रों और विश्वविद्यालयों में साझा करके एक व्यापक और समन्वित अनुसंधान दृष्टिकोण तैयार किया जाएगा। इसके माध्यम से न सिर्फ भारतीय बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा।
इस परियोजना की सफलता से चिकित्सा अनुसंधान में नया आयाम जुड़ा है, जिससे भारतीय जनता की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में गुणात्मक सुधार की उम्मीदें जगी हैं।
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