क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों लोग अखा तीज पर सोना खरीदते हैं और नए काम शुरू करते हैं? अखा तीज (Akshaya Tritiya) को बरकत और कभी ना ख़त्म होने वाली सफलता से जोड़ा जाता है। यह दिन व्यापार, निवेश और नए कामों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। यहाँ सरल भाषा में तारीख, पूजा-विधि और व्यावहारिक टिप्स दे रहा/रही हूँ, ताकि आप बिना उलझन के तैयारी कर सकें।
अखा तीज वैदिक पंचांग के अनुसार वसंत ऋतु में प्रतिवर्ष आती है—त्रयोदशी के बाद त्रितिया तिथि पर। तिथि साल-दर-साल बदलती है, इसलिए सालाना कैलेंडर या नजदीकी मंदिर की घोषणा देखें। इस दिन को 'अक्षय' यानी कभी न घटने वाली समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। पारंपरिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन की शुरु की गई कोई भी नेकी या व्यापार अच्छा फल देती है। इसलिए शादी, जमीन, व्यापार या सोना खरीदने की परंपरा भी इसी वजह से प्रचलित है।
पूजा सुबह सूर्योदय के बाद शुरू करें। तैयार रहने के लिए रात पहले साफ कपड़े और पूजा की सामग्री तैयार रखें—गंगाजल, ताजा फल, मिश्री, गhee या तेल, फूल और देसी घी का दीपक।
सरल पूजा चरण:
1) स्नान कर के शुद्ध होकर पवित्र स्थान चुनें। 2) ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय जैसे छोटे मंत्र से आरम्भ कर सकते हैं। 3) लक्ष्मी-विष्णु या अपनी परम्परा अनुसार देवता की प्रतिमा/चित्र के सामने दीप, नैवेद्य और पुष्प अर्पित करें। 4) यदि आप व्रत रखते हैं तो दिन भर केवल फल, दूध और हल्का भोजन लें या अपनी परम्परा के अनुसार निर्जला व्रत रखें। 5) शाम को आरती कर के परिवार के साथ भक्ति भाव से दिन पूरा करें।
व्यवहारिक सुझाव: अगर आप व्यापार या नया निवेश शुरू कर रहे हैं तो डॉक्यूमेंट, बैंक औपचारिकताएँ और गिनती पहले से व्यवस्थित रखें। सोना या कीमती सामान खरीदते वक्त प्रमाण और बिल अवश्य लें—क्योंकि तिथि ही नहीं, रिकॉर्ड भी जरूरी है।
क्षेत्रीय भिन्नता: राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में अखा तीज मनाने के तरीके अलग होते हैं—जैसे कुछ जगह पर खास पकवान बनते हैं, तो कुछ में विशेष मेला लगता है। इसलिए अपनी लोक परंपरा के अनुसार रस्में अपनाएं।
व्रत के दौरान ध्यान रखें कि भोजन और ऊर्जा की कमी न हो—खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए डॉक्टर से सलाह लें। धार्मिक भावना के साथ-साथ व्यावहारिक तैयारी से यह दिन और भी फलदायी बनता है।
अखा तीज पर छोटे काम, दान और सुख के लिए थोड़ी प्लानिंग बहुत फर्क डाल सकती है। आप क्या नया शुरू करने वाले हैं इस साल? एक छोटा सा कदम आज की तारीख पर बड़ा असर दे सकता है।
अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज के रूप में भी जाना जाता है, वैशाख महीने के उज्ज्वल पक्ष के तीसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी श्रेष्ठ स्थिति में होते हैं, जिससे इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
मई 10 2024