जब सूरज, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा पर नहीं आते, तो चंद्रमा केवल सूरज का कुछ हिस्सा ढँक देता है। इस दृश्य को हम आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं। यह घटना थोड़ा रहस्यमय लगती है, लेकिन समझना बहुत आसान है।
आंशिक ग्रहण के दौरान सूरज का एक छोटा हिस्सा ही छिपता है, बाकी हिस्सा चमकता रहता है। इसलिए आँखों को सीधे सूरज की रोशनी से बचाना ज़रूरी है, नहीं तो रेटिना को नुकसान हो सकता है।
ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का कक्षीय पथ पृथ्वी से देखे जाने पर सूर्य के सामने आती है। अगर चंद्रमा का छाया (अन्तराल) पूरी तरह सूर्य को नहीं ढँक पाती, तो हमें आंशिक ग्रहण दिखाई देता है। यह छाया दो भाग में बंटती है – यूमरूज (अंतर्लोभ) और पेनुम्ब्रा (धुंधलिका)। यूमरूज भाग में सूरज पूरी तरह ब्लॉक होता है, पेनुम्ब्रा में सिर्फ हिस्सा।
आंशिक ग्रहण का आकार और समय स्थान अनुसार बदलता है। भारत में अक्सर उत्तर-पूर्वी भाग में इसे देखा जाता है, क्योंकि वहाँ से चंद्रमा का कोण थोड़ा अलग होता है। अगले साल के कैलेंडर में कई आंशिक ग्रहण सूचीबद्ध हैं, इसलिए अगर आप खगोल में रूचि रखते हैं तो इन्हें नोट कर लें।
सबसे पहले, सूरज को सीधे देखने के लिए कभी साधारण धूप के चश्मे का इस्तेमाल न करें। आपको चाहिए विशेष रूप से सूर्य ग्रहण के लिए बनाये गये इन्डाइक्शन फ़िल्टर या सौर आंखें। ये फिल्टर सूरज की हानिकारक अल्ट्रा वायलेट और इन्फ्रारेड किरणों को ब्लॉक कर देते हैं।
अगर आपके पास सौर फ़िल्टर नहीं है, तो आप एक साधारण पिनहोल प्रोजेक्टर बना सकते हैं। एक कागज की साइड में छोटा छेद बनाकर उसे सूर्य की रोशनी में रखें, और दीवार या कागज पर छवि देखेँ। इससे आप सुरक्षित रूप से ग्रहण का आकार देख सकते हैं, बिना आँखों को नुकसान पहुंचाए।
ग्रहण को रिकॉर्ड करने के लिए कैमरा या मोबाइल का उपयोग भी किया जा सकता है, लेकिन फ़िल्टर को लेंस पर लगाना न भूलें। बिना फ़िल्टर के कैमरा सेंसर भी जल सकता है।
ग्रहण के समय बच्चों को भी समझाएँ कि बिना फ़िल्टर के सूरज को देखना खतरनाक है। उन्हें फ़िल्टर पहनाने के बाद ही ग्रहण देखना चाहिए, और अगर कोई चिंता हो तो तुरंत रोकें।
आंशिक सूर्य ग्रहण को देखते समय आरामदायक जगह चुनें, जैसे कि खुली जगह पर या पहाड़ी पर जहाँ हवा साफ़ हो। अगर मौसम में बादल या धुंध हो तो ग्रहण ठीक से नहीं दिखेगा, इसलिए स्थानीय मौसम पूर्वानुमान देख कर योजना बनाएं।
अंत में, ग्रहण के बाद कुछ रोचक बातें भी शेयर कर सकते हैं – जैसे कि टैबलेट पर जाँच करें कि क्या आपका कैमरा सही इंफ़्रारेड फ़िल्टर लगा है, या सोशल मीडिया पर #PartialEclipse टैग से अपने अनुभव शेयर करें। इस तरह न केवल आप सुरक्षित देखेंगे, बल्कि कई लोगों को भी सही जानकारी पास कर सकते हैं।
तो तैयार हो जाइए, अगली बार जब आंशिक सूर्य ग्रहण आएगा, तो सुरक्षित इंतजाम करके इस अद्भुत खगोलीय नज़र को देखें और मज़ा लें!
21 सितंबर 2025 को होने वाला आंशिक सौर ग्रहण दुनिया के दक्षिणी भागों में दिखेगा, भारत में सूरज नीचे होने के कारण नहीं देखा जा सकेगा। इसका अधिकतम आधा भाग न्यूज़ीलैंड एवं अंटार्कटिका में ढँकेगा और यह शरद विषुव के एक दिन पहले होगा। ऑनलाइन लाइव स्ट्रिमिंग से भारतीय विज्ञानप्रेमी इस घटना को देख सकते हैं। अगले ग्रहण 17 फ़रवरी 2026 को आएगा।
सितंबर 21 2025