जब दो टीमों का स्कोर बराबर हो और मैच समाप्त हो, तो जीत तय करने का एक ही तरीका रहता है – Super Over, क्रिकेट में दो टीमों के बराबर स्कोर पर अतिरिक्त पाँच गेंदों का एक छोटा सेट, जिसमें प्रत्येक टीम एक बार बैटिंग करती है. इसे कभी‑कभी सुपर ओवर भी कहा जाता है। इस माहिया में क्रिकेट का रोमांच दो गुना हो जाता है, क्योंकि बॉलों की गिनती, बैट्समैन की पावर और क्याचर की गति सब एक साथ दांव पर लगते हैं।
यह विशेष रूप से T20 फॉर्मेट में बहुत लोकप्रिय है। पाँच‑पाँच गेंदों में ही खेल को निर्णायक बनाने का दबाव, दर्शकों की हड़बड़ी और खेल की तेज़ी को नई ऊँचाइयों पर ले जाता है। भारत में IPL के हर सीजन में हम कई बार इस ओवर को देखा है, जहाँ टीम‑मैनेजर और कप्तान दोनों ही किन्हीं भी क्षण में रणनीति बदल सकते हैं – जैसे कि तेज़ रन‑स्कोरिंग के लिए शुरुआती शॉट्स, या आख़िरी दो बॉल में रिवर्स‑सॉकेट घुमाना।
Super Over शुरू करने से पहले दो मुख्य नियम लागू होते हैं। पहला, प्रत्येक टीम को केवल पाँच गेंदें मिलती हैं और अधिकतम दो विकेट गिर सकते हैं। दूसरा, बल्लेबाज़ी क्रम में जो पहले दो बॉलों में आउट हो जाता है, तो अगले दो बैट्समैन को क्रम में बैठना पड़ता है। इस कारण DLS (डक्का लीडर स्ट्रेटेजी) जैसे गणितीय मॉडलों की जरूरत नहीं पड़ती, पर टैक्टिक‑डायनामिक्स बहुत मायने रखती हैं। बल्लेबाज़ अक्सर पहले दो बॉल में हाई‑स्कोरिंग शॉट्स की कोशिश करते हैं, जबकि गेंदबाज़ को फर्स्ट बॉॉल में लींग पर ध्यान देना चाहिए ताकि इंटीरियर्स से बचा जा सके। इस छोटे‑से‑खेल में फील्डिंग प्लेसमेंट, स्लिप सेक्शन और बॉलर की डिलिवरी स्पीड सबका महत्वपूर्ण रोल है।
कभी‑कभी वॉक‑ऑफ़ या नो‑बॉल भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। पाँच गेंदों में दो नो‑बॉल मिल जाएं तो टीम को अतिरिक्त स्कोर और एक आश्चर्यजनक क्षण मिल जाता है। इसलिए मैच‑ऑफ़िशियल्स भी इस ओवर के दौरान बहुत सतर्क रहते हैं, ताकि कोई तकनीकी त्रुटि न हो। कई बार हमने देखा कि एक ही ओवर में दो टीमों के बीच कई बार रिफ़रेंस‑बदलाव होते हैं – एक बॉल में ही मैच का फोकस बदल जाता है।
इतिहास में कई यादगार Super Over हुए हैं। 2019 विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच दो Super Over लगते हैं, जहाँ हर बॉल पर नर्वस फैन बेस के साथ खेली गयी थी। दिल्ली की स्थानीय लीग में जब यूपी और महाराष्ट्र की टीमें टाई पर आएं, तो दूसरे ओवर में एक ही बॉल पर हिट‑ऑफ़ और पैरावाली के कारण जीत तय हुई। इन घटनाओं ने दिखा दिया कि Super Over सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि दिमाग़ की लड़ाई भी है। यह दर्शाता है कि कैसे कप्तान‑निर्णय, बॉलर‑हैट्रिक्स और बैट्समैन‑ट्रेनिंग एक साथ मिलकर असफलता या जीत का फॉर्मूला बनाते हैं।
भविष्य में नियम‑बदलाव की चर्चा भी चल रही है। कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि पाँच गेंदों की बजाय सात या नौ गेंदों तक बढ़ाने से मज़ा दोबारा नहीं बढ़ेगा, बल्कि दर्शकों को थका देगा। वहीं कुछ मज़ेदार प्रस्ताव – जैसे कि हर टीम को दो पावर‑प्ले बॉल देना – अभी भी विचाराधीन है। चाहे नियम कैसे भी बदलें, Super Over का रोमांच हमेशा क्रिकेट प्रेमियों को खींचता रहेगा, क्योंकि इसका असर कभी‑कभी पूरे टूर्नामेंट की दिशा बदल देता है। अब आप इन नियमों, रणनीतियों और यादगार पलों को समझ चुके हैं, तो नीचे दी गई लेखों की सूची में देखें कि कैसे विभिन्न मैचों में Super Over ने मैदान पर जादू किया।
दुबई में भारत ने श्रीलंका को 202 रन बराबर करने के बाद सुपर ओवर में मात देकर Asia Cup 2025 के फ़ाइनल में जगह पक्की की। सानजू सामसन, तिलक वर्मा और अर्शदीप सिंह की धाकड़ प्रदर्शन ने टीम को जीत दिलाई। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टीम की लचीलापन की सराहना की। अब भारत का मुकाबला पाकिस्तान से होगा।
सितंबर 26 2025