अक्षय तृतीया हिन्दू और जैन परंपरा में साल की सबसे शुभ तिथियों में गिनी जाती है। 'अक्षय' का मतलब है कभी न घटने वाला, यानी इस दिन शुरू किया गया काम लंबे समय तक फल देता है — चाहे वो दान हो, व्यापार की नई शुरुआत हो या सोना खरीदना।
क्या आप जानते हैं कि अक्षय तृतीया पर नए कारोबार, घड़ा रोपने या भूमि पर कोई नया काम शुरू करने को शुभ माना जाता है? लोग आम तौर पर इस दिन सोना और धन-संबंधी चीजें खरीदते हैं और परिवार के साथ पूजा करते हैं।
अगर आप इस दिन ज्यादा कुछ नहीं करना चाहते तो ये सरल चीजें कर लें: घर में भगवान की स्थापना कर के दीप जलाएँ, किसी जरूरतमंद को अनाज या कपड़े दान करें, और परिवार के साथ हल्का-फुल्का प्रसाद बाँटें।
सोना खरीदना: कई लोग अक्षय तृतीया पर सोना खरीदते हैं क्योंकि इसे लाभदायक माना जाता है। अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं तो गर्वनमेंट रेट और शुद्धता जरूर चेक करें। जरूरत और बजट के हिसाब से ही खरीदें — मुनाफे की गारंटी कोई नहीं देता।
निवेश और नया व्यापार: कई व्यवसायी इस दिन नया फर्म खोलते हैं या नई स्कीम लॉन्च करते हैं। अगर आप निवेश कर रहे हैं तो सिर्फ शुभ दिन पर भरोसा न करें—बुनियादी रिसर्च जरूर कर लें।
दान और सेवा: अक्षय तृतीया दान के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। अनाज, कपड़े, स्कूल की सामग्री, या भोजन दान करें। छोटे-छोटे काम भी बड़े असर डालते हैं।
पूजा की सरल विधि: सुबह स्नान के बाद सफाई करके पूजा स्थल सजाएं। भगवान की तस्वीर या मूर्ति रखें, दीप और अगरबत्ती जलाएं। हल्का प्रसाद बनाकर घर-परिवार के साथ बाँटें। जैन धर्म में भी इस दिन विशेष श्रद्धा से अनुष्ठान होते हैं।
मुहूर्त और समय: अक्षय तृतीया का शुभ समय हर साल बदलता है, इसलिए स्थानीय पंचांग या अपने नजदीकी पुजारी से समय पूछ लें। नकारात्मक ग्रह की स्थिति वाले समय में बड़ी खरीद-फरोख्त या दस्तावेज़ पर साइन करने से पहले सलाह लें।
खान-पान और व्रत: कुछ लोग हल्का व्रत रखते हैं, तो कुछ पूरे दिन सामान्य भोजन करते हैं। व्रत रखने पर हल्का फलाहार और दूध-योग्य चीज़ें लें। मधुमेह या किसी स्वास्थ्य समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
याद रखें: परंपरा का मान रखना अच्छा है, पर समझदारी से फैसले लें। खरीदारी और निवेश में तर्क और बजट को प्राथमिकता दें। दान करते समय विश्वसनीय संस्थाओं या सीधे जरूरतमंदों को चुनें।
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अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज के रूप में भी जाना जाता है, वैशाख महीने के उज्ज्वल पक्ष के तीसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी श्रेष्ठ स्थिति में होते हैं, जिससे इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
मई 10 2024