जब हम बारिश, वायुमंडल में जलवाष्प के संघनन से बनने वाली जल बूंदें जो पृथ्वी की सतह पर गिरती हैं. Also known as वृष्टि की बात करते हैं, तो यह सिर्फ पानी नहीं, बल्कि जीवन की धड़कन है। बारिश के बिना खेती मंद पड़ती, जल आरक्षण घटता और मौसम की भविष्यवाणी कठिन होती। यही कारण है कि भारत में मौसम, वायुमंडलीय स्थितियों और तापमान का समग्र रूप. Alternate name हवा‑पानी का खेल को समझना हर नागरिक की जरूरत बन गया है।
जब बाढ़, अत्यधिक वर्षा या नदी‑नाले के ओवरफ़्लो से उत्पन्न जल स्थिरता का अभाव. Alternate name जलसंकट हो जाता है, तो यह न सिर्फ घरों को डुबोता है, बल्कि सड़कें, बिजली सप्लाई और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर डालता है। कई शहरों में, जैसे दिल्ली में, IMD का पीला अलर्ट, जलवायु जोखिम की शुरुआती चेतावनी अक्सर बारिश के साथ जुड़ा रहता है। इस चेतावनी से लोगों को तैयारी का मौका मिल जाता है – जैसे आपातकालीन किट रखना, निचले स्तर के इलाके से बाहर निकलना या कृषि में जल‑प्रबंधन तकनीक अपनाना। वहीं, मानसून, भारतीय उपमहाद्वीप में मौसमी वर्षा की प्रमुख अवधि. Alternate name मौसम की धारा पंजाब से दक्षिण तक विस्तारित है और यह फसल‑उपज, जल‑भंडार और ऊर्जा उत्पादन को सीधे प्रभावित करता है। जब मानसून ठीक समय पर नहीं आता, तो जल‑संकट और सूखे दोनों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
इन सबका एक-दूसरे से जुड़ाव स्पष्ट है: बारिश एक मुख्य घटक है जो मौसम को बनाता है, बाढ़ को उत्पन्न कर सकता है, और मानसून के रूप में मौसमी पैटर्न को निर्धारित करता है। इस संबंध को समझने के लिए मौसमी विज्ञान, यानी मौसम विज्ञान, वायुमंडलीय घटनाओं की अध्ययन शाखा का ज्ञान जरूरी है। सही पूर्वानुमान से न केवल व्यक्तिगत योजना बनती है, बल्कि सरकार और स्थानीय प्रशासन जल‑सुरक्षा नीतियों को भी तैयार कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, IPL मैचों में KKR‑SRH के बीच ईडन‑गार्डन पर बारिश की आशंका का उल्लेख अक्सर खेल‑प्रशासन को पिच तैयारी और दर्शकों की सुरक्षा के लिहाज़ से निर्णय लेने पर मजबूर करता है। इसी तरह, दिल्ली के मौसम विभाग द्वारा जारी पीला अलर्ट न केवल नागरिकों को सतर्क करता है, बल्कि वायु गुणवत्ता (AQI) और स्वास्थ्य उपायों को भी दिशा देता है।
नीचे आपको बारिश से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर लिखे हुए लेख मिलेंगे – दिल्ली में मौसम पूर्वानुमान, बाढ़ जोखिम के टिप्स, नियर‑फ्यूचर में मानसून की संभावनाएं और जल‑सुरक्षा से जुड़ी सरकारी नीतियों की जानकारी। चाहे आप किसान हों, यात्रा के शौकीन, या सिर्फ रोज़मर्रा की तैयारी चाहते हों, इस संग्रह में आपके सवालों के जवाब मिलेंगे। तो चलिए देखते हैं, हमारे पास कौन‑कौन से ताज़ा ख़बरें और गहरी जानकारी उपलब्ध है।
भारी वर्षा के खतरे से झारखंड में 5‑6 अक्टूबर को IMD ने ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी किए। 20 जिलों में तीव्र बारिश, तेज़ हवाओं और बाढ़ का जोखिम, किसानों को विशेष सलाह।
अक्तूबर 6 2025