जब बात आती है भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार की मुख्य मौसम विज्ञान एजेंसी, जो सटीक मौसम पूर्वानुमान, जलवायु निगरानी और आपदा चेतावनी प्रदान करती है. इसके अलावा इसे आम तौर पर IMD कहा जाता है, और यह देश‑व्यापी मौसम डेटा इकट्ठा कर सार्वजनिक सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। अगर आप दैनिक मौसम, वर्षा की संभावना, तेज़ हवा या धुंध के बारे में त्वरित जानकारी चाहते हैं, तो IMD की रिपोर्ट सबसे भरोसेमंद स्रोत है।
IMD द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान, भविष्य के 7‑10 दिन के तापमान, मौसम स्थितियों और वर्षा संभावनाओं की विस्तृत भविष्यवाणी किसानों, यात्रियों और उद्योगों के लिये जीवनरेखा जैसा है। किसान फसल बुवाई या कटाई का समय तय करने के लिए इस पूर्वानुमान पर भरोसा करते हैं; यात्रा करने वाले लोग बारिश या बर्फीले मौसम से बचने के लिए देख लेते हैं। पिछले कुछ महीनों में जब प्रवाह में अचानक बदलाव आया, उसी ने कई शहरों में जलभराव की समस्या को कम किया, क्योंकि लोग पहले से ही सूचनाएं देख रहे थे। यही कारण है कि सटीक पूर्वानुमान सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की योजना का आधार बन जाता है।
पारिस्थितिक जोखिमों से निपटने में चेतावनी प्रणाली, सीमा‑सीमा पर त्रुटिहीन आपदा अलर्ट, जिसमें बाढ़, आँधियां, धधकती सूखे और ठंडे front के अलर्ट शामिल हैं का रोल अहम है। जब भी कोई गंभीर घटना की संभावना बनती है, IMD मोबाइल, टीवी और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर तुरंत पीलो और रेड अलर्ट जारी करता है। इसके अलावा, AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक), शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण स्तर की रीयल‑टाइम रेटिंग भी उपलब्ध कराता है, जिससे लोग अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें। कई बड़़े शहरों में रैपिड AQI अपडेट के कारण लोगों ने बाहरी गतिविधियों को समायोजित किया और स्वास्थ्य समस्याओं में गिरावट देखी। इन सभी सूचनाओं का एक ही लक्ष्य है – निवारक कदम उठाकर नुकसान कम करना।
जब कृषि मौसम की बात आती है, तो IMD की कृषि मौसम रिपोर्ट, फसल‑विशिष्ट मौसम सलाह, जैसे बांस, धान, गेंहूँ और फलों के लिए अनुकूल मौसम समय किसानों के लिये जीने का जरिया बन गई है। इसके अलावा, विभाग के जलवायु अनुसंधान, दीर्घकालिक मौसम पैटर्न, ग्लोबल वार्मिंग प्रभाव और मौसमी बदलावों का अध्ययन ने नीति निर्माताओं को बेहतर जल प्रबंधन और जल संसाधन योजना बनाने में मदद की है। इन सबसे जुड़ी जानकारी को एक जगह समझना आसान होता है, इसलिए आप नीचे दिए गए लेखों में देखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में मौसम विज्ञान का प्रयोग हो रहा है, कौन सी नई चेतावनी तकनीकें आई हैं, और किस तरह से AQI डेटा ने स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाया है। अब आइए, इस टैग में एकत्रित नवीनतम समाचार, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय की झलक देखें।
भारी वर्षा के खतरे से झारखंड में 5‑6 अक्टूबर को IMD ने ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी किए। 20 जिलों में तीव्र बारिश, तेज़ हवाओं और बाढ़ का जोखिम, किसानों को विशेष सलाह।
अक्तूबर 6 2025