क्या आप या आपके किसी करीबी की याददाश्त, सोचने की रफ्तार या बोलने-समझने में बदलाव महसूस कर रहे हैं? ऐसे बदलाव अक्सर संज्ञानात्मक विकार की तरफ इशारा करते हैं। समय पर पहचान और सरल कदम बहुत फर्क डालते हैं।
संज्ञानात्मक विकार दिमाग की उन क्षमताओं का नुकसान होते हैं जिनमें याददाश्त, ध्यान, भाषा और निर्णय लेना शामिल है। यह हल्का हो सकता है (MCI - Mild Cognitive Impairment) या गंभीर रूप से रोज़मर्रा के कामों में दिक्कत देने वाला जैसे डिमेंशिया और अल्जाइमर।
कुछ मामलों में समस्या अचानक आती है, जैसे delirium (संक्रमण या दवा की वजह से), और कुछ धीरे-धीरे बढ़ते हैं, जैसे अल्जाइमर। कारणों में उम्र, सिर की चोट, स्टोक, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर, और कुछ दवाइयाँ शामिल हो सकती हैं।
कब डॉक्टर से मिलें? जब याददाश्त इतनी कमजोर हो कि काम-काज प्रभावित हो रहा हो, बार-बार भटकना हो, बातचीत में संघर्ष हो या अचानक व्यवहार में बदलाव आए। शुरुआत में सामान्य डॉक्टर या न्यूरोलॉजिस्ट से बात करें।
जांच में अक्सर संज्ञानात्मक स्केल (जैसे MMSE या MoCA), सरल खून की जांच, और जरूरत पर MRI/CT होकर दिमाग की तस्वीर ली जाती है। ये बताते हैं कि समस्या किस वजह से हो रही है और क्या reversible है।
इलाज: कुछ मामलों में दवाइयाँ मदद करती हैं (जैसे अल्जाइमर में cholinesterase inhibitors या memantine)। साथ ही cognitive therapy, व्यायाम और सामाजिक गतिविधियाँ लाभ देती हैं। अगर वजह दवा, विटामिन कमी या संक्रमण हो तो उसे ठीक करने पर सुधार संभव है।
रोज़मर्रा की मदद के आसान तरीके: दिनचर्या बनाएं, जरूरी चीज़ों पर लेबल लगाएँ, महत्वपूर्ण तारीखें और नंबर नोट करें, घर में सुरक्षा बढ़ाएं (झटके, आग से बचाव)। छोटे-छोटे काम बांटें और प्रतीक चिन्हों का प्रयोग करें ताकि भ्रम कम हो।
परिवार के लिए टिप्स: धैर्य रखें, सीधे और धीमी आवाज़ में बात करें, सवालों को आसान रखें और निर्णयों में उनकी भागीदारी बढ़ाएं। कानूनी और वित्तीय पावर ऑफ अटॉर्नी पहले से सुरक्षित रखें ताकि भविष्य में दिक्कत न हो।
रोकथाम के असरदार कदम: नियमित व्यायाम, संतुलित आहार (हरी सब्ज़ियाँ, ओमेगा-3), नींद पूरी करें, धूम्रपान और अधिक शराब से बचें, ब्लड प्रेशर व शुगर कंट्रोल रखें और दिमागी खेल जैसे पढ़ना, पजल हल करना बनाए रखें।
अगर आप चिंतित हैं तो छोटा-सा नोट बनाकर डॉक्टर को दिखाएँ—कब बदलाव शुरू हुआ, कौनसी समस्याएँ रोज़ आती हैं। सही समय पर मदद मिलने से जीवन की गुणवत्ता काफी बेहतर हो सकती है।
जरूरी हो तो स्थानीय सपोर्ट ग्रुप या विशेषज्ञ क्लिनिक से जुड़ें; अकेले संघर्ष करने की ज़रूरत नहीं।
आवेशम फिल्म के प्रमुख अभिनेता फहाद फासिल ने हाल ही में खुलासा किया है कि उन्हें 41 साल की उम्र में ध्यान-अभाव/अतिक्रियाशीलता विकार (ADHD) का पता चला है। थेरेपिस्ट मेरिडिथ कार्डर बताती हैं कि ADHD वाले व्यक्तियों के लिए बर्नआउट रोकथाम के लिए भावनात्मक असंतुलन और परिपूर्णता जैसी समस्याओं को समझना जरूरी है। उन्हें अपनी चुनौतियों को मैनेज करने के लिए योग, माइंडफुलनेस और जॉयफुल एक्टिविटीज़ का सहारा लेना चाहिए।
मई 27 2024