सिंधु जल संधि — क्या है और क्यों जरूरी है?

सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक अहम समझौता है। क्या आप जानते हैं कि यह समझौता विश्व के सबसे लंबे समय तक चलने वाले द्विपक्षीय जल समझौतों में से एक है? सिंधु नदी और उसके सहायक नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर इस संधि ने स्पष्ट नियम बनाये हैं।

सरल शब्दों में: संधि ने नदियों को दो हिस्सों में बाँटा — पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज) मुख्यतः भारत के इस्तेमाल के लिए और पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) मुख्यतः पाकिस्तान के लिए। हालांकि भारत को पश्चिमी नदियों पर कुछ सीमित उपयोग, जैसे रन‑ऑफ‑द‑रिवर पावर प्रोजेक्ट और अनिवार्य नहरें बनाने की अनुमति है, पर इसके लिए पारदर्शी प्रक्रियाएँ हैं।

मुख्य कारक जो जानने चाहिए

1) मध्यस्थता और विवाद निपटान: संधि में Permanent Indus Commission (पीआईसी) बनी है — दोनों देशों के कमिश्नर यही मुद्दे सुलझाते हैं। गंभीर विवादों के लिए Neutral Expert या Court of Arbitration का रुख किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर किशनगंगा और बाघलिहर मामलों में अंतरराष्ट्रीय मुकदमों के जरिये निर्णय निकले।

2) तकनीकी नियंत्रण: परियोजना डिजाइन, पानी की मात्रा, और बाँधों की संरचना पर स्पष्ट तकनीकी मानक हैं। भारत को जब भी पश्चिमी नदियों पर बड़े बांध बनाने होते हैं, तो उसे पाकिस्तान को पूरी जानकारी देनी पड़ती है और दोनों पक्षों के तकनीकी तर्कों को माना जाता है।

यह आपके लिए क्यों मायने रखता है?

कृषि और पीने के पानी की सुरक्षा की बात करें तो सिंधु जल संधि सीधे आम आदमी की ज़िन्दगी से जुड़ी है। जो इलाके सिंधु‑नदी बेस्ड हैं, वहां पानी का सही बंटवारा और बांधों की योजनाएँ फसल उत्पादन, सिंचाई और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं।

अगर आप छात्र, किसान या नीति में रुचि रखने वाले नागरिक हैं, तो समझौते के टेक्निकल पहलू और विवाद निपटान की प्रक्रिया जानना फायदेमंद है। सरकारी दस्तावेज और World Bank की वेबसाइट पर संधि की मूल प्रत मिल जाती है। भारत में Ministry of Jal Shakti और केंद्रीय जल संसाधन विभाग भी अपडेट देते हैं।

चिंताजनक सवाल भी उठते हैं — बदलता मौसम, ग्लेशियरों का पिघलना और बढ़ती मांग भविष्य में किस तरह असर डालेंगे? इन मुद्दों पर दोनों देशों के बीच तकनीकी और राजनयिक संवाद ही असरदार रास्ता है।

अगर आप इस टैग पेज पर रुके हैं, तो आप सिंधु जल संधि से जुड़ी ताज़ा खबरें, विवाद और तकनीकी रिपोर्ट्स पढ़ना चाहेंगे। हम समय‑समय पर कोर्ट के फैसलों, नए जल प्रोजेक्ट्स और अधिकारिक बयानों की अपडेट यहाँ लाते रहेंगे।

चाहिए तो आप World Bank की साइट पर संधि का मूल पाठ देखें, या Ministry of Jal Shakti की रिपोर्ट्स पढ़ें। सवाल हैं? नीचे कमेंट करें या साइट के संबंधित लेख खोलकर आगे पढ़ें — हम सरल भाषा में बताने की कोशिश करेंगे।

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अप्रैल 23 2025